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लखपति दीदी योजना से आत्मनिर्भर बन रही महिलाएं, तीन करोड़ लखपति दीदी तैयार करने का लक्ष्य - Lakhpati Didi Yojana

Lakhpati Didi Scheme: लखपति दीदी योजना का लाभ लेकर महिलाएं आर्थिक तरक्की कर रही हैं. परिवारों को आर्थिक तौर पर भी मजबूत कर रही हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि इस योजना के सकारात्मक असर को देखते हुए सरकार ने तीन करोड़ लखपति दीदी तैयार करने का निर्णय किया है.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Mar 12, 2024, 2:19 PM IST

लखपति दीदी योजना से आत्मनिर्भर बन रही महिलाएं

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने सोमवार को 'सशक्त नारी-विकसित भारत' कार्यक्रम में भाग लिया. इस दौरान उन्होंने भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में 'नमो ड्रोन दीदियों' (namo drone didi) की तरफ से आयोजित कृषि ड्रोन प्रदर्शन भी देखा. इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि, "आज देश में एक करोड़ से ज्यादा बहनें, पिछले दिनों अलग-अलग प्रयासों के कारण लखपती दीदी बन चुकी हैं. इस योजना के सकारात्मक असर को देखते हुए सरकार ने तीन करोड़ लखपति दीदी तैयार करने का निर्णय किया है.

छोटे से गांव से निकलर बनी लखपति दीदी: देशभर में कई अलग-अलग जगहों से नमो ड्रोन दीदियों ने एक साथ प्रदर्शन में हिस्सा लिया. राजस्थान के सीकर जिले की रहने वाली सुनीता सैन ने बताया कि वह ग्रामीण इलाके से आती हैं. लखपति दीदी बनने से पहले एक गृहणी थी. साल 2015 में एक राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन NRLM से जुड़ी. इसके बाद उन्होंने अपनी बीए तक की पढ़ाई पूरी की. जिसके बाद उनकी वह सीकर जिले के लक्ष्मणगढ़ ब्लॉक में कार्यरत हैं. बाकी महिलाओं को प्रशिक्षित कर रही हैं.

घर से नहीं निकल पाती है महिलाएं: राजस्थान के सीकर जिले से आए आरती ने बताया कि वह मूल रूप से राजस्थान की हैं वहां महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलने दिया जाता. घर का कामकाज चौका बर्तन तक ही सीमित थे. लेकिन लखपति दीदी योजना के तहत सरकार द्वारा ट्रेनिंग और साथ ही आर्थिक सहायता लेकर खुद का काम शुरु किया और सालाना लाखों रुपए कमा रही हैं.

वहीं, उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले से पहुंची आशा तोमर ने बताया कि वह राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन एनआरएलएम के तहत बैंक से जुड़ी हैं. एनआरएलएम से जुड़कर उन्होंने अपनी अलग पहचान बनाई. वह साल 2021 में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन NRLM के जरिए बैंक से जुड़ी थी. आज प्रधानमंत्री द्वारा सम्मानित होकर अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रही हैं.

उत्तराखंड की विजय लक्ष्मी बताती हैं कि शादी के बाद से घर का कामकाज करती थी, घर से बाहर नहीं निकलती थी. लेकिन योजना द्वारा लाभ लेकर आज अपना समूह बनाया. 6 से 7 महिलाएं मिलकर समूह को चल रही है. वह लड्डू बनाती हैं लड्डुओं से उन्हें हर महीने 35,000 तक काम कमा लेती हैं.

ये है लखपति दीदी स्कीम: लखपति दीदी स्कीम (Lakhpati Didi Scheme) एक स्किल डेवलपमेंट ट्रेनिंग प्रोग्राम है. इस स्कीम में सरकार की ओर से महिलाओं को स्किल ट्रेनिंग देकर पैसा कमाने के योग्य बनाया जाता है, स्कीम के तहत बिजनेस शुरू करने के लिए आपको गाइड किया जाता है. व्यापार की रणनीति और मार्केट्स तक पहुंच बनाने में आपकी मदद की जाती है. जिससे कि वह अपना आर्थिक स्तर सुधार पाएं. इस स्कीम को स्वयं सहायता समूह के माध्यम से चलाया जाता है.

लखपति दीदी योजना से आत्मनिर्भर बन रही महिलाएं

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने सोमवार को 'सशक्त नारी-विकसित भारत' कार्यक्रम में भाग लिया. इस दौरान उन्होंने भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में 'नमो ड्रोन दीदियों' (namo drone didi) की तरफ से आयोजित कृषि ड्रोन प्रदर्शन भी देखा. इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि, "आज देश में एक करोड़ से ज्यादा बहनें, पिछले दिनों अलग-अलग प्रयासों के कारण लखपती दीदी बन चुकी हैं. इस योजना के सकारात्मक असर को देखते हुए सरकार ने तीन करोड़ लखपति दीदी तैयार करने का निर्णय किया है.

छोटे से गांव से निकलर बनी लखपति दीदी: देशभर में कई अलग-अलग जगहों से नमो ड्रोन दीदियों ने एक साथ प्रदर्शन में हिस्सा लिया. राजस्थान के सीकर जिले की रहने वाली सुनीता सैन ने बताया कि वह ग्रामीण इलाके से आती हैं. लखपति दीदी बनने से पहले एक गृहणी थी. साल 2015 में एक राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन NRLM से जुड़ी. इसके बाद उन्होंने अपनी बीए तक की पढ़ाई पूरी की. जिसके बाद उनकी वह सीकर जिले के लक्ष्मणगढ़ ब्लॉक में कार्यरत हैं. बाकी महिलाओं को प्रशिक्षित कर रही हैं.

घर से नहीं निकल पाती है महिलाएं: राजस्थान के सीकर जिले से आए आरती ने बताया कि वह मूल रूप से राजस्थान की हैं वहां महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलने दिया जाता. घर का कामकाज चौका बर्तन तक ही सीमित थे. लेकिन लखपति दीदी योजना के तहत सरकार द्वारा ट्रेनिंग और साथ ही आर्थिक सहायता लेकर खुद का काम शुरु किया और सालाना लाखों रुपए कमा रही हैं.

वहीं, उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले से पहुंची आशा तोमर ने बताया कि वह राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन एनआरएलएम के तहत बैंक से जुड़ी हैं. एनआरएलएम से जुड़कर उन्होंने अपनी अलग पहचान बनाई. वह साल 2021 में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन NRLM के जरिए बैंक से जुड़ी थी. आज प्रधानमंत्री द्वारा सम्मानित होकर अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रही हैं.

उत्तराखंड की विजय लक्ष्मी बताती हैं कि शादी के बाद से घर का कामकाज करती थी, घर से बाहर नहीं निकलती थी. लेकिन योजना द्वारा लाभ लेकर आज अपना समूह बनाया. 6 से 7 महिलाएं मिलकर समूह को चल रही है. वह लड्डू बनाती हैं लड्डुओं से उन्हें हर महीने 35,000 तक काम कमा लेती हैं.

ये है लखपति दीदी स्कीम: लखपति दीदी स्कीम (Lakhpati Didi Scheme) एक स्किल डेवलपमेंट ट्रेनिंग प्रोग्राम है. इस स्कीम में सरकार की ओर से महिलाओं को स्किल ट्रेनिंग देकर पैसा कमाने के योग्य बनाया जाता है, स्कीम के तहत बिजनेस शुरू करने के लिए आपको गाइड किया जाता है. व्यापार की रणनीति और मार्केट्स तक पहुंच बनाने में आपकी मदद की जाती है. जिससे कि वह अपना आर्थिक स्तर सुधार पाएं. इस स्कीम को स्वयं सहायता समूह के माध्यम से चलाया जाता है.

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