कोरबा : पिछले कुछ दिनों के दौरान प्रदेश भर में हुई झमाझम बारिश के बाद भी प्रदेश का सबसे बड़ा मिनीमाता बांगो बांध खाली है. गांव माचाडोली के पास हसदेव नदी पर निर्मित बांगो डैम में अभी 48 फीसदी जलभराव हुआ है. बांगो बांध से सैकड़ों हेक्टेयर खेतों की सिंचाई की जाती है. इसके साथ ही यहां 120 मेगावाट का हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर प्लांट संचालित है. प्रदेश के कई अन्य पावर प्लांटों को भी बिजली उत्पादन के लिए यहां से पानी जाता है. इस साल ज्यादा जलभराव नहीं होने से बांगो बांध पर निर्भर कई कामों के प्रभावित होने की संभावना है
बांगो डैम में अभी 349 मीटर तक जलभराव : बांगो बांध एक मल्टीपरपज बांध है. यहां के पानी से कई आवश्यकताओं की पूर्ति होती है. बांगो बांध की ऊंचाई 359 मीटर है. बांध में 90 फीसदी जलभराव होने पर ही बांध के गेट खोले जाते हैं और पानी नदी में छोड़ा जाता है. वर्तमान में बांगो बांध में 349 मीटर जल भराव हुआ है, जो कुल जलभराव क्षमता का 48 फीसदी है.
इस साल गेट खोलने की संभावना कम : बीते 24 घंटे में कोरबा जिले में रिकॉर्ड 176 से 136 मिली मीटर बारिश हुई है. इसके बाद भी बांगो बांध के जलभराव में ज्यादा फर्क नहीं पड़ा है. बीते साल 31 जुलाई तक की स्थिति में बांगो बांध 70 फीसदी भर गया था. पिछले साल की तुलना में इस साल बांध में जलभराव काफी कम हुआ है. इसलिए इस साल बांगो बांध के गेट खोले जाने की संभावना बेहद कम है.
"वर्तमान में बांगो बांध में कुल 48 फीसदी जल भराव हुआ है. जब बांध में 90 फीसदी जल भर जाता है, तब गेट खोलने की आवश्यकता होती है. फिलहाल बांध काफी खाली है." - एसके तिवारी, कार्यपालन अभियंता, मिनीमाता बांगो परियोजना
अंतिम 10 मीटर डैम के जलभराव क्षमता का 50 फीसदी : बांगो बांध में जलभराव के स्केल को देखों तो नीचे पानी भरने पर जलस्तर में ज्यादा फर्क नहीं पड़ता. यह कुल जलभराव क्षमता का 2.4 फीसदी ही होता है. लेकिन जैसे-जैसे बांध का पानी ऊपर की तरफ चढ़ता है, इसका दायरा और क्षेत्रफल बढ़ जाता है. 350 मीटर के बाद प्रत्येक मीटर जलभराव होने पर डैम का जलस्तर लिमिट के करीब बढ़ता जाता है. बांगो बांध की कुल जलभराव क्षमता 359 मीटर है. वर्तमान में यहां 349 मीटर जलभराव हो चुका है. इसलिए अब अंतिम 10 मीटर का जलभराव बांध की कुल जलराशि का लगभग 50 फीसदी होता है.