पलामूः झारखंड विधानसभा चुनाव अपने आप में कई मायनों में दिलचस्प होने वाला है. पलामू जिला की एक सीट पर भी दावेदारों के लिए भी दिलचस्प होने के आसार है. बिश्रामपुर विधानसभा क्षेत्र के लिए दिलचस्प होने वाला है. अगले कुछ दिनों में चुनाव की घोषणा हो जाएगी लेकिन बिश्रामपुर से नेता कौन से राजनीतिक पार्टी से चुनाव लड़ेंगे इसकी तस्वीर साफ नहीं हुई है.
ऐसा माना जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी के तरफ से वर्तमान विधायक रामचंद्र चंद्रवंशी चुनाव लड़ेंगे. लेकिन महागठबंधन के तरफ से अभी तक तस्वीर साफ नहीं हुई है. बिश्रामपुर विधानसभा क्षेत्र से कई ऐसे चेहरे जो बड़े माने जाते है और उनका जनाधार भी है. बिश्रामपुर से चार बार चंद्रशेखर दुबे उर्फ ददई दुबे और चार बार वर्तमान विधायक रामचंद्र चंद्रवंशी चुनाव जीते है.
बिश्रामपुर से कौन से हैं बड़े चेहरे जो लड़ेंगे चुनाव
भारतीय जनता पार्टी से रामचंद्र चंद्रवंशी, रामाशीष यादव, कांग्रेस से ददई दुबे, पूर्णिमा पांडेय, बड़ू दुबे, अमृत शुक्ला, राजद से नरेश सिंह, बसपा से राजन मेहता और अंजू सिंह बड़ा चेहरा है. 2014 के चुनाव में अंजू सिंह दूसरे स्थान पर रही थीं, वहीं 2019 के चुनाव में राजन मेहता दूसरे स्थान पर रहे थे. बिश्रामपुर से कांग्रेस या राजद कौन लड़ेगी चुनाव यह तस्वीर साफ नहीं हुई है. 2019 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय के रूप में नरेश सिंह तीसरे स्थान पर रहे थे जबकि जेवीएम के अंजू सिंह पांचवे स्थान पर रहीं. कांग्रेस के ददई दुबे चौथे स्थान पर रहे.
प्रत्याशियों का नाम किसी पार्टी की ओर से अभी तक जारी नहीं किये जाने से किसी भी प्रत्याशी की स्थिति स्पष्ट नहीं है. क्षेत्र की जनता अभी तक अपनी स्थिति रखी हुई है जिससे कोई भी प्रत्याशी कुछ कहने की स्थिति में नहीं है. हालांकि अभी तक सभी दलों की अपेक्षा क्षेत्र में भाजपा की स्थिति अच्छी है. -नगेंद्र शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार.
दो भागों में बिश्रामपुर विधानसभा क्षेत्र
बिश्रामपुर विधानसभा क्षेत्र दो भागों में बटी हुई है. विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत पलामू का बिश्रामपुर, ऊंटारी रोड, पांडू, नावाबाजार प्रखंड आता है. वहीं गढ़वा जिला का माझिआंव, बरडीहा, कांडी प्रखंड आता है. बिश्रामपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 3 लाख 55 हजार 758 मतदाता हैं. जिसमें 1 लाख 85 हजार 791 पुरुष और 1 लाख 69 हजार 967 महिला मतदाता है. वहीं इस विधानसभा क्षेत्र में 367 मतदान केंद्र हैं.
बिश्रामपुर विधानसभा क्षेत्र से कौन-कौन रहे हैं विधायक
आजाद भारत में पहली बार हुए विधानसभा चुनाव में 1952 में भुवनेश्वर चौबे बिश्रामपुर से विधायक बने. इसके बाद 1957 में राम किशोर सिंह, 1962 में श्याम बिहारी सिंह, 1967 में योगेश्वर राम, 1969 में रामदेनी राम, 1972 में राम धनीराम विधायक बने. इसके बाद विनोद सिंह 1977 और 1980 दो बार विधायक बने. इसके बाद 1990 और 1985 में ददई दुबे विधायक बने. वहीं 1995 ददई दुबे को हराकर रामचंद्र चंद्रवंशी पहली बार विधायक बने. इसके बाद 2000 में ददई दुबे ने वापसी की. इसके बाद 2005 में रामचंद्र चंद्रवंशी फिर से विधायक बने तो 2009 में ददई दुबे फिर से चुनाव जीते. इसके बाद 2014 और 2019 के विधानसभा चुनाव में रामचंद्र चंद्रवंशी ने बाजी मारी.
सिंचाई और रोजगार है बड़ी समस्या
बिश्रामपुर विधानसभा क्षेत्र में सिंचाई और रोजगार एक बड़ी समस्या रही है. विधानसभा क्षेत्र का आर्थिक गतिविधि कृषि आधारित है. बड़े भाग में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध नहीं है. विश्रामपुर का इलाका लंबे समय से नक्सल हिंसा से जूझता रहा है. अब हालात बदल गए हैं लेकिन पलायन अभी-भी कायम है.
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