कोरबा: छत्तीसगढ़ में भाजपा की रमन सरकार के दौरान प्रदेश भर में दाल भात केंद्र खोले गए. जहां 5 रुपये में खाना दिया जाता था. साल 2018 में कांग्रेस सरकार आई जिसके बाद साल 2019 में दाल भात सेंटर बंद कर दिए गए. अब एक बार फिर प्रदेश में दाल भात केंद्र खोलने की तैयारी चल रही है.
क्या है दाल भात केंद्र: प्रदेश में भाजपा सरकार द्वारा मजदूरों को रियायती दर पर भोजन परोसने के लिए दाल भात केंद्रों की योजना शुरू की गई थी. दाल भात केंद्र में 5 रुपये में दाल चावल सब्जी और अचार दिया जाता था. इसके लिए अलग-अलग स्थान पर सेंटर खोले गए थे, जिसका संचालन सरकार करती थी. दाल भात सेंटर के लिए चावल की सप्लाई पीडीएस दुकानों से होती थी. दाल भात केंद्र खुलने से बाहर रहने वाले, मजदूरों और गरीबों को कम खर्च में पेटभर खाना मिल जाता था.
घोषणा के बाद केंद्र शुरू होने का इंतजार : कोरबा जैसे श्रमिक बाहुल्य जिले के लिए यह योजना काफी कारगर है. यहां बड़ी तादात में श्रमिक अपने घर से निकलते हैं, अलग-अलग पावर प्लांट, कोयला खदान और उद्योगों में काम करते हैं.
5 रुपये वाला दालभात केंद्र चालू होगा. हम टाइम से घर नहीं पहुंच पाते हैं. 5 रुपये में खाना मिल जाएगा तो बहुत अच्छा है. - राहुल, ऑटो चालक
सामान्य होटल में खाते हैं तो भी 100 रुपये खर्च हो जाते हैं. दाल भात सेंटर खुलने से गरीबों को काफी फायदा होगा.- अनिल झा, श्रमिक
कोरबा विधानसभा से चुनाव जीतने वाले लखन लाल देवांगन श्रम मंत्री भी हैं. जिन्होंने दाल भात केंद्र खोलने की घोषणा की थी. लखन लाल देवांगन ने बताया कि कोरबा सहित 9 जिलों में 27 केंद्र खोले जाएंगे. इसकी तैयारी अंतिम चरण पर पहुंच चुकी है.
रमन सरकार के समय श्रमिकों को 5 रुपये में भरपेट खाना मिलता था. कांग्रेस सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया. फिर से 7 जिलों में खुल चुके हैं. 9 जिलों मे खुलेंगे. कोरबा में तीन जगहों पर खुलेगा. -लखन लाल देवांगन, उद्योग मंत्री
गरीबों के लिए योजना फायदेमंद : छत्तीसगढ़ में एक तरफ स्कूलों में न्योता भोजन शुरू किए गए हैं तो अब दाल भात केंद्र खोलने की प्रक्रिया चल रही है. भाजपा नेताओं का कहना है कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर आचार संहिता लगने से पहले ही दाल भात केंद्र का फायदा लोगों को मिलने लगेगा.