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मथुरा में प्राचीन मंदिर; जानिए हजारों वर्षों से क्यों तपस्या कर रहीं हैं मां लक्ष्मी, क्या है मान्यता? - MATHURA NEWS

बेलवन गांव में मां लक्ष्मी के मंदिर में श्रद्धालु खिचड़ी का लगाते हैं भोग.

मथुरा में मां लक्ष्मी मंदिर
मथुरा में मां लक्ष्मी मंदिर (Photo credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 2, 2025, 7:09 PM IST

Updated : Jan 2, 2025, 9:13 PM IST

मथुरा : जनपद मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर बेलवन स्थित मां लक्ष्मी मंदिर में दूरदराज से लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां दर्शन करने के लिए आते हैं. पौष के महीने में हर गुरुवार को यहां विशाल मेला लगता है. श्रद्धालु यहां खिचड़ी का भोग लगाते हैं. मान्यता है कि मां लक्ष्मी भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन के लिए तपस्या कर रही हैं.



जानिए क्या है इसका पौराणिक इतिहास : जनपद की मांट तहसील के बेलवन गांव में हजारों साल पुराना मंदिर है. मंदिर पुजारी ने बताया कि बेलवन वृक्ष के नीचे मां लक्ष्मी तपस्या की मुद्रा में विराजमान हैं. मान्यता है कि मां लक्ष्मी भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन के लिए तपस्या कर रही हैं. पौष के महीने के हर गुरुवार को इस प्राचीन मंदिर में मेला लगता है और मां लक्ष्मी को खिचड़ी का भोग लगाया जाता है. दूर दराज से लाखों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते हैं. श्रद्धालु पूजा की थाली में कमल का फूल, माला, चुनरी और दीपक जलाते हैं.

मथुरा में मां लक्ष्मी मंदिर (Video credit: ETV Bharat)

पुजारी खेमचंद राघव ने बताया कि साढ़े पांच हजार वर्ष पुराना मां लक्ष्मी का मंदिर बना हुआ है. मान्यता है कि इस मंदिर में आज भी मां लक्ष्मी भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन के लिए तपस्या कर रहीं हैं. उन्होंने बताया कि जब कलयुग के अंत में कल्कि भगवान श्रीकृष्ण के विष्णु रूप में अवतार लेंगे, तब मां लक्ष्मी को दर्शन होंगे. पौराणिक मान्यता है कि द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण और राधा गोपियों के साथ वृंदावन में महारास कर रहे थे, तब रास देखने की इच्छा मां लक्ष्मी ने की थी, लेकिन उनको वृंदावन में महारास देखने की अनुमति नहीं मिली थी.

कहा जाता है कि कृष्ण भगवान से नाराज होकर मां लक्ष्मी उनकी तपस्या में यमुना नदी के किनारे बेलवन में बैठी हुई हैं. पौष के महीने मे यहां विशाल मेला लगता है और गुरुवार को मां लक्ष्मी के विशेष दर्शन मिलते हैं. मान्यता है कि जो भी श्रद्धालु खिचड़ी का प्रसाद मां लक्ष्मी को अर्पण करते हैं उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं.

यह भी पढ़ें : यहां प्रसाद में मिलते हैं नोट और गहने, दिवाली की पूजा के बाद, जानिए भारत के वो प्रसिद्ध लक्ष्मी मंदिर जहां दर्शनों की है बड़ी मान्यता - UNIQUE MAHAAXMI TEMPLE

मथुरा : जनपद मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर बेलवन स्थित मां लक्ष्मी मंदिर में दूरदराज से लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां दर्शन करने के लिए आते हैं. पौष के महीने में हर गुरुवार को यहां विशाल मेला लगता है. श्रद्धालु यहां खिचड़ी का भोग लगाते हैं. मान्यता है कि मां लक्ष्मी भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन के लिए तपस्या कर रही हैं.



जानिए क्या है इसका पौराणिक इतिहास : जनपद की मांट तहसील के बेलवन गांव में हजारों साल पुराना मंदिर है. मंदिर पुजारी ने बताया कि बेलवन वृक्ष के नीचे मां लक्ष्मी तपस्या की मुद्रा में विराजमान हैं. मान्यता है कि मां लक्ष्मी भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन के लिए तपस्या कर रही हैं. पौष के महीने के हर गुरुवार को इस प्राचीन मंदिर में मेला लगता है और मां लक्ष्मी को खिचड़ी का भोग लगाया जाता है. दूर दराज से लाखों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते हैं. श्रद्धालु पूजा की थाली में कमल का फूल, माला, चुनरी और दीपक जलाते हैं.

मथुरा में मां लक्ष्मी मंदिर (Video credit: ETV Bharat)

पुजारी खेमचंद राघव ने बताया कि साढ़े पांच हजार वर्ष पुराना मां लक्ष्मी का मंदिर बना हुआ है. मान्यता है कि इस मंदिर में आज भी मां लक्ष्मी भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन के लिए तपस्या कर रहीं हैं. उन्होंने बताया कि जब कलयुग के अंत में कल्कि भगवान श्रीकृष्ण के विष्णु रूप में अवतार लेंगे, तब मां लक्ष्मी को दर्शन होंगे. पौराणिक मान्यता है कि द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण और राधा गोपियों के साथ वृंदावन में महारास कर रहे थे, तब रास देखने की इच्छा मां लक्ष्मी ने की थी, लेकिन उनको वृंदावन में महारास देखने की अनुमति नहीं मिली थी.

कहा जाता है कि कृष्ण भगवान से नाराज होकर मां लक्ष्मी उनकी तपस्या में यमुना नदी के किनारे बेलवन में बैठी हुई हैं. पौष के महीने मे यहां विशाल मेला लगता है और गुरुवार को मां लक्ष्मी के विशेष दर्शन मिलते हैं. मान्यता है कि जो भी श्रद्धालु खिचड़ी का प्रसाद मां लक्ष्मी को अर्पण करते हैं उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं.

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Last Updated : Jan 2, 2025, 9:13 PM IST
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