बरेली : अगर आप किसी प्राइवेट कॉलेज से कोई डिग्री या डिप्लोमा करने जा रहे हैं तो जरा संभल कर करिएगा, कहीं ऐसा न हो कि आपसे मोटी फीस वसूलकर आपको फर्जी डिग्री और अंक पत्र थमा दिया जाए. ऐसा ही एक मामला बरेली के सीबीगंज थाना क्षेत्र के खुसरो पीजी कॉलेज का सामने आया है, जहां 379 छात्रों को डी फार्मा की फर्जी डिग्री देकर उनके साथ लाखों रुपए की धोखाधड़ी की गई. अभ्यर्थियों की शिकायत पर पुलिस ने कॉलेज के मालिक और उनके बेटे को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.
पुलिस अधीक्षक दक्षिणी मानुष पारीक ने बताया कि सीबीगंज थाना क्षेत्र में खुसरो पीजी कॉलेज में ही खुसरो इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एवं टेक्नोलॉजी के नाम से पिछले तीन वर्षों में 379 छात्रों को डी फार्मा में प्रवेश दिया गया. उसके बाद अभ्यर्थियों को डिग्री और अंक पत्र जारी किए गए. छात्रों को जब पता चला कि उनके डी फार्मा की डिग्री और अंक पत्र फर्जी हैं तो उनकी शिकायत पर बरेली के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य ने एक एसआईटी गठित कर मामले की जांच कराई, जिसमें पता चला कि खुसरो पीजी कॉलेज के मलिक शेर अली जाफरी ने अपने अन्य साथियों की मदद से पिछले तीन सालों में 379 अभ्यर्थियों को डी फार्मा में एडमिशन देकर लगभग 3 करोड़ 60 लाख रुपए वसूल किए.
उन्होंने कहा कि कॉलेज ने डी फार्मा में एडमिशन लेने वाले छात्र-छात्राओं को उड़ीसा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, कानपुर जैसे बड़े शहरों के विश्वविद्यालय के नाम से फर्जी अंक पत्र और डिग्रियां बांट दीं. कॉलेज के पास डी फार्मा की कोई मान्यता नहीं थी. फिलहाल खुसरो पीजी कॉलेज के मलिक शेर अली जाफरी और उनके बेटे फिरोज अली जाफरी को बुधवार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है, जबकि उनके इस गैंग में शामिल अन्य आरोपियों की पुलिस टीम तलाश कर रही है.
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