देवघर: वर्ष 2019 में रघुवर दास की सरकार द्वारा झारखंड के विभिन्न जिलों में अटल मोहल्ला क्लिनिक की शुरुआत की गई थी. इस क्लिनिक को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य यह था कि अधिक से अधिक लोगों को उनके ही इलाके में स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें. लेकिन जिस उद्देश्य से इस योजना की शुरुआत की गई थी, वह फिलहाल पूरा होता नहीं दिख रहा है.
पूरे राज्य के साथ-साथ देवघर जिले में भी 11 मोहल्ला क्लिनिक शुरू किए गए थे. जिसमें से आठ देवघर इलाके में और तीन मधुपुर इलाके में संचालित हो रहे हैं. देवघर के कोरियासा, माथाबांध, कोर्ट कैंपस, रोहिणी, चांदपुर समेत आठ अटल मोहल्ला क्लिनिक में से जब ईटीवी भारत की टीम चांदपुर स्थित अटल मोहल्ला क्लिनिक में गई तो देखा कि क्लिनिक में ताला लटका हुआ था. जबकि नियमानुसार सभी अटल मोहल्ला क्लिनिक को सुबह 10:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक खुला रखना है.
चांदपुर स्थित अटल मोहल्ला क्लिनिक के संबंध में स्थानीय लोगों ने बताया कि यह क्लिनिक सुबह 9:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक ही खुला रहता है. इसमें अधिकांश दवाइयां उपलब्ध नहीं रहती हैं. इस अस्पताल में छोटी-मोटी बीमारियों का भी इलाज मुश्किल से हो पाता है. इमरजेंसी में मरीजों को तुरंत देवघर के बड़े अस्पतालों में रेफर कर दिया जाता है. स्थानीय महेश्वरी यादव ने बताया कि अस्पताल में किसी भी प्रकार की दवा उपलब्ध नहीं रहती है, अधिकांश दवाइयां मरीजों को बाहर से खरीदनी पड़ती है.
अटल मोहल्ला क्लिनिक के संबंध में देवघर के सिविल सर्जन युगल प्रसाद चौधरी का कहना है कि अगर कार्य अवधि में किसी भी केंद्र में ताला बंद रहता है तो यह निश्चित रूप से लापरवाही है. उन्होंने कहा कि समय-समय पर स्वास्थ्य विभाग की टीम अटल मोहल्ला क्लिनिक का औचक निरीक्षण भी करती है. उन्होंने बताया कि जानकारी के अभाव में बहुत से लोग अटल मोहल्ला क्लिनिक की सुविधाओं का लाभ नहीं उठा पाते हैं. फिलहाल जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा अटल मोहल्ला क्लिनिक में सभी दवाएं उपलब्ध करा दी गई हैं. अगर फिर भी कहीं लापरवाही बरती जा रही है तो निश्चित रूप से नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.
यह भी पढ़ें:
एसएनएमएमसीएच में कुव्यवस्था देखकर भड़के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी, अधीक्षक को लगाई फटकार