कुरुक्षेत्र: हरियाणा में 5 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव होने हैं और बीजेपी की मुश्किलें दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. बीजेपी के खिलाफ किसानों का रोष बढ़ता जा रहा है. रविवार को कुरुक्षेत्र जिले की पीपली अनाज मंडी में किसानों द्वारा महापंचायत का आयोजन किया गया है. सभी किसान नेताों ने फैसला किया है कि 3 अक्टूबर को भारत में 2 घंटे के लिए रेलवे ट्रैक जाम किए जाएंगे. बता दें कि इस महापंचायत में हरियाणा और पंजाब के कई बड़े किसान नेताओं ने हिस्सा लिया. हजारों की संख्या में पहुंचे किसानों को किसान नेता सरवन सिंह पंढेर, जगजीत सिंह दल्लेवाल, अमरजीत सिंह मोहड़ी ने संबोधित किया. महापंचायत में महिला किसान भी भारी संख्या में पहुंची थी.
बीजेपी को वोट न करने की अपील: महापंचायत में मंच से सभी किसान नेता बोलते नजर आए कि हरियाणा में विधानसभा चुनाव चल रहा है. ऐसे में हरियाणा सरकार ने किसान आंदोलन के दौरान किसानों के ऊपर जो अत्याचार किए हैं, उनका बदला लेने का समय आ गया है. सोच समझकर ही अपना मतदान करें. वहीं, कुछ किसान नेताओं ने साफ तौर पर बीजेपी को वोट न करने की अपील भी की है.
3 अक्टूबर को रेल रोको अभियान: किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि हरियाणा में किसानों द्वारा महापंचायत की जा रही है. बीजेपी सरकार ने जिस तरह से किसानों पर अत्याचार किए हैं. अब हरियाणा में इसका बदला लेने का समय आ गया है. हम पूरे हरियाणा में पंचायत कर हरियाणा के किसानों को याद दिला रहे हैं कि किस तरह से किसानों पर बल का प्रयोग किया गया था. किस तरह से किसान शुभकरण को शहीद किया गया. उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन और ज्यादा तेज करने के लिए यहां पर एकत्रित हुए हैं. सभी किसान नेताों ने फैसला किया है कि 3 अक्टूबर को भारत में 2 घंटे के लिए रेलवे ट्रैक जाम किए जाएंगे. आने वाले समय में आंदोलन को और भी गति दी जाएगी.
किसान हित में फैसले की मांग: किसान नेता अमरजीत सिंह मोहड़ी ने कहा कि हमारी लड़ाई किसी पार्टी विशेष से नहीं है. हमारी लड़ाई अपने हकों के लिए है. जो किसानों के हित में काम करेंगे. हम भी उन्हीं के साथ खड़े रहेंगे. हमारे आंदोलन का उद्देश्य दूसरे राजनीतिक दलों को भी सचेत करना है कि अगर सत्ता में आने के बाद वह किसानों के साथ इस तरह का दुर्व्यवहार करेंगे तो किसान एक होकर उनके खिलाफ भी लड़ाई लड़ेंगे. किसान अपनी मांगों को लेकर लगातार आंदोलन कर रहे हैं और आने वाले समय में इस आंदोलन को और भी तेज किया जाएगा. ताकि किसानों की आवाज सरकार तक पहुंचाई जा सके और सरकार उनकी बातों को मानकर किसान हित में फैसला करे.
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