झालावाड़. जिले के मेडिकल कालेज से संबद्ध एवं जिला अस्पताल का फायर सिस्टम खुद वेंटिलेटर पर है. देश में राजकोट गेमिंग जोन व दिल्ली के अस्पताल में हुई आगजनी की घटनाओं से भी जनाना अस्पताल प्रशासन ने सबक नहीं लिया है. जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल राजकीय हीरा कुंवर बा जनाना अस्पताल में फायर सिस्टम ही नहीं है. बिल्डिंग के तीसरे माले पर सिर्फ फायर हाइड्रेंट सिस्टम लगा है, जबकि अस्पताल के प्रथम तथा द्वितीय तल पर भर्ती मरीज और परिजनों की आग से सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं है.
अस्पताल की ये हालात उस समय सामने आई, जब झालावाड़ नगर परिषद की फायर सेफ्टी शाखा की टीम ने हीरा कुंवर बा जनाना चिकित्सालय का औचक निरीक्षण किया. शाखा के सहायक अग्निशमन एवं फायर एनओसी टीम प्रभारी भानुप्रताप सिंह ने निरीक्षण के दौरान बताया कि जिले के एसआरजी जिला अस्पताल और जनाना अस्पताल दोनों ही चिकित्सा संस्थानों में फायर सेफ्टी से संबंधित भारी कमियां हैं. उन्होंने कहा कि एसआरजी चिकित्सालय के आईपीडी ब्लॉक में लगा हुआ फायर हाइड्रेंट सिस्टम पूरी तरह खराब है. ओपीडी ब्लॉक में फायर हाइड्रेंट सिस्टम ही नहीं है. अस्पताल में तीन फायर वाटर पंप लगे है, लेकिन दो पूरी तरह से बंद है.
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फायर एनओसी टीम प्रभारी भानुप्रताप सिंह ने आशंका जताई कि यदि यहां कभी अग्निकांड की कोई घटना हो जाए तो पूरे अस्पताल में प्रेशर से पानी पहुंचाना नामुमकिन है. इसके अलावा जनरेटर कक्ष, ऑक्सीजन प्लांट, चिलर एसी प्लांट आदि जगह फायर अलार्म नहीं लगे हैं.
प्रस्ताव सरकार को भिजवा रखे हैं: इस बारे में जनाना अस्पताल अधीक्षक डॉ रविन्द्र मीणा ने कहा कि अस्पताल में फायर सेफ्टी के लिए आवश्यक संसाधनों की कमी में बजट की समस्या आड़े आ रही है. इसके लिए प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेजा हुआ है. उन्होंने कहा कि जो संसाधन है. उनके साथ ही कर्मचारियों की रेंडम मॉकड्रिल की जाती है. फायर सेफ्टी को लेकर जनाना अस्पताल प्रबंधन पूरी तरह तैयार है.