नई दिल्ली/चंडीगढ़: वीरवार को कुमारी सैलजा ने अचानक से दिल्ली में सोनिया गांधी से मुलाकात की. कुमारी सैलजा और सोनिया गांधी के बीच करीब आधे घंटे तक बातचीत चली. कुमारी सैलजा की इस मुलाकात के बाद हरियाणा की राजनीति में हलचल मच गई है. चुनाव प्रचार थमने से ठीक पहले कुमारी सैलजा की सोनिया गांधी से हुई इस मुलाकात को काफी माना जा रहा है.
कांग्रेस में सीएम चेहरा कौन? बता दें कि इस वक्त हरियाणा कांग्रेस में सीएम चेहरे को लेकर लड़ाई चल रही है. कुमारी सैलजा का मानना है कि हरियाणा में सीएम अनुसूचित जाति का होना चाहिए. कांग्रेस में सबसे बड़ा दलित चेहरा कुमारी सैलजा हैं. यानी कुमारी सैलजा ने खुद को सीएम चेहरा का दावेदार बताया. इसके बाद से कुमारी सैलजा और पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा गुट में तनातनी बढ़ गई.
हुड्डा और सैलजा में बढ़ी तनातनी! भूपेंद्र हुड्डा गुट के नेता ने कुमारी सैलजा को लेकर अभद्र टिप्पणी भी की थी. जिसके बाद से कुमारी सैलजा ने खुद को चुनाव प्रचार से दूर कर लिया था. इस घटना से आहत होकर अनुसूचित समाज के लोगों ने कांग्रेस का बहिष्कार करने का फैसला किया. सैलजा के समर्थकों में बैठकों का दौर चला. इस बीच बीच बीजेपी की तरफ से सैजला को उनकी पार्टी में शामिल होने का ऑफर मिला. मामले को बढ़ता देख राहुल गांधी को बीच में आना पड़ा. उन्होंने रैली की स्टेज पर सैलजा और भूपेंद्र हुड्डा का हाथ मिलवा कर कांग्रेस में एकता का संदेश देने की कोशिश की.
टिकट बंटवारे में भूपेंद्र हुड्डा का दबदबा! सियासी गलियारों में चर्चा है कि हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस हाईकमान ने जिन उम्मीदवारों को टिकट दिया. उनमें से 72 हुड्डा के समर्थक हैं. सैलजा ने हाईकमान से 30 से 35 टिकट अपने समर्थकों के लिए मांगी थी, लेकिन हाईकमान ने भूपेंद्र हुड्डा के 72 समर्थकों को टिकट दी. कुमारी सैलजा के खेमे के हाथ केवल 5 सीटें ही लगीं. सिरसा लोकसभा सीट से कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा अपने बेहद डॉक्टर अजय चौधरी को नारनौंद विधानसभा सीट से टिकट नहीं दिला पाई.
सैलजा और सोनिया गांधी की मुलाकात से बढ़ी हलचल: बता दें कि कुमारी सैलजा खुद भी विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जता चुकी थी, लेकिन वो हाईकमान को अपने लिए भी टिकट के लिए नहीं मना पाई. कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने भी सीएम बनने का दावा किया है. इस पूरे मामले में कांग्रेस हाईकमान कह चुका है कि सीएम फेस का चेहरा जीते हुए विधायकों की राय के बाद संसदीय बोर्ड करेगा. फिलहाल कुमारी सैलजा ने अचानक से सोनिया गांधी से मुलाकात कर सियासी पारे को और बढ़ा दिया है.