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संजौली से उठी चिंगारी पूरे प्रदेश में फैली, जगह-जगह अवैध मस्जिद को गिराने की हो रही मांग, जानें इस विवाद के पीछे की मुख्य वजह? - Sanjauli Mosque Controversy

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 16, 2024, 1:45 PM IST

Updated : Sep 16, 2024, 2:09 PM IST

Know the Reason behind the Sanjauli Mosque Case: हिमाचल प्रदेश की शांत वादियां इन दिनों संजौली के मस्जिद में हुए अवैध निर्माण के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शन की नारों से गूंज रहा है. ऐसे में आइए जानते हैं कि इस विवाद के पीछे की मुख्य वजह क्या है और अब तक मामले में क्या-क्या हुआ?

हिमाचल मस्जिद विवाद
हिमाचल मस्जिद विवाद (ETV Bharat)

शिमला: संजौली मस्जिद विवाद को लेकर हिमाचल प्रदेश इन दिनों देश भर की सुर्खियों में छाया हुआ है. सुक्खू सरकार के कैबिनेट मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने बीते दिनों मानसून सत्र के दौरान संजौली में अवैध मस्जिद निर्माण का मुद्दा उठाया था. साथ ही राज्य में बाहरी लोगों और बांग्लादेशी-रोहिंग्या के घुसपैठ को लेकर चिंता जाहिर की थी, जिसके बाद प्रदेश की राजनीति गरम हो गई. वहीं, हिंदू संगठन अवैध मस्जिद को गिराने की मांग को लेकर सड़कों पर उतर आए और हिमाचल की शांत वादियों में तनाव की स्थिति पैदा हो गई. लेकिन क्या आपको पता है कि संजौली अवैध मस्जिद का मुद्दे के पीछे की मुख्य क्या वजह है और मामले में अब तक क्या-क्या हुआ? आइए इस पर एक नजर डालते हैं.

मल्याणा में हुए मारपीट मामले से उठा अवैध मस्जिद का मुद्दा: संजौली मस्जिद विवाद के पीछे की वजह मल्याणा गांव में हुए मारपीट की एक घटना को माना जा रहा है. दरअसल, शिमला के मल्याणा में विक्रम सिंह नाम के एक व्यक्ति से कुछ लोगों ने मारपीट की थी. इस दौरान उनके सिर पर गहरी चोट आई थी. पुलिस को दी शिकायत में पीड़ित विक्रम सिंह ने बताया कि जब वह रात के समय अपना लोक मित्र केंद्र बंद करके घर लौट रहे थे तो उस दौरान रास्ते में एक लड़का शोर मचा रहा था. जब उन्होंने उसे रोका तो आरोपी अपने अन्य साथियों के साथ मौके पर पहुंचा और विक्रम सिंह से मारपीट की. मामले में पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 6 आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. इनमें सभी आरोपी बाहरी थे. जिनमें पांच आरोपी यूपी के मुजफ्फरनगर और एक उत्तराखंड का रहने वाला है. इन आरोपियों की पहचान गुलनवाज (32 वर्ष), सारिक (20 वर्ष), सैफ अली (23 वर्ष), रियान (23 वर्ष) और दो नाबालिग के रूप में हुई.

हिंदू संगठनों ने अवैध मस्जिद निर्माण के खिलाफ खोला मोर्चा: जिसके बाद मामले की जांच एएसपी रैंक के अधिकारी रतन सिंह नेगी की निगरानी में चल रही है. हालांकि, पुलिस ने इसे पहले स्थानीय दुकानदारों और बाहरी राज्य के लोगों के बीच आपसी बहसबाजी और लड़ाई का मामला माना, लेकिन स्थानीय लोगों का आरोप था कि वारदात को अंजाम देकर ये सभी आरोपी संजौली मस्जिद में जाकर छिपे थे. उसके बाद हिंदू संगठनों ने संजौली में मस्जिद के खिलाफ प्रदर्शन किया और इसे अवैध बताते हुए प्रशासन से गिराने की मांग की. जिसके बाद मौके पर पहुंचे डीसी शिमला, एसपी शिमला और नगर निगम कमिश्नर ने प्रदर्शनकारियों को समझाया कि मस्जिद से जुड़े केस की सुनवाई कमिश्नर कोर्ट में चल रही है, तब तक प्रदर्शन न करें.

संजौली मस्जिद विवाद पर बंटे दिखें अनिरुद्ध सिंह और हरीश जनारथा
संजौली मस्जिद विवाद पर बंटे दिखें अनिरुद्ध सिंह और हरीश जनारथा (ETV Bharat)

मानसून सत्र के दौरान सदन में उठा संजौली मस्जिद विवाद का मुद्दा: इसके बाद ये मुद्दा हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान गूंजा. गौरतलब है कि मल्याणा कैबिनेट मंत्री अनिरुद्ध सिंह के निर्वाचन क्षेत्र कुसुम्पटी में आता है और संजौली शिमला शहरी के विधायक हरीश जनारथा के निर्वाचन क्षेत्र में आता है. जिसको लेकर दोनों मंत्री इस मुद्दे पर बंटते नजर आए. जहां अनिरुद्ध सिंह ने सदन में बताया कि वहां जो भी आंदोलन हुआ है वो बिल्कुल सही है और वो इसकी जिम्मेदारी लेते हैं. वहीं, विधायक हरीश जनारथा ने कहा कि ये मल्याणा का झगड़ा लोग संजौली में लेकर चले आए हैं, जो गलत है.

विधानसभा में अनिरुद्ध सिंह ने उठाया संजौली मस्जिद का मुद्दा
विधानसभा में अनिरुद्ध सिंह ने उठाया संजौली मस्जिद का मुद्दा (ETV Bharat)

सदन में मंत्री अनिरुद्ध सिंह का बीजेपी विधायकों ने किया समर्थन: मानसून सत्र के दौरान कैबिनेट मंत्री अनिरुद्ध सिंह सदन में संजौली में मस्जिद के हुए अवैध निर्माण का मुद्दा उठाया और इसे राज्य सरकार की जमीन बताया. साथ ही उन्होंने प्रदेश में बाहरी लोगों के हो रहे घुसपैठ पर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि हिमाचल में बांग्लादेशी और रोहिंग्या जमाती आते जा रहे हैं. आलम ये है कि संजौली क्षेत्र में औरतों का चलाना फिरना मुश्किल हो गया है. लव जिहाद के मामले हो रहे हैं. इन लोगों के आने से प्रदेश में अपराध बढ़ रहा है. इस दौरान बीजेपी विधायकों ने अनिरुद्ध सिंह के समर्थन में मेज थपथपा कर अपना समर्थन जताया.

11 सितंबर को संजौली में हिंदू संगठनों के किया प्रदर्शन
11 सितंबर को संजौली में हिंदू संगठनों के किया प्रदर्शन (ETV Bharat)

अवैध मस्जिद निर्माण और घुसपैठ के खिलाफ संजौली में प्रदर्शन: वहीं, अनिरुद्ध सिंह ने जैसे ही सदन में संजौली अवैध मस्जिद को लेकर बयान दिया. वैसे प्रदेश में हिंदू संगठनों ने इस मस्जिद के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. 11 सितंबर को हिंदू संगठनों ने संजौलीन में जोरदार प्रदर्शन किया. इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच धक्का-मुक्की हुई. आरोप है कि प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पत्थरबाजी की, जिसके बाद पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे लोगों पर लाठियां भांजी. जिसके बाद प्रदेश की राजनीति गरम हो गई और पूरे देश की मीडिया की नजर संजौली पर आ टिकी. सीएम सुखविंदर सिंह ने अवैध मस्जिद मामले में किसी को भी कानून अपने हाथ में न लेने की चेतावनी दी. कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने लोगों का कार्रवाई का आश्वासन दिया. विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि मामला शिमला म्युनिसिपल कोर्ट में चल रहा है, अगर मस्जिद के खिलाफ फैसला आता है तो उसे गिराया जाएगा. वहीं, संजौली में हिंसा करने और पुलिस पर पत्थरबाजी करने के आरोप में विश्व हिंदू परिषद के नेताओं सहित 50 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है.

मंडी में मस्जिद कमेटी ने तोड़ा अवैध निर्माण
मंडी में मस्जिद कमेटी ने तोड़ा अवैध निर्माण (ETV Bharat)

हिंदू संगठनों के विरोध के बाद मुस्लिम पक्ष के लोगों ने की पहल: हिमाचल में संजौली में अवैध मस्जिद के खिलाफ आंदोलन देख मुस्लिम समुदाय के लोगों ने पहल की और शिमला डीसी से मुलाकात कर इसे ढांचे को खुद ही गिराने की बात कही. वहीं, अवैध मस्जिद को लेकर संजौली से उठी चिंगारी अब पूरे प्रदेश में फैलने लगी. संजौली के बाद कुसुम्पटी और मंडी में अवैध मस्जिद निर्माण के खिलाफ आंदोलन शुरू हो गया. हालांकि, विवाद बढ़ता देख मंडी मस्जिद कमेटी के सदस्यों ने पीडब्ल्यूडी के जमीन पर बने अवैध निर्माण को तोड़ दिया. वहीं, मंडी नगर निगम ने बिना अनुमति के बनाए गए मस्जिद को गिराने का फैसला सुनाया है. वहीं, अभी भी अवैध मस्जिद निर्माण का मुद्दा प्रदेश में छाया हुआ है और हिंदू संगठनों ने इसके खिलाफ मोर्चा खोल रखा है.

शिमला: संजौली मस्जिद विवाद को लेकर हिमाचल प्रदेश इन दिनों देश भर की सुर्खियों में छाया हुआ है. सुक्खू सरकार के कैबिनेट मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने बीते दिनों मानसून सत्र के दौरान संजौली में अवैध मस्जिद निर्माण का मुद्दा उठाया था. साथ ही राज्य में बाहरी लोगों और बांग्लादेशी-रोहिंग्या के घुसपैठ को लेकर चिंता जाहिर की थी, जिसके बाद प्रदेश की राजनीति गरम हो गई. वहीं, हिंदू संगठन अवैध मस्जिद को गिराने की मांग को लेकर सड़कों पर उतर आए और हिमाचल की शांत वादियों में तनाव की स्थिति पैदा हो गई. लेकिन क्या आपको पता है कि संजौली अवैध मस्जिद का मुद्दे के पीछे की मुख्य क्या वजह है और मामले में अब तक क्या-क्या हुआ? आइए इस पर एक नजर डालते हैं.

मल्याणा में हुए मारपीट मामले से उठा अवैध मस्जिद का मुद्दा: संजौली मस्जिद विवाद के पीछे की वजह मल्याणा गांव में हुए मारपीट की एक घटना को माना जा रहा है. दरअसल, शिमला के मल्याणा में विक्रम सिंह नाम के एक व्यक्ति से कुछ लोगों ने मारपीट की थी. इस दौरान उनके सिर पर गहरी चोट आई थी. पुलिस को दी शिकायत में पीड़ित विक्रम सिंह ने बताया कि जब वह रात के समय अपना लोक मित्र केंद्र बंद करके घर लौट रहे थे तो उस दौरान रास्ते में एक लड़का शोर मचा रहा था. जब उन्होंने उसे रोका तो आरोपी अपने अन्य साथियों के साथ मौके पर पहुंचा और विक्रम सिंह से मारपीट की. मामले में पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 6 आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. इनमें सभी आरोपी बाहरी थे. जिनमें पांच आरोपी यूपी के मुजफ्फरनगर और एक उत्तराखंड का रहने वाला है. इन आरोपियों की पहचान गुलनवाज (32 वर्ष), सारिक (20 वर्ष), सैफ अली (23 वर्ष), रियान (23 वर्ष) और दो नाबालिग के रूप में हुई.

हिंदू संगठनों ने अवैध मस्जिद निर्माण के खिलाफ खोला मोर्चा: जिसके बाद मामले की जांच एएसपी रैंक के अधिकारी रतन सिंह नेगी की निगरानी में चल रही है. हालांकि, पुलिस ने इसे पहले स्थानीय दुकानदारों और बाहरी राज्य के लोगों के बीच आपसी बहसबाजी और लड़ाई का मामला माना, लेकिन स्थानीय लोगों का आरोप था कि वारदात को अंजाम देकर ये सभी आरोपी संजौली मस्जिद में जाकर छिपे थे. उसके बाद हिंदू संगठनों ने संजौली में मस्जिद के खिलाफ प्रदर्शन किया और इसे अवैध बताते हुए प्रशासन से गिराने की मांग की. जिसके बाद मौके पर पहुंचे डीसी शिमला, एसपी शिमला और नगर निगम कमिश्नर ने प्रदर्शनकारियों को समझाया कि मस्जिद से जुड़े केस की सुनवाई कमिश्नर कोर्ट में चल रही है, तब तक प्रदर्शन न करें.

संजौली मस्जिद विवाद पर बंटे दिखें अनिरुद्ध सिंह और हरीश जनारथा
संजौली मस्जिद विवाद पर बंटे दिखें अनिरुद्ध सिंह और हरीश जनारथा (ETV Bharat)

मानसून सत्र के दौरान सदन में उठा संजौली मस्जिद विवाद का मुद्दा: इसके बाद ये मुद्दा हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान गूंजा. गौरतलब है कि मल्याणा कैबिनेट मंत्री अनिरुद्ध सिंह के निर्वाचन क्षेत्र कुसुम्पटी में आता है और संजौली शिमला शहरी के विधायक हरीश जनारथा के निर्वाचन क्षेत्र में आता है. जिसको लेकर दोनों मंत्री इस मुद्दे पर बंटते नजर आए. जहां अनिरुद्ध सिंह ने सदन में बताया कि वहां जो भी आंदोलन हुआ है वो बिल्कुल सही है और वो इसकी जिम्मेदारी लेते हैं. वहीं, विधायक हरीश जनारथा ने कहा कि ये मल्याणा का झगड़ा लोग संजौली में लेकर चले आए हैं, जो गलत है.

विधानसभा में अनिरुद्ध सिंह ने उठाया संजौली मस्जिद का मुद्दा
विधानसभा में अनिरुद्ध सिंह ने उठाया संजौली मस्जिद का मुद्दा (ETV Bharat)

सदन में मंत्री अनिरुद्ध सिंह का बीजेपी विधायकों ने किया समर्थन: मानसून सत्र के दौरान कैबिनेट मंत्री अनिरुद्ध सिंह सदन में संजौली में मस्जिद के हुए अवैध निर्माण का मुद्दा उठाया और इसे राज्य सरकार की जमीन बताया. साथ ही उन्होंने प्रदेश में बाहरी लोगों के हो रहे घुसपैठ पर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि हिमाचल में बांग्लादेशी और रोहिंग्या जमाती आते जा रहे हैं. आलम ये है कि संजौली क्षेत्र में औरतों का चलाना फिरना मुश्किल हो गया है. लव जिहाद के मामले हो रहे हैं. इन लोगों के आने से प्रदेश में अपराध बढ़ रहा है. इस दौरान बीजेपी विधायकों ने अनिरुद्ध सिंह के समर्थन में मेज थपथपा कर अपना समर्थन जताया.

11 सितंबर को संजौली में हिंदू संगठनों के किया प्रदर्शन
11 सितंबर को संजौली में हिंदू संगठनों के किया प्रदर्शन (ETV Bharat)

अवैध मस्जिद निर्माण और घुसपैठ के खिलाफ संजौली में प्रदर्शन: वहीं, अनिरुद्ध सिंह ने जैसे ही सदन में संजौली अवैध मस्जिद को लेकर बयान दिया. वैसे प्रदेश में हिंदू संगठनों ने इस मस्जिद के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. 11 सितंबर को हिंदू संगठनों ने संजौलीन में जोरदार प्रदर्शन किया. इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच धक्का-मुक्की हुई. आरोप है कि प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पत्थरबाजी की, जिसके बाद पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे लोगों पर लाठियां भांजी. जिसके बाद प्रदेश की राजनीति गरम हो गई और पूरे देश की मीडिया की नजर संजौली पर आ टिकी. सीएम सुखविंदर सिंह ने अवैध मस्जिद मामले में किसी को भी कानून अपने हाथ में न लेने की चेतावनी दी. कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने लोगों का कार्रवाई का आश्वासन दिया. विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि मामला शिमला म्युनिसिपल कोर्ट में चल रहा है, अगर मस्जिद के खिलाफ फैसला आता है तो उसे गिराया जाएगा. वहीं, संजौली में हिंसा करने और पुलिस पर पत्थरबाजी करने के आरोप में विश्व हिंदू परिषद के नेताओं सहित 50 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है.

मंडी में मस्जिद कमेटी ने तोड़ा अवैध निर्माण
मंडी में मस्जिद कमेटी ने तोड़ा अवैध निर्माण (ETV Bharat)

हिंदू संगठनों के विरोध के बाद मुस्लिम पक्ष के लोगों ने की पहल: हिमाचल में संजौली में अवैध मस्जिद के खिलाफ आंदोलन देख मुस्लिम समुदाय के लोगों ने पहल की और शिमला डीसी से मुलाकात कर इसे ढांचे को खुद ही गिराने की बात कही. वहीं, अवैध मस्जिद को लेकर संजौली से उठी चिंगारी अब पूरे प्रदेश में फैलने लगी. संजौली के बाद कुसुम्पटी और मंडी में अवैध मस्जिद निर्माण के खिलाफ आंदोलन शुरू हो गया. हालांकि, विवाद बढ़ता देख मंडी मस्जिद कमेटी के सदस्यों ने पीडब्ल्यूडी के जमीन पर बने अवैध निर्माण को तोड़ दिया. वहीं, मंडी नगर निगम ने बिना अनुमति के बनाए गए मस्जिद को गिराने का फैसला सुनाया है. वहीं, अभी भी अवैध मस्जिद निर्माण का मुद्दा प्रदेश में छाया हुआ है और हिंदू संगठनों ने इसके खिलाफ मोर्चा खोल रखा है.

Last Updated : Sep 16, 2024, 2:09 PM IST
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