नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में स्नातक दाखिले का दौर जारी है. इस बीच दो सूची की दाखिला प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. अब बुधवार को तीसरी सूची जारी की जाएगी. ऐसे में यह जानना जरूरी है कि जिन बच्चों को इन तीन दाखिला सूची में जगह नहीं मिल पाई है, अब उनके पास दाखिले का क्या विकल्प बचा है. इसको लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग (एसओएल) की निदेशक प्रो. पायल मांगो से बातचीत की.
प्रो. पायल मांगो ने बताया कि डीयू के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग में 15 सितंबर तक छात्र-छात्राएं दाखिले के लिए ऑनलाइन अप्लाई कर सकते हैं. वहीं, 30 सितंबर से डुअल डिग्री कोर्सेज में भी दाखिले की प्रक्रिया शुरू होगी. यूजीसी ने पहली बार डीयू में ड्यूल डिग्री की सुविधा प्रदान की है. पायल मांगो ने बताया कि अभी एसओएल का नया स्टडी मैटेरियल भी तैयार किया जा रहा है. इसलिए अभी थोड़ी स्टडी मैटेरियल की कमी है. लेकिन बच्चों को इसके लिए परेशान होने की जरूरत नहीं है. जैसे जैसे स्टडी मैटेरियल तैयार होता जा रहा है, वह बच्चों को उपलब्ध कराया जा रहा है.
इस तरह मिलेगी ड्यूल डिग्री की सुविधा: प्रो. पायल मांगो ने बताया कि जिन विद्यार्थियों ने डीयू के रेगुलर कोर्सेज में दाखिला ले लिया है और वह चाहते हैं कि उनको एक और कोई कोर्स पढ़ना है तो वह उस कोर्स में एसओएल में दाखिला ले सकते हैं. जैसे अगर किसी बच्चे ने रेगुलर कोर्स बीबीए में दाखिला ले लिया है और वह चाहता है कि उसे कॉमर्स ऑनर्स में भी ग्रेजुएशन करना है तो वह एसओएल में दाखिला ले सकता है. इसके अलावा अगर कोई बच्चा एसओएल में ही दो कोर्स एक साथ करना चाहता है तो वह भी कर सकता है. उन्होंने बताया कि ड्यूल डिग्री कोर्सेज की दाखिला प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी पूरी हो चुकी है. 30 सितंबर से पोर्टल पर ड्यूल डिग्री के लिए कोर्सेज में दाखिले का ऑनलाइन विकल्प उपलब्ध हो जाएगा.
प्रैक्टिकल कोर्सेज आने से फीस बढ़ाना हुआ आवश्यक: एसओएल में फीस बढ़ोतरी के मामले को लेकर पायल मांगो ने कहा कि पिछले 2 साल से एसओएल में कई प्रैक्टिकल आधारित कोर्स आए हैं. जैसे कंप्यूटर साइंस, बीबीए, साइकोलॉजी ऑनर्स और बीएमएस है. इन कोर्सेस के आने से प्रैक्टिकल लैब का खर्चा बढ़ा है. कंप्यूटर साइंस की पांच लैब पर एसओएल ने लाखों रुपए खर्च किए हैं. अब लैब के रखरखाव और बाकी खर्चों के लिए फीस बढ़ाना जरूरी हो गया था. फिर भी सभी कोर्सेज में सिर्फ 500 रूपये फीस बढ़ाई गई है. उन्होंने कहा कि स्किल कोर्सेज में बहुत सारे बच्चों को ट्रेनिंग देकर इस तरह से परफेक्ट किया जा रहा है कि उनको कोर्स खत्म होने के साथ ही नौकरी मिल रही है. इसलिए फीस बढ़ाया जाना कोई बहुत बड़ा विषय नहीं है.
ईडब्ल्यूएस श्रेणी के बच्चों की दो करोड़ की फीस की माफ: प्रो. पायल मांगो ने बताया कि विश्वविद्यालय का इस बात पर भी ध्यान है कि कोई भी बच्चा पैसे के अभाव में शिक्षा से वंचित नहीं रहना चाहिए. इस बात पर ध्यान देते हुए हमारे कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह ने एसओएल में भी ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के बच्चों की करीब 2 करोड़ रुपए की फीस माफ की है.
दूसरे और चौथे सेमेस्टर के रिजल्ट में देरी को लेकर कही ये बात: एसओएल की निदेशक ने बताया कि दूसरे सेमेस्टर का रिजल्ट सोमवार को आ गया है. वहीं, चौथे सेमेस्टर का रिजल्ट भी जल्द ही जारी करने की तैयारी चल रही है. इसके लिए एग्जामिनेशन ब्रांच के लगातार संपर्क में हैं. वहीं, दूसरे सेमेस्टर के बच्चों की जो माइग्रेशन की समस्या है उसमें भी कोई दिक्कत नहीं आएगी. अगर उन्हें रिजल्ट देरी से आने की वजह से माइग्रेशन नहीं मिला है और माइग्रेशन की समय सीमा खत्म हो गई है तो उसके लिए बच्चे सीधे यूनिवर्सिटी को एक लेटर लिख सकते हैं. उस लेटर के आधार पर यूनिवर्सिटी द्वारा उनको कंसीडर किया जाएगा.
अगले महीने से पूर्वी दिल्ली में शुरू होगा एसओएल का नया कैंपस: प्रो. पायल मांगो ने बताया कि पूर्वी दिल्ली के ताहिरपुर में बन रहा एसओएल का एक बड़ा कैंपस अक्टूबर के महीने से शुरू हो जाएगा. सातवें फ्लोर पर उसका काम चलता रहेगा. बाकी सभी फ्लोर पर क्लासेस और प्रैक्टिकल लैब और अन्य सुविधाएं शुरू हो जाएगी. उन्होंने बताया कि कोरोना के टाइम में इस कैंपस का निर्माण शुरू हुआ था. बीच में निर्माण कार्य पर रोक लगने और ग्रेप लागू होने के बाद इसके निर्माण में देरी हुई. लेकिन अब यह जल्दी ही बच्चों के लिए समर्पित किया जाएगा.
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स्किल कोर्सेज में मिल रहा अच्छा रिस्पांस: प्रो. मांगो ने बताया कि एसओएल के द्वारा पिछले साल शुरू किए गए करीब 22 स्किल कोर्सेज में भी अच्छा रिस्पांस मिला है. अभी हमारा एसी रिपेयरिंग का एक बैच निकलने वाला है. इससे पहले एक मेडिकल ट्रांसक्रिप्शन का बैच निकल गया है, जिसमें से 80 परसेंट बच्चों को प्लेसमेंट मिली है. इसके साथ ही एक ड्रोन पायलट का भी कोर्स शुरू किया है, जिसमें बहुत ही रोजगार की संभावनाएं हैं. ड्रोन पायलट का कोर्स सफलतापूर्वक पूरा करने वाले बच्चों को अगर बाद में ड्रोन के क्षेत्र में ही व्यापार करना है तो वह ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग और ड्रोन असेंबली का भी कोर्स कर सकते हैं. आधुनिक समय में इसकी बड़ी मांग है.