अलवर: बीते सप्ताह पुलिस की एक टीम ने यहां के सेंट्रल जेल का औचक निरीक्षण किया था. उस समय पुलिस को किसी तरह की कोई खामी नहीं मिली, लेकिन इसके सात दिन बाद ही सेंट्रल जेल में बंदियों के लिए नशीले पदार्थ और मोबाइल की सप्लाई का मामला सामने आया है. यह काम सेंट्रल जेल का लैब टेक्नीशियन ही करता था. रविवार को सेंट्रल जेल के गेट पर तलाशी के दौरान इस घटना का खुलासा हुआ. तलाशी के दौरान लैब टेक्नीशियन के पास गांजे की पुड़िया, मोबाइल सहित अन्य प्रतिबंधित सामग्री मिली.
जिला कारागृह के कार्यवाहक जेल अधीक्षक रूप किशोर शर्मा ने बताया कि जेल में आने वाले लोगों की मुख्य गेट पर तलाशी ली जाती है. रविवार को भी तलाशी के दौरान अलवर जेल डिस्पेंसरी के लैब टेक्नीशियन मनीष (25)के बैग की तलाशी ली गई.इसमें आठ पुड़िया में 64 ग्राम गांजा, तीन मोबाइल, 4 खैनी, 10 गुटखा पाउच सहित 83 नग बीड़ी के बंडल मिले. जेल प्रहरियों ने इसकी सूचना जेलर रविंद्र उपाध्याय को दी. इस संबंध में कोतवाली थाना पुलिस रिपोर्ट दी. पुलिस ने आरोपी मनीष को गिरफ्तार कर लिया.
दवा के खाली रैपर से मिली प्रतिबंधित सामग्री:कोतवाली थाना प्रभारी नरेश शर्मा ने बताया कि आरोपी मनीष यादव पिछले चार साल से जेल की डिस्पेंसरी में लैब टेक्नीशियन है. वह मौके का फायदा उठाकर प्रतिबंधित सामग्री ले जाने की कोशिश कर रहा था, लेकिन जेल प्रहरियों ने जांच की तो उससे प्रतिबंधित सामग्री मिली. कोतवाली थाना प्रभारी का कहना है कि पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है कि वह कितने समय से यह काम कर रहा है.
पहले भी मिल चुकी प्रतिबंधित सामग्री: अलवर जिला कारागृह में समय-समय पर तलाशी अभियान चलाया जाता है. इसके बावजूद भी कई बार मोबाइल, बीड़ी सहित अन्य नशीले पदार्थ मिल चुके हैं. बीते एक सप्ताह पहले भी अलवर पुलिस की ओर से और तक निरीक्षण किया गया था. तब पुलिस की ओर से यह कहा गया था कि किसी तरह की कोई खामियां नहीं मिली. इसके एक सप्ताह बाद ही नशीले पदार्थ मोबाइल व प्रतिबंधित सामग्री ले जाने के प्रयास करते हुए जेल के लैब टेक्नीशियन को ही गिरफ्तार किया गया.