जाति जानिए सांसद की; यूपी की 80 सीटों पर कितने पिछड़े-दलित, कुर्मी-यादव, ब्राह्मण-मुस्लिम, ठाकुर जीते - CASTE MATHEMATICS OF MPs IN UP
इस बार लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में जाति का बड़ा खेला हुआ. पीडीए का फॉर्मूला लाकर सपा जातीय समीकरण समझने और साधने में सफल रही. नतीजा यह रहा कि उसने यूपी में अब तक की सबसे बड़ी जीत हासिल की. कौन सीट से किस जाति के सांसद चुनकर आए हैं. पढ़िए- प्रदेश की 80 सीटों का विश्लेषण.
उत्तर प्रदेश में कौन सी जाति के सांसद जीते (PHOTO Credits ETV BHARAT)
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी का PDA फाॅर्मूला चला और सूबे में सपा ने सबसे ज्यादा सीटें जीती हैं. समाजवादी पार्टी ने पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक फाॅर्मूले के आधार पर प्रत्याशियों को उतारा था और 37 सीटों पर कामयाब रही. कांग्रेस ने 6 सीटें जीती हैं. इसके अलावा भारतीय जनता पार्टी अपना पिछला प्रदर्शन भी नहीं दोहरा पाई और मात्र 33 सीटों पर सिमट गई. इसके साथ ही राष्ट्रीय लोक दल ने दो सीटों पर जीत दर्ज की है, जबकि अपना दल और आजाद समाज पार्टी ने एक-एक सीट जीती है. अब एक नजर डालते हैं कौन सी सीट पर किस समाज के लोग संसद तक पहुंचे हैं.
लोकसभा चुनाव में यूपी में सबसे ज्यादा पिछड़े समाज के प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है. और इनकी संख्या सभी दलों को मिलाकर 28 तक पहुंच रही है. जबकि इसके बाद दलित समाज से आने वाले प्रत्याशियों ने 19 सीटों पर जीत दर्ज की है. सबसे चौकाने वाले नतीजे अयोध्या सीट पर आए. जहां सामान्य सीट होने के बाद भी सपा ने यहां से दलित समाज के प्रत्याशी उतारकर बड़ा दांव खेला. और समाजवादी पार्टी ने बीजेपी के लल्लू सिंह को बड़े अंतर से चुनाव हार दिया. सुरक्षित सीटों में विपक्षी दलों ने 9 सीटों पर जीत दर्ज की है जबकि बीजेपी मात्र 8 सीटों पर जीत दर्ज कर पाई है. इसके अलावा आजाद समाज पार्टी के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण ने नगीना सुरक्षित सीट पर जीत दर्ज की है.
अन्य समाज की बात करें तो, कुर्मी समाज के 12 सांसदों ने जीत दर्ज की है. जबकि अखिलेश यादव परिवार के पांच यादव सदस्यों ने जीत दर्ज की है. ब्राह्मण समाज से 10 सांसद निर्वाचित हुए हैं. क्षत्रिय समाज से नौ सदस्य निर्वाचित हुए हैं. इसके साथ ही भूमिहार समाज से आने वाले दो सांसद निर्वाचित हुए हैं. अति पिछड़े निषाद जाति से तीन सांसद निर्वाचित हुए हैं, जाट समाज से चार सांसद निर्वाचित हुए हैं.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी का PDA फाॅर्मूला चला और सूबे में सपा ने सबसे ज्यादा सीटें जीती हैं. समाजवादी पार्टी ने पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक फाॅर्मूले के आधार पर प्रत्याशियों को उतारा था और 37 सीटों पर कामयाब रही. कांग्रेस ने 6 सीटें जीती हैं. इसके अलावा भारतीय जनता पार्टी अपना पिछला प्रदर्शन भी नहीं दोहरा पाई और मात्र 33 सीटों पर सिमट गई. इसके साथ ही राष्ट्रीय लोक दल ने दो सीटों पर जीत दर्ज की है, जबकि अपना दल और आजाद समाज पार्टी ने एक-एक सीट जीती है. अब एक नजर डालते हैं कौन सी सीट पर किस समाज के लोग संसद तक पहुंचे हैं.
लोकसभा चुनाव में यूपी में सबसे ज्यादा पिछड़े समाज के प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है. और इनकी संख्या सभी दलों को मिलाकर 28 तक पहुंच रही है. जबकि इसके बाद दलित समाज से आने वाले प्रत्याशियों ने 19 सीटों पर जीत दर्ज की है. सबसे चौकाने वाले नतीजे अयोध्या सीट पर आए. जहां सामान्य सीट होने के बाद भी सपा ने यहां से दलित समाज के प्रत्याशी उतारकर बड़ा दांव खेला. और समाजवादी पार्टी ने बीजेपी के लल्लू सिंह को बड़े अंतर से चुनाव हार दिया. सुरक्षित सीटों में विपक्षी दलों ने 9 सीटों पर जीत दर्ज की है जबकि बीजेपी मात्र 8 सीटों पर जीत दर्ज कर पाई है. इसके अलावा आजाद समाज पार्टी के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण ने नगीना सुरक्षित सीट पर जीत दर्ज की है.
अन्य समाज की बात करें तो, कुर्मी समाज के 12 सांसदों ने जीत दर्ज की है. जबकि अखिलेश यादव परिवार के पांच यादव सदस्यों ने जीत दर्ज की है. ब्राह्मण समाज से 10 सांसद निर्वाचित हुए हैं. क्षत्रिय समाज से नौ सदस्य निर्वाचित हुए हैं. इसके साथ ही भूमिहार समाज से आने वाले दो सांसद निर्वाचित हुए हैं. अति पिछड़े निषाद जाति से तीन सांसद निर्वाचित हुए हैं, जाट समाज से चार सांसद निर्वाचित हुए हैं.