दुर्ग : महिलाओं की आमदनी बढ़ाने तथा उन्हें आर्थिक रुप से सशक्त बनाने के लिए केंद्र सरकार की लखपति दीदी योजना वरदान साबित हो रही है. समूह की महिलाएं इस योजना का लाभ उठाकर स्वयं को आत्मनिर्भर बना रही हैं. दुर्ग जिले के पाटन विकासखंड के ग्राम झीट की एकता महिला स्वयं सहायता समूह की महिला ममता साहू ने बताया कि वो च्वाइस सेंटर ग्राम झींट में फोटो कॉपी करने के साथ ही आधार कार्ड, पेन कार्ड, आयुष्मान कार्ड का फार्म भरने के साथ ही आनलाइन फार्म भरने का काम करती हैं.
पहले आर्थिक तंगी से थी परेशान : ममता साहू की माने तो अब उनकी आर्थिक स्थिति सुधर रही है. पहले वो कुछ काम नहीं करती थी.लेकिन सरकारी मदद से उन्होंने दुकान खोला.इसके पहले उन्हें आर्थिक तंगी से गुजरना पड़ता था. लेकिन अब वो आत्मनिर्भर हैं .स्वयं की जरूरत पूरी करने के साथ ही वो घर के छोटे-मोटे खर्चे भी स्वयं ही उठा लेती हैं.
गांव के समूह से जुड़ने के बाद ऋण मिला.जिसमें पहले डेढ़ लाख और बाद में तीन लाख का लोन मिला.जिससे अपना च्वाइस सेंटर डाला. दुकान डालने के बाद गांव के लोगों को कई सारे कामों में आसानी होने लगी.अब गांव की दूसरी महिलाएं भी सशक्त बन रहीं हैं.अब परिवार के लोगों के साथ दूसरे भी यही कह रहे हैं कि अच्छा काम कर रही हूं - ममता साहू, च्वाइस सेंटर संचालक
महिलाओं को राशि के साथ मिलती है ट्रेनिंग : आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने बजट में 3 करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा है. ऐसे में इन महिलाओं के किए जा रहे कारोबार के कारण दूसरी महिलाएं भी आगे आ रही हैं. क्षेत्र की पीआरपी हेमलता ने बताया कि लखपति दीदी योजना शासन का एक महत्वकांक्षी योजना है. जिसमें समूह से जुड़ी महिलाओं को जो हमारे छत्तीसगढ़ में विहान नाम से चल रहा है,उसमें बैंक से राशि दी जाती है. जिससे वो छोटे मोटे आजीविका गति को आर्थिक रूप से बढ़ा सकें. इसके लिए दीदी लोगों को ट्रेनिंग भी करवाई जाती हैं.
सिलाई कढ़ाई बुनाई के माध्यम से महिलाओं को आजीविका को बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं. जिससे लखपति दीदीयों का कम से कम सलाना इनकम 60 हजार से एक लाख तक हो सके ताकि अपना जीवन यापन अच्छे से कर सके. ममता साहू जो पाटन ब्लॉक के ग्राम झींट में रहती है वह भी इससे जुड़कर काम कर रही हैं. पिछले दो साल से च्वाईस सेंटर चला रही हैं. पहले वह घर तक सीमित थी. समूह में जुड़ने के बाद शासन के योजना के तहत च्वाइस सेंटर खोला अब लखपति दीदी बन गई हैं - हेमलता,पीआरपी
ग्राम झीट की एकता महिला स्वयं सहायता समूह की महिला ममता साहू भी कुछ ऐसी ही मिशाल पेश कर रही हैं. ममता साहू लखपति दीदी योजना का लाभ लेकर चॉइस सेन्टर का संचालन कर इससे अच्छा खासा लाभ कमा रही हैं. चॉइस सेन्टर के माध्यम से ये लोगों के ऑनलाइन आधार कॉर्ड, पेन कार्ड, पैसा ट्रांजेक्शन, आवेदन सहित दूसरे काम करती हैं. इस काम से वे अच्छी खासी आमदनी अर्जित कर रही हैं.
इससे बड़ा लाभ हुआ है.गांव में ही चॉइस सेन्टर खुल जाने से गांव के लोग भी लाभान्वित हो रहे हैं. पहले उन्हें ऑनलाइन कार्य करवाने के लिए शहर जाना पड़ता था- नीतू साहू, ग्रामीण
क्या है लखपति दीदी योजना? : लखपति दीदी योजना केंद्र सरकार की एक योजना है जो महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए शुरू की गई. इस योजना के तहत, इंडिया में 2 करोड़ से अधिक महिलाओं को सेल्फ-हेल्प ग्रुप (एसएचजी) की हेल्प से कौशल विकास ट्रेनिंग देने घोषणा की है. महिलाओं को प्लंबिंग, एलईडी बल्ब बनाने और ड्रोन के संचालन और मरम्मत जैसे कौशल में प्रशिक्षित किया जाएगा. इससे महिला प्रति वर्ष कम से कम एक लाख रुपये की स्थायी आय अर्जित कर सकती है.
कैसे करें लखपति दीदी योजना के लिए आवेदन?
लखपति दीदी योजना के लिए आवेदन करने के लिए महिलाओं को एसएचजी का हिस्सा होना चाहिए. योजना के लिए आवेदन पत्र स्थानीय आंगनबाड़ी केंद्रों से लिए जा सकते हैं.
लखपति दीदी योजना के लिए आवश्यक डॉक्यूमेंट
- डोमेसाइल सर्टिफिकेट
- राशन कार्ड
- आधार कार्ड
- पैन कार्ड
- निवास प्रमाण पत्र
- बैंक अकाउंट का डिटेल्स
- इनकम सर्टिफिकेट
- रजिस्टर ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर
1354 करोड़ की लागत से रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर स्टेशन का हो रहा डेवलपमेंट