लखनऊ: पूर्वी लखनऊ विधानसभा सीट के लिए होने जा रहे उपचुनाव में अपना टिकट फाइनल मान कर चल रहे पूर्व राज्यपाल दिवंगत लाल जी टंडन के पुत्र अमित टंडन को झटका लग सकता है. आशुतोष टंडन गोपाल जी के निधन के बाद इस सीट पर उपचुनाव होने जा रहा है. अमित टंडन टिकट के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं. लेकिन प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने इस सीट पर अपना वीटो पावर का इस्तेमाल किया है. पाठक अपने एक चेहते ब्रह्मण चेहरे को कैंडिडेट बनाना चाह रहे हैं. ऐसे में टंडन परिवार की सियासी विरासत पर खतरा मंडराने लगा है.
चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव के साथ उत्तर प्रदेश की चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की भी घोषणा की है. जिसमें एक सीट लखनऊ पूर्व की भी है. पूर्व मंत्री आशुतोष टंडन गोपाल जी के निधन के बाद यह सीट खाली हुई है. वैसे तो इस सीट पर चुनाव लड़ने के कई दावेदार हैं. लेकिन मुख्य रूप से आशुतोष टंडन के भाई अमित टंडन उर्फ कल्लू भैया अपनी दावेदारी जता रहे हैं. उनका नाम रेस में आगे भी चल रहा है. लेकिन अब इसमें पेंच फंसता दिख रहा है.
बीजेपी के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक इस सीट पर अपने नजदीकी ब्राह्मण नेता को लड़ाने की जिद पर अड़े हुए हैं. वैसे जिस नेता के लिए पाठक ने जिद पकड़ी है वह 2017 से लगातार बीजेपी का टिकट पाने की कोशिश कर रहे हैं. पिछले कुछ समय से उपमुख्यमंत्री उन पर बहुत अधिक भरोसा कर रहे हैं. ऐसे में वह चाहते हैं कि उनको ही इस सीट से टिकट मिल जाए. मगर इस वजह से पूर्व पीएम अटलजी के सहयोगी लाल जी टंडन के पुत्र का टिकट कटता हुआ नजर आ रहा है.
वैसे लखनऊ पूर्व सीट से बीजेपी के दावेदारों की बात करें तो अमित टंडन के अलावे राजीव मिश्रा, प्रभुनाथ राय, हीरो बाजपेई, मनीष शुक्ल, अभिजात मिश्रा और मुलायम सिंह यादव की पुत्रवधू अपर्णा यादव भी इस सीट से लड़ने की इच्छा जाता रहे हैं.
इस बारे में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बताया कि लखनऊ पूर्व क्षेत्र के टिकट वितरण को लेकर उनकी कोई भूमिका नहीं है. उन्होंने कहीं कोई दबाव नहीं डाला है. पार्टी नेतृत्व जिसको टिकट देना चाहेगा वह अपनी व्यवस्था के तहत देगा. पार्टी का हर फैसला मुझे मंजूर है.