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"पति के इशारों पर चलना छोड़ दो", किरणमयी नायक ने किसे और क्यों कही ये बात - Kiranmayee Nayak

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Aug 8, 2024, 1:40 PM IST

Chhattisgarh Women Commission Hearing बलौदाबाजार में बुधवार को महिला आयोग की सुनवाई में 34 मामलों को सुलझाया गया. जमीन हड़पने, नौकरी से निकाले जाने, पति के घर से निकाले जाने सहित कई मामलों की आयोग में सुनवाई हुई और फैसला सुनाया गया.

Chhattisgarh Women Commission Hearing
बलौदाबाजार में महिला आयोग की सुनवाई (ETV Bharat Chhattisgarh)

बलौदाबाजार: छत्तीसगढ़ महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने जिला पंचायत सभाकक्ष में महिला उत्पीड़न से संबंधित मामलों पर जनसुनवाई की. इस दौरान 34 मामलों की सुनवाई हुई. प्रदेश स्तर में 265वीं और बलौदा बाजार जिला स्तर में 7वें नम्बर की सुनवाई हुई.

Kiranmayee Nayak
बलौदाबाजार में महिला आयोग की सुनवाई (ETV Bharat Chhattisgarh)

पति के इशारों पर चलने की बजाय खुद निर्णय लें महिला जनप्रतिनिधि: हथबंद क्षेत्र के मोहभट्ठा गांव की सरपंच अंबिका महिलांग ने अपने गांव के ही 8 लोगों के खिलाफ गणतंत्र दिवस के अवसर पर 26 जनवरी 2024 को राष्ट्रीय ध्वज नहीं फहराने देने और प्रताड़ना करने की शिकायत की. शिकायत पर सुनवाई के दौरान इस बात का खुलासा हुआ कि सरपंच का पति ग्राम पंचायत के कामों में दखलअंदाजी करता है. दोनों पति पत्नी कभी कम्पनियों का विरोध कराते हैं और कभी कम्पनी को एनओसी देते हैं. इस बात का भी खुलासा हुआ कि सालभर पहले आवेदिका और रामा मेटल स्पंज पावर कम्पनी को पक्षकार बनाया गया है जो मामला हाईकोर्ट में लंबित है. अनावेदकों ने सरपंच और कंपनी के साथ मिलीभगत होने और हाईकोर्ट में याचिका दायर करने के बाद महिला आयोग में झूठी शिकायत करने की जानकारी दी.

इस मामले की सुनवाई के दौरान आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने महिला सरपंच को समझाइस दी कि वह अपने पद की जिम्मेदारियों का निर्वहन ठीक से करें. नायक ने ये भी कहा कि महिला जनप्रतिनिधि सक्षम बने और अपने विवेक से निर्णय लेते हुए पति के इशारों पर न चले. इस निर्देश के साथ प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया.

Chhattisgarh Women Commission Hearing
महिलाओं के 34 मामलों पर हुई सुनवाई (ETV Bharat Chhattisgarh)

बेटे के साथ महिला पहुंची आयोग, बोली जिंदा हूं: महिला आयोग की सुनवाई में एक प्रकरण में आवेदिका अपने बेटे के साथ पहुंची. आवेदिका ने बताया कि उसके गांव कसहीडीह में 28 एकड़ पुश्तैनी जमीन है, जिसके 4 हिस्सेदार थे. जिसमें आवेदिका के पिता भी एक हिस्सेदार थे. आवेदिका और उसका एक भाई कुल पुश्तैनी जमीन का 1/4 यानी 7 एकड़ जमीन में हकदार था. अनावेदक क्रमांक 1 और 2 आवेदिका के बड़े पिता के बेटे हैं. आवेदिका के गांव से 15 किलोमीटर की दूरी में उनका गांव है. वे जानते हैं कि आवेदिका और उसका भाई जिन्दा है, बावजूद इसके पुश्तैनी जमीन को धोखाधड़ी से आवेदिका और उसके भाई को मृतक बताकर तहसीलदार और पटवारी से मिलकर अपने नाम पर चढ़ाने की शिकायत की.

इस मामले की सुनवाई में पटवारी को निर्देश दिया गया कि वह आगामी सुनवाई में आवेदिका की पुश्तैनी जमीन जो उसके दादा के नाम पर थी, चारों बच्चे के नाम पर कब चढ़ाई गई और फिर सारी सम्पत्ति केवल अनावेदक 1 के दोनों बेटों के नाम पर कब और कैसे चढ़ाई गई. इस जानकारी के सभी दस्तावेजों के साथ रायपुर महिला आयोग कार्यालय में उपस्थित होने का निर्देश दिया गया.

आर्मी में है पति नौ माह पहले निकाल दिया घर से: इसी तरह एक और मामले में आवेदिका ने बताया कि उसका पति आर्मी में जॉब करता है. जिसने आवेदिका के साथ मारपीट की और उसे और 11 साल के बेटो को घर से बाहर निकाल दिया. ऐसी दशा में आवेदिका और उसके बेटे का नाम सर्विस बुक में दर्ज है या नहीं इसकी जानकारी लेना जरूरी है. अनावेदक को कमांडेंट के माध्यम से उसकी आवश्यक उपस्थित कराने का आयोग से पत्र भेजा जाएगा.

सीएमओ और शिक्षकों के खिलाफ शिकायत: आयोग में एक आवेदिका की शिकायत थी कि नगर पंचायत सिमगा के सीएमओ ने काम से निकाल दिया है. इस पर सीएमओ ने उपस्थित होकर बताया कि आवेदिका जय इन्टर प्राईजेस प्लेसमेंट की कर्मचारी थी. आवेदिका के खिलाफ पार्षद और नगर पंचायत के लिखित शिकायत के आधार पर अनावेदक ने एजेंसी को पत्र भेजा था जिसके आधार पर आवेदिका को पद से हटाया गया था.

स्कूल में आंतरिक परिवार समिति का गठन: इसी तरह बलौदाबाजार के पंडित लक्ष्मी प्रसाद तिवारी शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के दो शिक्षकों के खिलाफ शिकायत थी. इस पर आयोग ने पाया कि कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न कानून के तहत आंतरिक परिवाद का गठन किया जाना था. नियमानुसार कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न कानून 2013 के तहत् आंतरिक परिवार समिति का गठन कर जांच किया जाना चाहिए था, लेकिन इसका पालन स्कूल के प्राचार्य के द्वारा नहीं किया गया है. इसलिए इस प्रकरण पर प्राचार्य को एक पत्र आयोग की ओर से भेजा जायेगा ताकि 2 माह के अंदर आंतरिक परिवार समिति का गठन कर जांच प्रक्रिया पूरी कर प्रतिवेदन राज्य महिला आयोग में भेजा जाए.

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Kiranmayee Nayak
बलौदाबाजार में महिला आयोग की सुनवाई (ETV Bharat Chhattisgarh)

पति के इशारों पर चलने की बजाय खुद निर्णय लें महिला जनप्रतिनिधि: हथबंद क्षेत्र के मोहभट्ठा गांव की सरपंच अंबिका महिलांग ने अपने गांव के ही 8 लोगों के खिलाफ गणतंत्र दिवस के अवसर पर 26 जनवरी 2024 को राष्ट्रीय ध्वज नहीं फहराने देने और प्रताड़ना करने की शिकायत की. शिकायत पर सुनवाई के दौरान इस बात का खुलासा हुआ कि सरपंच का पति ग्राम पंचायत के कामों में दखलअंदाजी करता है. दोनों पति पत्नी कभी कम्पनियों का विरोध कराते हैं और कभी कम्पनी को एनओसी देते हैं. इस बात का भी खुलासा हुआ कि सालभर पहले आवेदिका और रामा मेटल स्पंज पावर कम्पनी को पक्षकार बनाया गया है जो मामला हाईकोर्ट में लंबित है. अनावेदकों ने सरपंच और कंपनी के साथ मिलीभगत होने और हाईकोर्ट में याचिका दायर करने के बाद महिला आयोग में झूठी शिकायत करने की जानकारी दी.

इस मामले की सुनवाई के दौरान आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने महिला सरपंच को समझाइस दी कि वह अपने पद की जिम्मेदारियों का निर्वहन ठीक से करें. नायक ने ये भी कहा कि महिला जनप्रतिनिधि सक्षम बने और अपने विवेक से निर्णय लेते हुए पति के इशारों पर न चले. इस निर्देश के साथ प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया.

Chhattisgarh Women Commission Hearing
महिलाओं के 34 मामलों पर हुई सुनवाई (ETV Bharat Chhattisgarh)

बेटे के साथ महिला पहुंची आयोग, बोली जिंदा हूं: महिला आयोग की सुनवाई में एक प्रकरण में आवेदिका अपने बेटे के साथ पहुंची. आवेदिका ने बताया कि उसके गांव कसहीडीह में 28 एकड़ पुश्तैनी जमीन है, जिसके 4 हिस्सेदार थे. जिसमें आवेदिका के पिता भी एक हिस्सेदार थे. आवेदिका और उसका एक भाई कुल पुश्तैनी जमीन का 1/4 यानी 7 एकड़ जमीन में हकदार था. अनावेदक क्रमांक 1 और 2 आवेदिका के बड़े पिता के बेटे हैं. आवेदिका के गांव से 15 किलोमीटर की दूरी में उनका गांव है. वे जानते हैं कि आवेदिका और उसका भाई जिन्दा है, बावजूद इसके पुश्तैनी जमीन को धोखाधड़ी से आवेदिका और उसके भाई को मृतक बताकर तहसीलदार और पटवारी से मिलकर अपने नाम पर चढ़ाने की शिकायत की.

इस मामले की सुनवाई में पटवारी को निर्देश दिया गया कि वह आगामी सुनवाई में आवेदिका की पुश्तैनी जमीन जो उसके दादा के नाम पर थी, चारों बच्चे के नाम पर कब चढ़ाई गई और फिर सारी सम्पत्ति केवल अनावेदक 1 के दोनों बेटों के नाम पर कब और कैसे चढ़ाई गई. इस जानकारी के सभी दस्तावेजों के साथ रायपुर महिला आयोग कार्यालय में उपस्थित होने का निर्देश दिया गया.

आर्मी में है पति नौ माह पहले निकाल दिया घर से: इसी तरह एक और मामले में आवेदिका ने बताया कि उसका पति आर्मी में जॉब करता है. जिसने आवेदिका के साथ मारपीट की और उसे और 11 साल के बेटो को घर से बाहर निकाल दिया. ऐसी दशा में आवेदिका और उसके बेटे का नाम सर्विस बुक में दर्ज है या नहीं इसकी जानकारी लेना जरूरी है. अनावेदक को कमांडेंट के माध्यम से उसकी आवश्यक उपस्थित कराने का आयोग से पत्र भेजा जाएगा.

सीएमओ और शिक्षकों के खिलाफ शिकायत: आयोग में एक आवेदिका की शिकायत थी कि नगर पंचायत सिमगा के सीएमओ ने काम से निकाल दिया है. इस पर सीएमओ ने उपस्थित होकर बताया कि आवेदिका जय इन्टर प्राईजेस प्लेसमेंट की कर्मचारी थी. आवेदिका के खिलाफ पार्षद और नगर पंचायत के लिखित शिकायत के आधार पर अनावेदक ने एजेंसी को पत्र भेजा था जिसके आधार पर आवेदिका को पद से हटाया गया था.

स्कूल में आंतरिक परिवार समिति का गठन: इसी तरह बलौदाबाजार के पंडित लक्ष्मी प्रसाद तिवारी शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के दो शिक्षकों के खिलाफ शिकायत थी. इस पर आयोग ने पाया कि कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न कानून के तहत आंतरिक परिवाद का गठन किया जाना था. नियमानुसार कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न कानून 2013 के तहत् आंतरिक परिवार समिति का गठन कर जांच किया जाना चाहिए था, लेकिन इसका पालन स्कूल के प्राचार्य के द्वारा नहीं किया गया है. इसलिए इस प्रकरण पर प्राचार्य को एक पत्र आयोग की ओर से भेजा जायेगा ताकि 2 माह के अंदर आंतरिक परिवार समिति का गठन कर जांच प्रक्रिया पूरी कर प्रतिवेदन राज्य महिला आयोग में भेजा जाए.

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