कानपुर: देश भर में भगवान श्री कृष्ण के लाखों मंदिर हैं. जहां भक्त जब दर्शन करने के लिए जाते हैं, तो वहां उन्हें राधा रानी के भी दर्शन करने होते हैं. लेकिन, यूपी के कानपुर में एक ऐसा प्राचीन मंदिर स्थित है. जहां पर जब भक्त दर्शन के लिए पहुंचते हैं, तो उन्हें कान्हा का तो दीदार होता है. लेकिन, राधारानी का दीदार नहीं हो पता. इसके साथ ही इस मंदिर में जन्माष्टमी का पर्व तो हर वर्ष मनाया जाता है. लेकिन, भक्तों को यहां राधा रानी की कमी हर वर्ष खलती है. आईए जानते हैं, आखिर क्यों हर वर्ष बिना राधा रानी के इस मंदिर में मनाई जाती है श्री कृष्ण जन्माष्टमी...
कानपुर के इस प्राचीन मंदिर में बिना राधा रानी के मनाई जाती है जन्माष्टमी: शहर से करीब 40 किलोमीटर दूर घाटमपुर थाना क्षेत्र के भदरस गांव के बीच में राधा कृष्ण का एक प्राचीन मंदिर स्थित है. यहां हर वर्ष श्री कृष्ण जन्माष्टमी तो काफी धूमधाम से मनाई जाती है. लेकिन, इस दिन भक्तों को यहां पर अपनी राधा रानी की कमी भी बेहद खलती है. कहीं न कहीं तक भक्त आज भी 16 साल पहले हुई चोरी की घटना को बुला नहीं पाते हैं. ऐसे में हर वर्ष जन्माष्टमी पर भक्त इस बात को लेकर काफी ज्यादा उदास हो जाते हैं. कहते है कि मर्यादा पुरषोत्तम श्री राम तो 16 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या वापस लौट आए थे.लेकिन, उनकी राधा रानी इस गांव में स्थित प्राचीन मंदिर में 16 वर्ष बीत जाने के बाद भी वापस लौट कर नहीं आई है. उनका कहना है,कि आज भी इस मंदिर में उनके कान्हा अपनी राधा से दूर है.और वह हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी बिना राधा रानी के ही अपना जन्मदिन मना रहे हैं.
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जानिए आखिर क्यों कान्हा से दूर है उनकी राधा: घाटमपुर थाना क्षेत्र के भदरस गांव में स्थित राधा कृष्ण मंदिर से साल 2008 में चोर अष्टधातु की कीमती मूर्तियां चोरी कर ले गए थे.इन चोरी की प्रतिमाओं में श्री राधा रानी की प्रतिमा समेत कई अन्य छोटी-छोटी प्रतिमाएं भी शामिल थी. उस वक्त मंदिर के तत्कालीन सर्वाराकार प्रकाश चंद्र खरे ने इस मामले को लेकर घाटमपुर थाने में मूर्तियां चोरी होने की एक शिकायत दर्ज कराई थी.
पुलिस ने इस पूरे मामले में मुकदमा दर्ज कर चोरों की तलाश शुरू कर दी थी. वही, पुलिस ने कुछ दिनों के अंदर ही इस घटना को अंजाम देने वाले श्याम जी गुप्ता, सोनू उर्फ विनोद, अंकुर सिंह उर्फ राजा,अमित कुशवाहा, दिनेश प्रजापति और मोहम्मद हसन को गिरफ्तार किया था. पुलिस ने आरोपियों के पास से मंदिर से चोरी हुई राधा रानी समेत अन्य छोटी-छोटी मूर्तियां भी बरामद की थी. वही, पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.
इस मामले में घाटमपुर थाने के तत्कालीन प्रभारी ने चोरों को जेल भेजने के साथ राधा रानी समेत अन्य छोटी-छोटी मूर्तियों को थाने के मालखाने में रखवा दिया था. जहां पर सभी मूर्तियां सील लगी. एक बोरी में रखी हुई है. इस मामले में आरोपियों को कोर्ट से तो जमानत मिल गई थी. लेकिन भक्तों के लिए सबसे बड़ी पीड़ा की बात है कि उनकी राधा रानी आज भी मालखाने में कैद है.
वही, गांव के ही रहने वाले अजय खरे उर्फ नीशू ने बताया कि उनके पूर्वजों के द्वारा इस मंदिर का निर्माण कार्य किया गया था. उन्होंने बताया कि,मंदिर में दो बार पहले भी मूर्तियां चोरी हुई थी. लेकिन, वह मिल गई थी. इस बार जब चोर मंदिर से राधा कृष्ण की मूर्ति चोरी कर भाग रहे थे, तो श्री कृष्ण जी की प्रतिमा मंदिर से कुछ दूरी पर ही गिर गई थी. इसके बाद चोर उस प्रतिमा को उठा नहीं पाए. जिस वजह से चोर भगवान श्री कृष्ण की प्रतिमा को छोड़कर राधा रानी की प्रतिमा को लेकर भाग गए थे. बताया कि हर वर्ष जन्माष्टमी के इस महापर्व पर हमें अपनी राधा रानी की कमी बेहद महसूस होती है. हम लोगों के द्वारा निरंतर अपनी राधा रानी को वापस लाने के लिए प्रयास किया जा रहा है.
घाटमपुर से विधायक सरोज कुरील ने कहा, कि वह जल्द ही अनुसूचित जनजाति की बैठक में राज्य संपति विभाग को पत्र लिखकर घाटमपुर थाने में कैद राधा रानी समेत दर छोटी मूर्तियां को पुनः मंदिर में सुरक्षा व्यवस्था के साथ स्थापित करने की मांग रखेंगे. ताकि भक्त अपनी राधा रानी का दीदार कर उनकी पूजा अर्चना कर सकें.
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