लातेहारः जिले के मनिका प्रखंड मुख्यालय स्थित कॉलोनी टोला निवासी दंपती गोला नायक और राजमणिया देवी बरसों तक साथ रहने के बाद एक साथ ही दुनिया को भी छोड़ कर चले गए. दोनों पति-पत्नी ईंट भट्ठा में काम करने लातेहार निवासी कृष्णा साव के माध्यम से उत्तर प्रदेश के अकबरपुर गए हुए थे. जहां दंपती की संदेहास्पद स्थिति में मौत हो गई.
काम करने के दौरान मौत
दरअसल मनिका प्रखंड मुख्यालय निवासी गोला नायक और उसकी पत्नी राजमणिया देवी मजदूरी का काम करते थे. कुछ दिन पहले ही दंपती को लातेहार के तरवाडीह निवासी मजदूरों के ठेकेदार कृष्णा साव ने काम करने के लिए उत्तर प्रदेश के अकबरपुर भेजा था. बताया जाता है कि काम करने के दौरान ही अचानक गोला नायक की मौत हो गई.
एंबुलेंस से भेजा गया शव
भट्ठा संचालक और ठेकेदार के द्वारा गोला नायक का अंतिम संस्कार अकबरपुर में ही करने के लिए परिजनों को कहा गया. परंतु मृतक के परिजन ने गोला नायक के शव का अंतिम संस्कार गांव में करने की बात कही. इसके बाद एंबुलेंस के माध्यम से गोला नायक के शव को उसकी पत्नी राजमणिया देवी के साथ अकबरपुर से मनिका भेजा गया.
एंबुलेंस से पहुंचे दो शव
आज जब एंबुलेंस गांव पहुंचा तो गोला नायक के साथ-साथ राजमणिया देवी का भी शव एम्बुलेंस से उतारा गया. एंबुलेंस चालक के द्वारा परिजनों को सिर्फ इतना बताया गया कि रास्ते में ही राजमणिया देवी की भी मौत हो गई. उसके बाद एंबुलेंस चालक वहां से तत्काल चला गया. इधर घटना की जानकारी मिलने के बाद थाना प्रभारी शशि कुमार के निर्देश पर पुलिस की टीम मृतक दंपती के घर पहुंची और मामले की जानकारी ली. मृतक के परिजनों ने किसी पर कोई आरोप नहीं लगाया. इधर थाना प्रभारी शशि कुमार ने बताया कि प्रारंभिक तौर पर दोनों की मौत सामान्य ही लगती है. मृतक मजदूर 60 साल से ऊपर के हैं.
एक साथ दंपती का अंतिम संस्कार
बरसों तक एक साथ रहने के बाद दोनों पति-पत्नी का अंतिम संस्कार भी आज एक साथ ही किया गया. बताया जाता है कि गोला नायक 65 वर्ष का था और उसकी पत्नी राजमणिया देवी लगभग 60 वर्ष की थी. दोनों पति-पत्नी हमेशा एक साथ ही मजदूरी करने भी जाते थे.
जिले में सक्रिय हैं मजदूर ठेकेदार
बताते चलें कि लातेहार जिले में कई मजदूर ठेकेदार सक्रिय हैं. इन ठेकेदारों के द्वारा बिना किसी लाइसेंस के मजदूरों को बाहर काम के लिए भेजा जाता है. हालांकि जब किसी मजदूर के साथ कोई अनहोनी हो जाती है तो ठेकेदार अपना पल्ला झाड़ देते हैं. जिससे मृतक मजदूर के परिजनों को सरकारी सुविधा का लाभ भी नहीं मिल पाता. इतना ही नहीं अवैध रूप से मजदूरों की ठेकेदारी करने वाले लोगों के द्वारा मजदूरों के परिजनों को ऐसे मामलों में चुप रहने के लिए भी कहा जाता है.
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