मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर : चिरमिरी में 28 साल से चले आ रहे सालाना तीन दिवसीय उर्स का आयोजन हुआ. जिसमें क्षेत्र के लोगों ने बड़ी संख्या में शिरकत की.मंगलवार को कुल की महफिल का आयोजन हुआ, जो नमाज-ए-जोहर के बाद शुरु हुई. उर्स ख्वाजगान ए चिश्त की ये महफिल हजरत हुसैन मोहिउद्दीन कादरी चिश्ती नियाजी रदीअल्लाह हो अनहो की याद में आयोजित की जाती है.जो क्षेत्र के सूफी इतिहास का अभिन्न हिस्सा हैं.
लखनऊ से आए कव्वालों ने बांधा समां : कार्यक्रम में लखनऊ से आए मशहूर कव्वाल सावेज वारसी और उनकी टीम ने सूफियाना कलाम पेश किया. उनके कलाम में इतनी तासीर थी कि श्रोता मंत्रमुग्ध होकर अपने पीर को नजराना पेश करते हुए देखे गए. कम्बर मोहिउद्दीन नियाजी ने इस अवसर पर बताया कि यह उर्स उनके परदादा हजरत हुसैन मोहिउद्दीन कादरी चिश्ती नियाजी रदीअल्लाह हो अनहो की याद में मनाया जाता है.
''ये आयोजन पिछले 28 साल से हो रहा है. इसकी शुरुआत दादा मियां ने की थी. इस उर्स में न सिर्फ स्थानीय लोग, बल्कि दूर-दराज़ से भी श्रद्धालु अपनी मुरादें लेकर आते हैं. यहां हर मजहब के लोग शामिल होते हैं, जो सूफी परंपरा की सुंदरता और एकता का प्रतीक है.''- कम्बर मोहिउद्दीन नियाजी,आयोजक
आपको बता दें कि ये उर्स केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं है. बल्कि ये एक ऐसा मंच है, जहां सभी मजहब और जातियों के लोग इकट्ठा होकर एकता और भाईचारे का संदेश देते हैं. चिरमिरी का छोटा बाजार इन दिनों सूफी महक में रमा हुआ है.तीन दिनों तक चलने वाले इस उर्स ने पूरे क्षेत्र को धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव में बदल दिया है.