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कुंड पुल के ट्रीटमेंट का काम शुरू, विकल्प के तौर पर बनाया जाएगा बैली ब्रिज - Treatment of Kund Bridge - TREATMENT OF KUND BRIDGE

Treatment of Kund Bridge, कुंड पुल के ट्रीटमेंट का काम शुरू कर दिया गया है. गुरुवार तक कंक्रीट की दीवार का कार्य पूर्ण हो जाएगा. साथ ही विकल्प के तौर पर पुल से बैराज की ओर 10 मीटर की दूरी पर बैली ब्रिज स्थापित करने की योजना पर भी काम किया जा रहा है.

Treatment of Kund Bridge
कुंड पुल के ट्रीटमेंट का काम शुरू (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 14, 2024, 5:33 PM IST

रुद्रप्रयाग: केदारनाथ यात्रा के मुख्य पड़ाव कुंड में मंदाकिनी नदी के तेज बहाव के चलते क्षतिग्रस्त हुए पुल के अबडमेंट आधार को ठीक करने का काम तेजी से चल रहा है. पुल के आधार की मरम्मत के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग की एक पूरी इकाई प्रयास कर रही है. उधर, विकल्प के तौर पर बैली ब्रिज का प्रस्ताव भी तैयार कर इस पर भी कार्य शुरू कर दिया गया है.

मानसून सीजन में केदार घाटी में हो रही भारी बारिश के कारण मंदाकिनी नदी उफान पर है. नदी के लगातार तेज बहाव के चलते केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग के बेहद महत्वपूर्ण पुल कुंड के आधार को क्षति पहुंची है. जिलाधिकारी सौरभ गहरवार ने स्थलीय निरीक्षण कर पुल की सुरक्षा के हर संभव प्रयास करने के निर्देश राष्ट्रीय राजमार्ग को दिए. इसी क्रम में अधिशासी अभियंता राष्ट्रीय राजमार्ग निर्भय सिंह ने पुल के आधार को मजबूत करने के लिए कंक्रीट दीवार का निर्माण करने योजना तैयार की. मौके पर तैनात कनिष्ट अभियंता पुष्कर सिंह बिष्ट ने बताया दो दिनों में नदी के बहाव को पुल के आधार पर न्यूनतम करने के लिए बोल्डर एवं मिट्टी का सहारा लिया गया है. दूसरी ओर से पोकलैंड की सहायता से रास्ता तैयार कर आधार पर कंक्रीट की दीवार देकर पुल को सुरक्षित करने का प्रयास किया जा रहा है. गुरुवार तक कंक्रीट की दीवार देने का कार्य पूर्ण हो जाएगा. नदी का बहाव अत्यधिक तेज न हुआ तो एक हफ्ते के भीतर पैदल यात्रियों के लिए पुल खोला जा सकता है.

विकल्प के तौर पर पुल से बैराज की ओर 10 मीटर की दूरी पर बैली ब्रिज स्थापित करने की योजना है. इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर कार्य भी शुरू कर दिया गया है. करीब 70 मीटर स्पान का पुल तैयार होकर शुरू होने में एक महीने का समय लग सकता है. जिसके बाद इस मार्ग को यात्रियों एवं स्थानीय लोगों के लिए खोल दिया जाएगा. तब तक लोगों को वैकल्पिक मार्गों से होकर ही जाना पड़ेगा.

पढ़ें- रुद्रप्रयाग में आफत की बारिश, तुंगनाथ घाटी में मची तबाही, कुंड के गार्डर पुल की दरारें बढ़ी - Damage Due To Rain In Rudraprayag

रुद्रप्रयाग: केदारनाथ यात्रा के मुख्य पड़ाव कुंड में मंदाकिनी नदी के तेज बहाव के चलते क्षतिग्रस्त हुए पुल के अबडमेंट आधार को ठीक करने का काम तेजी से चल रहा है. पुल के आधार की मरम्मत के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग की एक पूरी इकाई प्रयास कर रही है. उधर, विकल्प के तौर पर बैली ब्रिज का प्रस्ताव भी तैयार कर इस पर भी कार्य शुरू कर दिया गया है.

मानसून सीजन में केदार घाटी में हो रही भारी बारिश के कारण मंदाकिनी नदी उफान पर है. नदी के लगातार तेज बहाव के चलते केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग के बेहद महत्वपूर्ण पुल कुंड के आधार को क्षति पहुंची है. जिलाधिकारी सौरभ गहरवार ने स्थलीय निरीक्षण कर पुल की सुरक्षा के हर संभव प्रयास करने के निर्देश राष्ट्रीय राजमार्ग को दिए. इसी क्रम में अधिशासी अभियंता राष्ट्रीय राजमार्ग निर्भय सिंह ने पुल के आधार को मजबूत करने के लिए कंक्रीट दीवार का निर्माण करने योजना तैयार की. मौके पर तैनात कनिष्ट अभियंता पुष्कर सिंह बिष्ट ने बताया दो दिनों में नदी के बहाव को पुल के आधार पर न्यूनतम करने के लिए बोल्डर एवं मिट्टी का सहारा लिया गया है. दूसरी ओर से पोकलैंड की सहायता से रास्ता तैयार कर आधार पर कंक्रीट की दीवार देकर पुल को सुरक्षित करने का प्रयास किया जा रहा है. गुरुवार तक कंक्रीट की दीवार देने का कार्य पूर्ण हो जाएगा. नदी का बहाव अत्यधिक तेज न हुआ तो एक हफ्ते के भीतर पैदल यात्रियों के लिए पुल खोला जा सकता है.

विकल्प के तौर पर पुल से बैराज की ओर 10 मीटर की दूरी पर बैली ब्रिज स्थापित करने की योजना है. इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर कार्य भी शुरू कर दिया गया है. करीब 70 मीटर स्पान का पुल तैयार होकर शुरू होने में एक महीने का समय लग सकता है. जिसके बाद इस मार्ग को यात्रियों एवं स्थानीय लोगों के लिए खोल दिया जाएगा. तब तक लोगों को वैकल्पिक मार्गों से होकर ही जाना पड़ेगा.

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