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जानिए अंगूर के फायदे, किन बीमारियों में होता है मददगार - HEALTH TIPS

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jun 27, 2024, 1:44 PM IST

रसदार और हरे भरे अंगूर का नाम सुनते ही जुबान पर पानी आने लगता है. पर क्या आप जानते हैं की अंगूर कई बीमारियों में इलाज के लिए फायदेमंद भी होता है. इसके जरिए विभिन्न रोगों में उपचार भी किया जाता है. शिवाय आयुर्वेद सेंटर के डॉक्टर रोहित गुप्ता ने अंगूर के फायदे गिनाए.

बीमारियों में होता है मददगार
बीमारियों में होता है मददगार (फोटो ईटीवी भारत जयपुर)

जयपुर. अंगूर एक रसीला फल होने के साथ-साथ औषधि भी है. मूर्च्छा यानी बेहोशी आने की शिकायत रहने वाले मरीज को अंगूर से बनी दाख (मुनक्का) और आंवले को समान मात्रा में लेकर, उबालकर पीसकर थोड़ा शुंठी का चूर्ण मिलाकर, शहद के साथ लेना चाहिए. ऐसा करने से बुखारयुक्त मूर्च्छा (बेहोशी) दूर हो जाती है. 25 ग्राम मुनक्का, मिश्री, अनार की छाल और खस 12-12 ग्राम को कूट कर 500 मिलीलीटर पानी में रात भर भिगो दें, सुबह मसल-छानकर, 3 खुराक बनाएं और दिन में 3 बार (सुबह, दोपहर और शाम) सेवन करे. इसके अलावा 100-200 ग्राम मुनक्का को घी में भूनकर थोड़ा-सा सेंधा नमक मिलाकर रोजाना 5-10 ग्राम तक खाने से चक्कर आना बंद हो जाता है.

सिर में दर्द का भी होता है इलाज : अंगूर से बनी मुक्का के 8 से 10 पीस लेकर 10 ग्राम मिश्री और 10 ग्राम मुलेठी तीनों को पीसकर नस्य देने से पित्त के विकार के कारण उत्पन्न सिर का दर्द दूर होता है. इसी प्रकार मुंह के रोग में मुनक्का के 10 दाने और 3-4 जामुन के पत्ते मिलाकर काढ़ा बना लें. इस काढ़े से कुल्ला करने से मुंह के रोग मिटते हैं. ऐसे ही कफ या अजीर्ण के कारण मुंह से दुर्गन्ध आती है, तो 5-10 ग्राम मुनक्का नियमपूर्वक खाने से दूर हो जाती है.

पढ़ें: हाई कोलेस्ट्रॉल को कहें 'बाय-बाय', सुबह नाश्ते में ये आहार करें शामिल और रहें फिट

अंगूर के फायदे
अंगूर के फायदे (फोटो ईटीवी भारत)

नकसीर (नाक से खून आना) रुक जाएगा : अंगूर के रस को नाक में डालने से नाक की नकसीर यानी नाक से खून आना रुक जाता है. सीने में घाव होने पर मुनक्का और धान की खीले 10-10 ग्राम को 100 मिलीलीटर पानी में भिगों दें. 2 घंटे बाद मसल-छानकर उसमें मिश्री, शहद और घी 6-6 ग्राम मिलाकर उंगली से बार-बार चटायें. इससे सीने के घाव में लाभ होता है. यह उल्टी रोकने की यह दिव्य औषधि है. सूखी खांसी होने पर द्राक्षा, आंवला, खजूर, पिप्पली और कालीमिर्च इन सबको बराबर मात्रा में लेकर पीस लें.इस चटनी के सेवन से सूखी खांसी में लाभ होता है.

जानिए अंगूर का फायदा
जानिए अंगूर का फायदा (फोटो ईटीवी भारत जयपुर)

और भी हैं फायदे : घी, खजूर, मुनक्का, मिश्री, शहद और पिप्पली इन सबका अवलेह बनाकर सेवन करने से बुखार, खांसी, श्वास, जीर्णज्वर तथा क्षयरोग का नाश होता है. दूषित कफ विकार होने पर 8-10 नग मुनक्का, 25 ग्राम मिश्री और 2 ग्राम कत्थे को पीसकर मुख में धारण करने से दूषित कफ विकारों में लाभ होता है. ऐसे ही दाख (मुनक्का) के 10 मिलीलीटर रस में हरड़ का 1 ग्राम चूर्ण मिलाकर सुबह-शाम नियमपूर्वक पीने से गलग्रंथि मिटती है. गले के रोगों में इसके रस से गंडूष (गरारे) कराना बहुत अच्छा है.

पढ़ें: कंट्रोल नहीं हो रही डायबिटीज? इन 3 चीजों को अपनी डाइट में आज ही करें शामिल, 1 माह में महसूस होगा अंतर

अम्लपित्त का होता है इलाज : दाख (मुनक्का), हरड़ बराबर-बराबर मात्रा में लेकर इसमें दोनों के बराबर शक्कर मिलायें, सबको एक साथ पीसकर, एक-एक ग्राम की गोलियां बना लें. 1-1 गोली सुबह-शाम शीतल जल के साथ सेवन करने से अम्लपित्त, हृदय-कंठ की जलन, प्यास और अपच का नाश होता है. मुनक्का 10 ग्राम और सौंफ आधी मात्रा में दोनों को 100 मिलीलीटर पानी में भिगों दें. सुबह मसलकर और छानकर पीने से अम्लपित्त में लाभ होता है,

पथरी में भी फायदेमंद : काले अंगूर की लकड़ी की राख 10 ग्राम को पानी में घोलकर दिन में दो बार पीने से मूत्राशय में पथरी का पैदा होना बंद हो जाता है. अंगूर की 6 ग्राम भस्म को गोखरू का काढ़ा 40-50 मिलीलीटर या 10-20 मिलीलीटर रस के साथ पिलाने से पथरी नष्ट होती है. 8-10 नग मुनक्कों को कालीमिर्च के साथ घोटकर पिलाने से पथरी में लाभ होता है. अंगूर के जूस में थोड़े-से केसर मिलाकर पीयें, इससे पथरी ठीक होती है.

जयपुर. अंगूर एक रसीला फल होने के साथ-साथ औषधि भी है. मूर्च्छा यानी बेहोशी आने की शिकायत रहने वाले मरीज को अंगूर से बनी दाख (मुनक्का) और आंवले को समान मात्रा में लेकर, उबालकर पीसकर थोड़ा शुंठी का चूर्ण मिलाकर, शहद के साथ लेना चाहिए. ऐसा करने से बुखारयुक्त मूर्च्छा (बेहोशी) दूर हो जाती है. 25 ग्राम मुनक्का, मिश्री, अनार की छाल और खस 12-12 ग्राम को कूट कर 500 मिलीलीटर पानी में रात भर भिगो दें, सुबह मसल-छानकर, 3 खुराक बनाएं और दिन में 3 बार (सुबह, दोपहर और शाम) सेवन करे. इसके अलावा 100-200 ग्राम मुनक्का को घी में भूनकर थोड़ा-सा सेंधा नमक मिलाकर रोजाना 5-10 ग्राम तक खाने से चक्कर आना बंद हो जाता है.

सिर में दर्द का भी होता है इलाज : अंगूर से बनी मुक्का के 8 से 10 पीस लेकर 10 ग्राम मिश्री और 10 ग्राम मुलेठी तीनों को पीसकर नस्य देने से पित्त के विकार के कारण उत्पन्न सिर का दर्द दूर होता है. इसी प्रकार मुंह के रोग में मुनक्का के 10 दाने और 3-4 जामुन के पत्ते मिलाकर काढ़ा बना लें. इस काढ़े से कुल्ला करने से मुंह के रोग मिटते हैं. ऐसे ही कफ या अजीर्ण के कारण मुंह से दुर्गन्ध आती है, तो 5-10 ग्राम मुनक्का नियमपूर्वक खाने से दूर हो जाती है.

पढ़ें: हाई कोलेस्ट्रॉल को कहें 'बाय-बाय', सुबह नाश्ते में ये आहार करें शामिल और रहें फिट

अंगूर के फायदे
अंगूर के फायदे (फोटो ईटीवी भारत)

नकसीर (नाक से खून आना) रुक जाएगा : अंगूर के रस को नाक में डालने से नाक की नकसीर यानी नाक से खून आना रुक जाता है. सीने में घाव होने पर मुनक्का और धान की खीले 10-10 ग्राम को 100 मिलीलीटर पानी में भिगों दें. 2 घंटे बाद मसल-छानकर उसमें मिश्री, शहद और घी 6-6 ग्राम मिलाकर उंगली से बार-बार चटायें. इससे सीने के घाव में लाभ होता है. यह उल्टी रोकने की यह दिव्य औषधि है. सूखी खांसी होने पर द्राक्षा, आंवला, खजूर, पिप्पली और कालीमिर्च इन सबको बराबर मात्रा में लेकर पीस लें.इस चटनी के सेवन से सूखी खांसी में लाभ होता है.

जानिए अंगूर का फायदा
जानिए अंगूर का फायदा (फोटो ईटीवी भारत जयपुर)

और भी हैं फायदे : घी, खजूर, मुनक्का, मिश्री, शहद और पिप्पली इन सबका अवलेह बनाकर सेवन करने से बुखार, खांसी, श्वास, जीर्णज्वर तथा क्षयरोग का नाश होता है. दूषित कफ विकार होने पर 8-10 नग मुनक्का, 25 ग्राम मिश्री और 2 ग्राम कत्थे को पीसकर मुख में धारण करने से दूषित कफ विकारों में लाभ होता है. ऐसे ही दाख (मुनक्का) के 10 मिलीलीटर रस में हरड़ का 1 ग्राम चूर्ण मिलाकर सुबह-शाम नियमपूर्वक पीने से गलग्रंथि मिटती है. गले के रोगों में इसके रस से गंडूष (गरारे) कराना बहुत अच्छा है.

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अम्लपित्त का होता है इलाज : दाख (मुनक्का), हरड़ बराबर-बराबर मात्रा में लेकर इसमें दोनों के बराबर शक्कर मिलायें, सबको एक साथ पीसकर, एक-एक ग्राम की गोलियां बना लें. 1-1 गोली सुबह-शाम शीतल जल के साथ सेवन करने से अम्लपित्त, हृदय-कंठ की जलन, प्यास और अपच का नाश होता है. मुनक्का 10 ग्राम और सौंफ आधी मात्रा में दोनों को 100 मिलीलीटर पानी में भिगों दें. सुबह मसलकर और छानकर पीने से अम्लपित्त में लाभ होता है,

पथरी में भी फायदेमंद : काले अंगूर की लकड़ी की राख 10 ग्राम को पानी में घोलकर दिन में दो बार पीने से मूत्राशय में पथरी का पैदा होना बंद हो जाता है. अंगूर की 6 ग्राम भस्म को गोखरू का काढ़ा 40-50 मिलीलीटर या 10-20 मिलीलीटर रस के साथ पिलाने से पथरी नष्ट होती है. 8-10 नग मुनक्कों को कालीमिर्च के साथ घोटकर पिलाने से पथरी में लाभ होता है. अंगूर के जूस में थोड़े-से केसर मिलाकर पीयें, इससे पथरी ठीक होती है.

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