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'यूपी के 30 मजदूर बिहार में बंधक', आयोग के निर्देश पर छापेमारी में हैरान करने वाला खुलासा - SIWAN LABORER HOSTAGE

चिमनी मालिक पर 30 मजदूरों को बंधक बनाने का आरोप लगा. मानवधिकार आयोग के निर्देश पर पुलिस ने कार्रवाई की हैरान करने वाला खुलासा हुआ.

Siwan Police Administration
सिवान पुलिस-प्रशासन (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Dec 20, 2024, 7:11 AM IST

सिवान: बिहार के सिवान में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. दरअसल, एक चिमनी मालिक पर यूपी के 30 मजदूरों को बंधक बनाए जाने का आरोप लगा. इसकी शिकायत यूपी के ही रहने वाले एक शख्स ने राष्ट्रीय मानवााधिकार आयोग से की थी. आयोग से निर्देश मिलने के बाद सिवान पुलिस-प्रशासन ने छापेमारी की तो हैरान करने वाला खुलासा हुआ.

30 मजदूर लाने का हुआ था सौदा: पुलिस जांच में सामने आया कि ठिकेदार चिमनी मालिक को ही चूना लगा रहा था. ऊपर से मानवाधिकार आयोग से जबरन मजदूरी कराने का आरोप भी लगाया गया. दरअसल, मामला सिवान जिले के बड़हरिया का है. सोनू ईंट भट्ठा का मालिक मुंशी मियां और रियाज़ अहमद ने ठिकेदार को 2 लाख रुपये दिया था ताकि मजदूर उसके यहां काम करने आए. ठिकेदार ने 30 मजदूर लाने का वादा किया था.

मालिक के साथ गेम करने का था प्लान: सौदा होने के बाद ठिकेदार चिमनी मालिक के साथ गेम करने लगा. ठिकेदार ने मजदूरों से कहा कि 'आपलोगों से वहां जबरन काम कराया जाएगा.' ठिकेदार ने सभी मजदूरों को वापस बुला लिया. मजदूर को काम पर नहीं जाने दिया जा रहा था. यूपी के ही एक व्यक्ति ने ने मानवाधिकार आयोग से इसकी शिकायत कर दी कि सिवान में 30 मजदूरों को बंधक बनाया गया है. 30 मजदूरों के साथ बच्चे भी थे.

ठिकेदारी के नाम पर चलाया जा रहा रैकेट: मावाधिकार आयोग ने सिवान जिला प्रशासन को निर्देश दिया कि उक्त सभी मजदूरों को मुक्त कराया जाए. इसके बाद सिवान पुलिस-प्रशासन ने छापेमारी की. छापेमारी में ठिकेदार का माजरा समझ में आया. पुलिस ने बताया कि ठिकेदारों के द्वारा इस तरह का रैकेट चलाया जा रहा है. मालिक से रुपया लेने के बाद मजदूरों को बहला फुसलाकर नहीं भेजा जाता है. दिखावा के लिए मजदूरों को भेजा जाता है और फिर उसे वापस बुला लिया जाता है.

"ईंट-भठ्ठा मालिक पर आरोप था कि यूपी के मजदूरों से जबरन काम कराया जा रहा था. जांच में आरोप गलत पाया गया है. चिमनी मालिक के द्वारा ठीकेदार को दो लाख रुपया देकर मजदूर बुलाये गए थे, लेकिन पैसा लेने के बाद ठीकेदार जबरन काम कराने का आरोप लगाकर लेबर को वापस बुला लिया. इस तरह का रैकेट ठिकेदारों के द्वारा चलाया जाता है. सभी मजदूरों को मुक्त करा लिया गया है. इसकी जांच कर आगे की कार्रवाई की जाएगी." -सरफराज अहमद, सीओ, बड़हरिया

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सिवान: बिहार के सिवान में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. दरअसल, एक चिमनी मालिक पर यूपी के 30 मजदूरों को बंधक बनाए जाने का आरोप लगा. इसकी शिकायत यूपी के ही रहने वाले एक शख्स ने राष्ट्रीय मानवााधिकार आयोग से की थी. आयोग से निर्देश मिलने के बाद सिवान पुलिस-प्रशासन ने छापेमारी की तो हैरान करने वाला खुलासा हुआ.

30 मजदूर लाने का हुआ था सौदा: पुलिस जांच में सामने आया कि ठिकेदार चिमनी मालिक को ही चूना लगा रहा था. ऊपर से मानवाधिकार आयोग से जबरन मजदूरी कराने का आरोप भी लगाया गया. दरअसल, मामला सिवान जिले के बड़हरिया का है. सोनू ईंट भट्ठा का मालिक मुंशी मियां और रियाज़ अहमद ने ठिकेदार को 2 लाख रुपये दिया था ताकि मजदूर उसके यहां काम करने आए. ठिकेदार ने 30 मजदूर लाने का वादा किया था.

मालिक के साथ गेम करने का था प्लान: सौदा होने के बाद ठिकेदार चिमनी मालिक के साथ गेम करने लगा. ठिकेदार ने मजदूरों से कहा कि 'आपलोगों से वहां जबरन काम कराया जाएगा.' ठिकेदार ने सभी मजदूरों को वापस बुला लिया. मजदूर को काम पर नहीं जाने दिया जा रहा था. यूपी के ही एक व्यक्ति ने ने मानवाधिकार आयोग से इसकी शिकायत कर दी कि सिवान में 30 मजदूरों को बंधक बनाया गया है. 30 मजदूरों के साथ बच्चे भी थे.

ठिकेदारी के नाम पर चलाया जा रहा रैकेट: मावाधिकार आयोग ने सिवान जिला प्रशासन को निर्देश दिया कि उक्त सभी मजदूरों को मुक्त कराया जाए. इसके बाद सिवान पुलिस-प्रशासन ने छापेमारी की. छापेमारी में ठिकेदार का माजरा समझ में आया. पुलिस ने बताया कि ठिकेदारों के द्वारा इस तरह का रैकेट चलाया जा रहा है. मालिक से रुपया लेने के बाद मजदूरों को बहला फुसलाकर नहीं भेजा जाता है. दिखावा के लिए मजदूरों को भेजा जाता है और फिर उसे वापस बुला लिया जाता है.

"ईंट-भठ्ठा मालिक पर आरोप था कि यूपी के मजदूरों से जबरन काम कराया जा रहा था. जांच में आरोप गलत पाया गया है. चिमनी मालिक के द्वारा ठीकेदार को दो लाख रुपया देकर मजदूर बुलाये गए थे, लेकिन पैसा लेने के बाद ठीकेदार जबरन काम कराने का आरोप लगाकर लेबर को वापस बुला लिया. इस तरह का रैकेट ठिकेदारों के द्वारा चलाया जाता है. सभी मजदूरों को मुक्त करा लिया गया है. इसकी जांच कर आगे की कार्रवाई की जाएगी." -सरफराज अहमद, सीओ, बड़हरिया

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