मिर्जापुर: विश्व प्रसिद्ध विंध्याचल धाम में स्थित मां विंध्यवासिनी मंदिर का कायाकल्प होने के बाद से श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है. श्रद्धालु दान भी खूब कर रहे हैं. विंध्य कॉरिडोर के निर्माण के बाद चैत नवरात्रि का आयोजन किया गया. दो महीने बाद दान पात्रों को गुरुवार की सुबह खोला गया. गिनती सीसीटीवी और पुलिस के निगरानी में शुरू हुई.
देर रात तक मां विंध्यवासिनी मंदिर परिसर में लगे आठ दान पात्रों में से दो दान पात्रों को खोलकर गिनती की गई. जिसमें कुल 23 लाख 57 हजार 708 रुपये मिले. अभी मां विंध्यवासिनी मंदिर परिसर में 6 और मां काली खोह मंदिर, मां अष्ठभुजा मंदिर पर लगे एक-एक दान पात्रों की गिनती होनी बाकी है. पहले दिन गिने गए रुपयों को भारतीय स्टेट बैंक के विंध्याचल शाखा में विंध्य विकास परिषद के अध्यक्ष जिलाधिकारी के खाते में जमा किया गया है.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट विंध्य कॉरिडोर का निर्माण मां विंध्यवासिनी धाम में हो गया है. मां काली खोह मंदिर,मां अष्ठभुजा मंदिर का भी प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है. जल्द ही दोनों मंदिर पर भी कॉरिडोर बनेगा. मां विंध्यवासिनी मंदिर परिसर,मां काली खोह मंदिर परिसर और मां अष्टभुजा मंदिर परिसर कुल 10 दान पेटी लगाई गई है.
आठ दान पत्र मां विंध्यवासिनी मंदिर परिसर में तो एक-एक दान पत्र मां काली खोह मंदिर, मां अष्ठभुजा में लगे है. सदर तहसील के तहसीलदार राहुल मिश्रा की देख रेख में दान पात्रों को खोलकर गिनती कराई जा रही है. गिनती मंदिर की छत पर बने श्री विंध्य पंडा समाज के कार्यालय में पुलिस और सीसीटीवी के निगरानी में हो रही है. पहले दिन दो दान पात्रों से 22 लाख 20 हजार 610 के नोट और एक लाख 37 हजार 98 रुपये के सिक्के निकले हैं.