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एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी नहीं करेंगे किसान संगठन, 16 जनवरी को करेंगे ट्रैक्टर मार्च, जींद में हुई अहम बैठक - FARMERS MEETING IN JIND

Farmers Meeting in Jind: जींद में किसान संगठनों की अहम बैठक में हुई. जानें बैठक में क्या फैसले लिए गए.

Farmers Meeting in Jind
Farmers Meeting in Jind (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Jan 14, 2025, 1:07 PM IST

जींद: एमएसपी गारंटी कानून समेत कई मांगों को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा शंभू और खनौरी बॉर्डर पर धरना दे रहा है. किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल आमरण अनशन पर बैठे हैं. जिनकी हालत बिगड़ती जा रही है. किसानों के मुद्दे पर जींद में संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) के बीच बैठक हुई. बैठक में आंदोलन की रूपरेखा तैयार की गई. अगली बैठक अब 18 जनवरी 2025 को होगी.

जींद में किसान संगठनों की बैठक: जींद में किसान संगठनों की बैठक में फैसला किया गया कि कोई भी किसान जत्थेबंदी एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी नहीं करेगा. एमएसपी गारंटी कानून समेत 13 मांगों को लेकर खनौरी बॉर्डर पर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को आमरण अनशन को 50 दिन का वक्त हो गया है. डॉक्टरों ने बताया है अब डल्लेवाल का मांस सिकुड़ना शुरू हो गया है, जोकि चिंताजनक स्थिति है.

18 जनवरी को दोबारा होगी बैठक: मीटिंग खत्म होने के बाद किसान जोगिंदर सिंह उगराहां ने कहा कि मीटिंग में तय हुआ है कि 18 जनवरी को दोबारा से मीटिंग की जाएगी, जिसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी. साथ ही मीटिंग में चर्चा हुई है कि इस आंदोलन को आगे कैसे लेकर जाना चाहिए और कैसे सरकार पर दबाव बनाना चाहिए. आज के बाद कोई भी किसान जत्थेबंदी एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी नहीं करेगा.

26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे किसान: उन्होंने कहा कि आज हम तीन फोरमों के नेता एक मंच पर हैं. ये बड़ी पॉजिटिव चीज है. किसान नेताओं ने बताया ये मीटिंग इसलिए भी अहम रही है कि सभी एकजुट हो और आंदोलन को तेज किया जा सके. तालमेल ग्रुप बनाने पर फैसला हुआ है. इस पर 18 जनवरी को होने वाली मीटिंग में मोहर लगेगी. इसके बाद 26 जनवरी को होने वाले ट्रैक्टर मार्च को लेकर रणनीति बनाई जाएगी.

नई कृषि मार्केटिंग पॉलिसी के ड्रॉफ्ट का विरोध: किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़, काका सिंह कोटड़ा ने बताया कि मोर्चे पर व पूरे भारत में किसानों ने अपनी मांगों को लेकर प्रधानमंत्री, गृह मंत्री व कृषि मंत्री पुतले फूंके थे. इसी कड़ी में किसानों ने लोहड़ी के अवसर पर कृषि मार्केटिंग पॉलिसी का ड्राफ्ट जलाकर भी रोष जताया. कोटड़ा ने कहा कि नई कृषि मार्केटिंग पॉलिसी का ड्राफ्ट रद्द किए गए किए कृषि कानूनों का ही रूप हैं.

खराब हो रही जगजीत डल्लेवाल की तबीयत: किसानों ने कहा कि पुराने ही नियमों को नए तरीके से लागू किया जा रहा है और किसान इसका विरोध कर रहे हैं. किसान नेताओं ने 26 जनवरी को देश भर में ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे. किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने बताया आमरण अनशन पर बैठे जगजीत डल्लेवाल की हालत खराब है. डॉक्टरों के अनुसार अब डल्लेवाल की तबीयत ज्यादा बिगड़ रही है. पहले ही उन्हें बोलने में दिक्कत आ रही थी. अब उनका शरीर सिकुड़ना शुरू हो गया है. उनका शरीर खुद को ही खा रहा है. इसकी भरपाई दोबारा नहीं होगी.

सरकार पर अनदेखी का आरोप: कोहाड़ ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की बेरुखी के कारण ऐसा हो रहा है. सरकारी व निजी डॉक्टरों की टीम उन पर नजर रखे हुए हैं. पंजाब सरकार की ओर से धरना स्थल के पास ही एक अस्थायी अस्पताल और एंबुलेंस तैनात की हुई है, ताकि किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके. हालांकि, डल्लेवाल मेडिकल सुविधा नहीं ले रहे हैं.

ये भी पढ़ें- अठगामा खाप की सरकार को चेतावनी, बोले- 'डल्लेवाल का अनशन खत्म करवाएं, वरना उग्र आंदोलन की चिंगारी दादरी से होगी शुरू' - ATHGAMA KHAP WARNING TO GOVT

जींद: एमएसपी गारंटी कानून समेत कई मांगों को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा शंभू और खनौरी बॉर्डर पर धरना दे रहा है. किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल आमरण अनशन पर बैठे हैं. जिनकी हालत बिगड़ती जा रही है. किसानों के मुद्दे पर जींद में संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) के बीच बैठक हुई. बैठक में आंदोलन की रूपरेखा तैयार की गई. अगली बैठक अब 18 जनवरी 2025 को होगी.

जींद में किसान संगठनों की बैठक: जींद में किसान संगठनों की बैठक में फैसला किया गया कि कोई भी किसान जत्थेबंदी एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी नहीं करेगा. एमएसपी गारंटी कानून समेत 13 मांगों को लेकर खनौरी बॉर्डर पर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को आमरण अनशन को 50 दिन का वक्त हो गया है. डॉक्टरों ने बताया है अब डल्लेवाल का मांस सिकुड़ना शुरू हो गया है, जोकि चिंताजनक स्थिति है.

18 जनवरी को दोबारा होगी बैठक: मीटिंग खत्म होने के बाद किसान जोगिंदर सिंह उगराहां ने कहा कि मीटिंग में तय हुआ है कि 18 जनवरी को दोबारा से मीटिंग की जाएगी, जिसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी. साथ ही मीटिंग में चर्चा हुई है कि इस आंदोलन को आगे कैसे लेकर जाना चाहिए और कैसे सरकार पर दबाव बनाना चाहिए. आज के बाद कोई भी किसान जत्थेबंदी एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी नहीं करेगा.

26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे किसान: उन्होंने कहा कि आज हम तीन फोरमों के नेता एक मंच पर हैं. ये बड़ी पॉजिटिव चीज है. किसान नेताओं ने बताया ये मीटिंग इसलिए भी अहम रही है कि सभी एकजुट हो और आंदोलन को तेज किया जा सके. तालमेल ग्रुप बनाने पर फैसला हुआ है. इस पर 18 जनवरी को होने वाली मीटिंग में मोहर लगेगी. इसके बाद 26 जनवरी को होने वाले ट्रैक्टर मार्च को लेकर रणनीति बनाई जाएगी.

नई कृषि मार्केटिंग पॉलिसी के ड्रॉफ्ट का विरोध: किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़, काका सिंह कोटड़ा ने बताया कि मोर्चे पर व पूरे भारत में किसानों ने अपनी मांगों को लेकर प्रधानमंत्री, गृह मंत्री व कृषि मंत्री पुतले फूंके थे. इसी कड़ी में किसानों ने लोहड़ी के अवसर पर कृषि मार्केटिंग पॉलिसी का ड्राफ्ट जलाकर भी रोष जताया. कोटड़ा ने कहा कि नई कृषि मार्केटिंग पॉलिसी का ड्राफ्ट रद्द किए गए किए कृषि कानूनों का ही रूप हैं.

खराब हो रही जगजीत डल्लेवाल की तबीयत: किसानों ने कहा कि पुराने ही नियमों को नए तरीके से लागू किया जा रहा है और किसान इसका विरोध कर रहे हैं. किसान नेताओं ने 26 जनवरी को देश भर में ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे. किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने बताया आमरण अनशन पर बैठे जगजीत डल्लेवाल की हालत खराब है. डॉक्टरों के अनुसार अब डल्लेवाल की तबीयत ज्यादा बिगड़ रही है. पहले ही उन्हें बोलने में दिक्कत आ रही थी. अब उनका शरीर सिकुड़ना शुरू हो गया है. उनका शरीर खुद को ही खा रहा है. इसकी भरपाई दोबारा नहीं होगी.

सरकार पर अनदेखी का आरोप: कोहाड़ ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की बेरुखी के कारण ऐसा हो रहा है. सरकारी व निजी डॉक्टरों की टीम उन पर नजर रखे हुए हैं. पंजाब सरकार की ओर से धरना स्थल के पास ही एक अस्थायी अस्पताल और एंबुलेंस तैनात की हुई है, ताकि किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके. हालांकि, डल्लेवाल मेडिकल सुविधा नहीं ले रहे हैं.

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