पटना: शिक्षकों को वेतन भुगतान समय पर नहीं किए जाने पर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक, विभाग के अधिकारियों पर काफी नाराज हैं. बीपीएससी से नियुक्त शिक्षकों और नियोजित शिक्षकों का वेतन भुगतान लंबित होने पर केके पाठक के निर्देश पर शिक्षा विभाग ने 38 जिलों के डीईओ और डीपीओ का अप्रैल महीने का वेतन रोक दिया है.
केके पाठक का बड़ा एक्शन: शिक्षा विभाग के निदेशक (प्रशासन) सुबोध कुमार चौधरी ने इस बारे में सभी डीईओ और डीपीओ (स्थापना) को पत्र भेजा है. इसमें विस्तार से उक्त बातों की चर्चा है. पत्र में कहा गया है कि पत्र मिलने के 24 घंटे के भीतर इसके बारे में स्पष्टीकरण दें और बताएं कि क्यों नहीं आप सबके खिलाफ विभागीय कार्यवाही शुरू की जाए?
जारी पत्र में क्या है?: पत्र में शिक्षा विभाग के निदेशक प्रशासन ने कहा है कि 'अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने शिक्षकों के वेतन भुगतान अभिलंब करने का आदेश दिया था. लेकिन वेतन भुगतान के निरीक्षण के क्रम में पाया गया कि मार्च महीने का शिक्षकों को वेतन नहीं मिला है. इसमें डीईओ-डीपीओ द्वारा विभागीय कार्य को प्रभावित करने, कर्त्तव्य के प्रति घोर लापरवाही और वरीय अधिकारियों के आदेश की अवहेलना साफ दिखता है.'
केके पाठक ने दिया था समय पर वेतन भुगतान का निर्देश: अपर मुख्य सचिव ने कई बार कहा है कि पहले चरण की शिक्षक बहाली और दूसरे चरण की शिक्षक बहाली से बने शिक्षकों और नियोजित शिक्षकों को समय पर वेतन का भुगतान किया जाए. लेकिन जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना के स्तर से शिक्षकों को समय पर वेतन नहीं दिया गया है. ऐसे में यह अधिकारी 24 घंटे के भीतर स्पष्टीकरण दें. स्पष्टीकरण पर निर्णय होने तक आप सभी का अप्रैल 2024 का वेतन स्थगित रहेगा.
शिक्षकों का वेतन भुगतान नहीं करने का मामला: दरअसल, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने बीपीएससी से दो चरणों में नियुक्त शिक्षकों के वेतन भुगतान के कार्य प्रगति की समीक्षा की थी. इस दौरान उन्होंने पाया कि वेतन भुगतान का मसला, डीईओ व डीपीओ (स्थापना) के स्तर पर लंबित है. जबकि केके पाठक ने जल्द शिक्षकों को उनका वेतन देने की बात कही थी. नियोजित शिक्षकों को भी मार्च का वेतन नहीं मिला है.
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