कोरबा: मुड़ापार, एसईसीएल कॉलोनी और सुभाष ब्लॉक और उसके आस पास के इलाके में डेंगू का कहर बढ़ता जा रहा है. अबतक इन इलाकों में 200 से ज्यादा डेंगू के मरीजों की पहचान हो चुकी है. स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू पर काबू पाने के लिए कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग का काम शुरु कर दिया है. कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग के तहत घर घर जाकर डेंगू की जांच की जा रही है. बीते दिनों कोरबा के मरीज की मौत डेंगू से बिलासपुर में हो गई थी. मरीज को बेहतर इलाज के लिए कोरबा से बिलासपुर रेफर किया गया था.
डेंगू का हॉटस्पॉट बना मुड़ापार: स्थानीय लोगों का कहना है कि '' गंदगी और जगह जगह जल जमाव होने के चलते डेंगू के मच्छर पनप रहे हैं. डेंगू की रोकथाम के लिए दवाओं का छिड़काव भी किया जा रहा है. लोगों का आरोप है कि दवाओं का जो छिड़काव किया जा रहा है वो पर्याप्त नहीं है. इलाके के लोगों का कहना है कि साफ सफाई को और बढ़ाया जाना चाहिए.
''मैं खुद पहले डेंगू से पीड़ित था. जांच के दौरान पुष्टि हुई कि मुझे डेंगू हुआ है. काफी दिनों तक डेंगू का इलाज चला. अब मैं धीरे धीरे ठीक हो रहा हूं. डेंगू से मेरे दोस्त की बीते दिनों मौत हो गई. उसे कोरबा से बिलासपुर रेफर किया गया था. बिलासपुर में उसने दम तोड़ दिया. यहं पर हर जगह गंदगी पसरी हुई है. दवाओं का छिड़काव किया जा रहा है लेकिन जहां गंदगी है वहां कम ध्यान दिय जा रहा है''. - बबलू मारवा, डेंगू मरीज
'मंत्री जी को लिखा पत्र'': एसईसीएल कॉलोनी क्षेत्र के निवासी और पूर्व पार्षद सुशील गर्ग ने बताया कि ''एसईसीएल कॉलोनी, मुड़ापार, सुभाष ब्लॉक सहित आसपास के क्षेत्र में डेंगू का जबरदस्त प्रकोप है. इस संबंध में हमने मंत्री को भी पत्र लिखा था. स्वास्थ्य अधिकारियों से भी मुलाकात की. डेंगू का प्रकोप अभी कम नहीं हो पा रहा है. हालात ऐसे हैं कि हर घर में डेंगू का एक मरीज है. कुछ लोग अपना प्राइवेट इलाज कर रहे हैं. एक दो लोगों की मौत भी हुई है''.
''OPD में रोज आ रहे 1000 से ज्यादा मरीज'': मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर गोपाल सिंह कंवर का कहना है कि ''कुछ समय से ओपीडी में आने वाले मरीजों की संख्या काफी बढ़ गई है. हालत यह हैं कि हर दिन 1000 से ज्यादा मरीज ओपीडी में आ रहे हैं. ज्यादातर मौसमी बीमारियों से ग्रसित हैं. जिसमें डेंगू मलेरिया के भी मरीज शामिल हैं. हम यही सलाह दे रहे हैं कि मौसमी बीमारी होने पर भी डॉक्टर से सलाह लें. अपने आसपास स्वच्छता रखें. जिनकी इम्यूनिटी कमजोर है, ये बीमारियां उन्हें जल्दी से ग्रसित कर देती हैं.''
कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग का काम जारी: स्वास्थ्य विभाग के जिला मिशन प्रबंधक पद्माकर शिंदे का कहना है कि ''अकेले मुड़ापार में ही 200 से अधिक डेंगू के मरीज सामने आए हैं. दवा छिड़काव के साथ ही कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग का काम भी किया जा रहा है. मरीज को उनकी स्थिति के अनुसार ही सलाह और दवा दी जा रही है. जरूरत पड़ने पर उन्हें अस्पताल में भी भर्ती कराया जा रहा है. हमारे पास पूरे इंतजाम हैं. एंटीजन टेस्ट किट के साथ ही एलिजा टेस्ट का भी हमने पूरा इंतजाम कर रखा है''.