दुर्ग: अयोध्या में रामलला की मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा 22 जनवरी को है. इस दिन पूरे देश के लोग दीया जलाकर रामलला का स्वागत करेंगे. इस दिन को दीपावली की तरह मनाए जाने की तैयारी की जा रही है. इसे लेकर पूरे देश में दीयों की डिमांड बढ़ गई है. आलम यह है कि कुम्हारों के लिए ऑर्डर पूरा करना बड़ी चुनौती बनता जा रहा है
दीयों का ऑर्डर करना बना चुनौती: दरअसल, छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में भी कुम्हार इन दिनों लगातार दीयों का स्टॉक पूरा करने में लगे हुए हैं. रात दिन कुम्हार का पूरा परिवार दीये तैयार कर रहा है. दुर्ग में भी दीयों की डिमांड तेजी से बढ़ रहा है. जिले के जेवरा सिरसा गांव के कुम्हार परिवार के लिए दीयों का ऑर्डर पूरा करना बड़ी चुनौती बन गई है. लगातार ये कुम्हार पूरे परिवार के साथ दीये बनाने में जुटे हुए हैं. अब तक 25 लाख से ज्यादा दिए दुर्ग के अलावा आसपास के जिले में डिलीवर किए जा चुके हैं.
जानिए क्या कहते हैं कुम्हार: दुर्ग जिले का कुम्हार भोला कुंभकरण ने ईटीवी भारत से बातचीत की. उसने बताया कि, "पहले एक हजार दिया 600 से 700 रुपये में बेचते थे. लेकिन अब एक हजार दीये, एक हजार में बेच रहे हैं. पहले बाजारों में दीये बेचने बेचे जाते थे. लेकिन अब घर आकर लोग ऑर्डर दे रहे हैं. इतने दीपक के आर्डर मिल चुके हैं कि दीये बेचकर कुछ महंगा सामान खरीद लेंगे."
पूरा परिवार दिन रात कर रहा मेहनत: जिले के कुम्हारों की मानें तो दिवाली पर दीये बनाने की तैयारी करीब छह माह पहले ही शुरू कर देते हैं. इस समय दीयों की मांग अचानक बढ़ गई है. बीते एक महीने से उन्हें ऑर्डर मिलने लगे हैं. इसके लिए वह तैयार नहीं थे. इसलिए मुश्किलें आ रही हैं. इस पर बिना धूप वाले इस मौसम ने उनकी मुश्किलें और बढ़ा दी हैं. दीये बिना धूप के सूख नहीं रहे हैं. इसके बावजूद 22 जनवरी की मांग को पूरा करने के लिए कुम्हारों का परिवार दिन रात काम कर रहा है.
बता दें कि 22 जनवरी को राम मंदिर के भव्य उद्घाटन के मौके पर देशभर में दिवाली का जश्न मनाया जाएगा. इसके लिए अभी से लोगों ने तैयारियां करनी शुरू कर दी है. दीया खरीदने से लेकर साज-सजावट का सामान खरीदने के लिए लोगों की भीड़ बाजार पहुंच रही है. इस बीच दुर्ग में दीयों का डिमांड पूरा करना कुम्हारों के लिए बड़ी चुनौती बन गई है.