कोटा. कोटा विश्वविद्यालय के दसवें दीक्षांत समारोह परिसर की अध्यक्षता राज्यपाल कलराज मिश्र ने की. बतौर दीक्षांत अतिथि के रूप में वनस्थली विद्यापीठ की कुलपति डॉ ईना शास्त्री मौजूद थीं. समारोह में स्नातकोत्तर में सर्वाधिक अंक लाने वाली साक्षी जैन को कुलाधिपति अवार्ड और मेडल से सम्मानित किया गया. वे एमएससी मैथमेटिक्स में टॉपर बनकर उभरी हैं. हालांकि बाद में साक्षी एक बीमारी से पीड़ित हो गई थीं. इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी.
साक्षी का कहना है की पढ़ाई के बाद उनकी जॉब भी नवोदय स्कूल में लग गई थी, लेकिन बाद में उपचार के लिए उन्हें जॉब छोड़नी पड़ी. फिलहाल वे ट्रीटमेंट करवा रही हैं और स्वस्थ होकर गवर्नमेंट जॉब लेना चाहती हैं. इसके बाद वापस वे सिविल सर्विसेज में जाना चाहती हैं और मैथमेटिक्स में ही अलजेब्रा टॉपिक पर पीएचडी भी करना चाह रही हैं. साक्षी जैन मूल रूप से भवानीमंडी की रहने वाली है और पढ़ाई के दौरान कोटा ही रहती थी. उनके पिता राजेंद्र कुमार जैन व्यवसायी और मां सरिता जैन ग्रहणी है. वहीं नैनवां के भगवान आदिनाथ जय राज मारवाड़ा कॉलेज की बैचलर ऑफ आर्ट्स की स्टूडेंट पूजा साहू को वाइस चांसलर्स मेडल मिला है.
युवाओं के बूते पर ही देश की तरफ विश्व की नजर-कलराज मिश्र: राज्यपाल कलराज मिश्र ने दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि छात्राएं पढ़ाई में अग्रणी रही हैं. यह विश्वविद्यालय का आंकड़ा बता रहा है. छात्राएं शिक्षा के क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह कर रही हैं व अपनी प्रतिभा का समुचित सदुपयोग कर रही हैं. यह भारत के लिए शुभ क्षण है. इसका मतलब यह नहीं है कि छात्र नहीं कर सकते है, छात्र भी आगे हैं. छात्र भी अपनी प्रतिभा का समुचित प्रयोग कर रहे हैं. इन्हीं समन्वित प्रयास के चलते ही भारत की तरफ पूरा विश्व गौर से देख रहा है. भारत एक युवा देश है. इन युवाओं के बूते ही दुनिया भारत को तरफ देख रही है और भारत दुनिया का नेतृत्व करने के लिए आगे बढ़ रहा है.
21वीं सदी की पहली शिक्षा नीति भारत में हुई लागू: डॉ ईना शास्त्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का क्रियान्वत अधिकतर विश्वविद्यालय कर रहे हैं. यह 21वीं सदी की पहली शिक्षा नीति है. जिसमें कौशल विकास, अनुभव आधारित शिक्षा दी जा रही है. कुलपति डॉ नीलिमा सिंह ने बताया कि इस साल 18 नवीन सब्जेक्ट में 39 नए गाइड पंजीकृत हुए हैं. ये शोध को बढ़ावा देंगे. कार्यक्रम के पहले राज्यपाल कलराज मिश्र ने प्रियदर्शिनी इंदिरा कन्या छात्रावास, फार्मास्यूटिकल एजुकेशनल रिसर्च इंस्टिट्यूट के धनवंतरी भवन और आउटडोर स्पोर्ट्स कोर्ट्स का लोकार्पण किया. इसमें वॉलीबॉल, लॉन टेनिस और बास्केटबॉल के कोर्ट्स बने हैं.
71 फीसदी छात्राओं को मिले गोल्ड: विश्वविद्यालय की तरफ से 60 गोल्ड मेडल और कुलाधिपति व कुलपति पदक दिए गए. इन्हें मिलाकर 62 गोल्ड मेडल दिए गए. इनमें 18 छात्र और 44 छात्राएं हैं. यानी गोल्ड मेडल प्राप्त करने वाली छात्राओं की संख्या 71 फीसदी है, जबकि छात्रों की संख्या 29 फीसदी है. पीएचडी की बात की जाए तो 49 कैंडिडेट्स को उपाधि दी गई. इसमें 25 छात्र और 24 छात्राएं हैं. यहां भी बराबरी जैसे स्थिति छात्र-छात्राओं की है. यूनिवर्सिटी 88692 कैंडिडेट्स को डिग्री वितरित करेगी, इनमें 43677 छात्र और 45015 छात्राएं हैं.