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लोकसभा चुनाव 2024: जमशेदपुर लोकसभा क्षेत्र से VVIP चेहरे आजमा चुके हैं अपनी किस्मत, ग्राफिक्स के जरिए जानिए इस सीट का इतिहास

History of Jamshedpur Lok Sabha Seat. लोकसभा चुनाव 2024 के लिए तारीखों की घोषणा कभी भी हो सकती है. ऐसे में सभी पार्टियां पूरी ताकत से अपनी तैयारियों में जुट गई है. जमशेदपुर लोकसभा में जीत और हार का क्या रहा है इतिहास इस रिपोर्ट में ग्राफिक्स के जरिए समझा जा सकता है.

History of Jamshedpur Lok Sabha
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Mar 5, 2024, 5:41 PM IST

रांची: झारखंड के जमशेदपुर लोकसभा क्षेत्र का इतिहास काफी दिलचस्प रहा है. जमशेदपुर शहर को टाटानगर भी कहा जाता है, क्योंकि इसकी स्थापना जमशेदजी नौशरवानजी टाटा ने की थी. 1907 में यहां टाटा आयरन एंड स्टील री बुनियाद पड़ी थी. जमशेदपुर लोकसभा सीट इसलिए भी खास है क्योंकि यहां पर अब तक कोई भी प्रत्याशी दो बार से अधिक जीत हासिल नहीं की है.

History of Jamshedpur Lok Sabha
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जमशेदपुर लोकसभा क्षेत्र बहरागोड़ा, घाटशिला, पोटका, जुगसलाई, जमशेदपुर पुर्वी और जमशेजपुर पश्चिमी विधानसभा सीटों से मिलकर बना है. इन विधानसभा क्षेत्रों में घाटशिला और पोटका अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है जबकि जुगसलाई सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. शरुआती दौर में यहां कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी. लेकिन 1984 के बाद से कभी भी कांग्रेस ने यहां जीत दर्ज नहीं किया है.

जमशेदपुर लोकसभा सीट बीजेपी का गढ़ मानी जाती है. 2004 को छोड़ दिया जाए तो 1996 से ही यहां बीजेपी लगातार जीत दर्ज करती आ रही है. विद्युत वरण महतो भी लगातार दो बार से जीत रहे हैं. यह सीट वीवीआईपी मानी जाती है यहां से कई बड़े चेहरे चुनाव लड़ चुके हैं, उनमें उदय शंकर मिश्रा, रुद्र प्रताप षाड़ंगी, अर्जुन मुंडा और बीआर चोपड़ा के महाभारत में कृष्ण की भूमिका निभाने वाले नितिश भारद्वाज के नाम शामिल हैं. एक बार फिर यहां बीजेपी ने दो बार के विजेता विद्युत वरण महतो पर भरोसा जताया है. ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि क्या विद्युत इस सीट की परंपरा तोड़ पाते हैं, क्योंकि अब तक यहां के लोगों ने कभी भी किसी उम्मीदवार पर दो बार से ज्यादा भरोसा नहीं जताया है.

रांची: झारखंड के जमशेदपुर लोकसभा क्षेत्र का इतिहास काफी दिलचस्प रहा है. जमशेदपुर शहर को टाटानगर भी कहा जाता है, क्योंकि इसकी स्थापना जमशेदजी नौशरवानजी टाटा ने की थी. 1907 में यहां टाटा आयरन एंड स्टील री बुनियाद पड़ी थी. जमशेदपुर लोकसभा सीट इसलिए भी खास है क्योंकि यहां पर अब तक कोई भी प्रत्याशी दो बार से अधिक जीत हासिल नहीं की है.

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जमशेदपुर लोकसभा क्षेत्र बहरागोड़ा, घाटशिला, पोटका, जुगसलाई, जमशेदपुर पुर्वी और जमशेजपुर पश्चिमी विधानसभा सीटों से मिलकर बना है. इन विधानसभा क्षेत्रों में घाटशिला और पोटका अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है जबकि जुगसलाई सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. शरुआती दौर में यहां कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी. लेकिन 1984 के बाद से कभी भी कांग्रेस ने यहां जीत दर्ज नहीं किया है.

जमशेदपुर लोकसभा सीट बीजेपी का गढ़ मानी जाती है. 2004 को छोड़ दिया जाए तो 1996 से ही यहां बीजेपी लगातार जीत दर्ज करती आ रही है. विद्युत वरण महतो भी लगातार दो बार से जीत रहे हैं. यह सीट वीवीआईपी मानी जाती है यहां से कई बड़े चेहरे चुनाव लड़ चुके हैं, उनमें उदय शंकर मिश्रा, रुद्र प्रताप षाड़ंगी, अर्जुन मुंडा और बीआर चोपड़ा के महाभारत में कृष्ण की भूमिका निभाने वाले नितिश भारद्वाज के नाम शामिल हैं. एक बार फिर यहां बीजेपी ने दो बार के विजेता विद्युत वरण महतो पर भरोसा जताया है. ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि क्या विद्युत इस सीट की परंपरा तोड़ पाते हैं, क्योंकि अब तक यहां के लोगों ने कभी भी किसी उम्मीदवार पर दो बार से ज्यादा भरोसा नहीं जताया है.

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