कुल्लू: जिला कुल्लू के ढालपुर में आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव समिति ने अब डेढ़ दशक बाद कुल्लू जिले के उपमंडल बंजार के अधिष्ठाता देवता श्रृंगा ऋषि और देवता बालू नाग को भी दशहरे के लिए निमंत्रण दिया है. दोनों देवताओं को समिति की ओर से भेजा निमंत्रण पत्र मिल गया है. अब देवताओं के कारकून और देवलू तैयारियों में जुट गए हैं.
25 साल से दो देवताओं में चल रहा धुर विवाद
कुल्लू दशहरा में रथ यात्रा के दौरान भगवान रघुनाथ के दाईं ओर चलने को लेकर करीब 25 साल से भी अधिक समय से दोनों देवताओं का धुर विवाद चल रहा है और मामला सुप्रीम कोर्ट में है. इसके कारण दशहरा उत्सव समिति ने करीब 15 से 16 सालों से दोनों देवताओं को निमंत्रण पत्र नहीं दिया. इसके बावजूद श्रृंगा ऋषि चैहणी और बालू नाग लाव लश्कर के साथ दशहरा में भाग लेते आए हैं. रथयात्रा के दौरान देव रथ को उनके अस्थायी शिविरों में नजरबंद किया जाता है. इसके लिए यहां भारी पुलिस बल तैनात किया जाता है. देवी-देवताओं के महाकुंभ अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा का काउंटडाउन शुरू हो गया है और देव समाज तैयारी में जुट गया है. दशहरा उत्सव समिति ने दशहरा के लिए करीब 332 देवी देवताओं को निमंत्रण पत्र भेजा है.
देवता श्रृंगा ऋषि के पुजारी इंद्र देव वशिष्ठ ने बताया, "श्रृंगा ऋषि को दशहरा का निमंत्रण मिला है." वहीं, बालू नाग के कारदार ख्याली राम ने बताया, "साल 2008 के बाद बालू नाग को दशहरा का निमंत्रण मिला है."
बिना निमंत्रण के देवी-देवताओं से न आने की अपील
वहीं, दशहरा उत्सव समिति ने जिला देवी देवता कारदार संघ को पत्र लिखकर इस बार दशहरा में बिना निमंत्रण के देवी-देवताओं को न लाने की अपील की है. एक दशक से बिना निमंत्रण के देवताओं के आने की संख्या लगातार बढ़ रही है. पिछले साल 30 से अधिक देवी- देवता बिन बुलाए पहुंचे थे, ऐसे में उन देवताओं को ठहराना चुनौती बन गई थी. जिला कुल्लू देवी देवता कारदार संघ के महासचिव टीसी महंत ने कहा कि निमंत्रण पर आए देवताओं को दशहरा समिति ठहरने को जगह, सुरक्षा और नजराना राशि देती है.
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