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खंडवा के मेडिकल कॉलेज में बदल गए नवजात बच्चे, जानिए नर्स कैसे हो गई कन्फ्यूज

Child Changing Case in SNCU: खंडवा के नंदकुमार सिंह चौहान शासकीय मेडिकल कॉलेज में बच्चा बदलने से हड़कंप मच गया. नवजात बच्चों के माता पिता का एक ही नाम होने से नर्स कन्फ्यूज हो गई और बड़ी गड़बड़ कर दी.

child changing case in SNCU
माता-पिता के एक नाम होने से गफलत
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 18, 2024, 8:40 PM IST

खंडवा के मेडिकल कॉलेज में बदल गए नवजात बच्चे

खंडवा। नंदकुमार सिंह चौहान शासकीय मेडिकल कॉलेज में बड़ी लापरवाही सामने आई है. यहां के नवजात गहन चिकित्सा इकाई यानि SNCU में बच्चा बदलने से हंगामा हो गया. एक ही नाम के माता पिता और दोनों ही बच्चे लड़के होने की वजह से गफलत हुई. नर्स की लापरवाही से दोनों परिवार के माता-पिता परेशान हो गए.

माता-पिता के एक नाम होने से गफलत

नंदकुमार सिंह चौहान शासकीय मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में 14 फरवरी को खंडवा के शास्त्रीनगर के मनीषा विजय वर्मा और 14 फरवरी को ही ग्राम सालई के मनीषा विजय चौहान के यहां डिलीवरी हुई. दोनों ने ही लड़कों को जन्म दिया. बच्चों के वजन और उनकी सेहत के मद्देनजर उन्हें अस्पताल के एसएनसीयू में ले जाया गया. यहीं से गफलत का दौर शुरू हुआ. एसएनसीयू में भर्ती बच्चों को फीडिंग के लिए मां को दिया जाता है, जब यहां से मनीषा विजय की आवाज लगाई गई तो वर्मा की जगह चौहान पहुंच गई.

अस्पताल में बनी हंगामे की स्थिति

मनीषा वर्मा ने 14 फरवरी को सुबह 11.15 बजे 2.96 किलो वजनी बेटे को जन्म दिया, जबकि मनीषा चौहान ने 14 फरवरी को ही रात 10.30 बजे बेटे को जन्म दिया. जिसका वजन 1.28 किलो था. 17 फरवरी शनिवार शाम करीब 5 बजे मनीषा चौहान को डिस्चार्ज कर दिया गया. इसके बाद मनीषा वर्मा और परिवार को कहा गया कि उनके बच्चे की मौत हो गई है. जब वजह पूछी तो वजन कम होना बताया. यहीं से संदेह हुआ और फिर अस्पताल में हंगामे की स्थिति बन गई. पुलिस भी मौके पर पहुंची.

रिकॉर्ड से मिलान करने पर हुआ खुलासा

मेडिकल कॉलेज में हंगामे के बाद दोनों परिवारों का रिकॉर्ड से मिलान किया गया.दरअसल एसएनसीयू के रिकॉर्ड में बच्चों के माता पिता के नाम के आगे सरनेम नहीं लिखा जाता लेकिन उनके गांव या शहर का नाम लिखा जाता है. एक ही नाम होने से नर्स से गड़बड़ी हो गई. जांच के बाद मनीषा चौहान के घर से बच्चे को बुलाकर मनीषा वर्मा को सौंपा गया. मनीषा वर्मा के पति विजय वर्मा ने कहा कि 14 फरवरी को डिलीवरी के बाद अब बच्चा हमें मिल गया है.

ये भी पढ़ें:

मामले की होगी जांच

एसएनसीयू के प्रभारी डॉ. कृष्णा वास्केल का कहना है कि "मामले की जांच की जाएगी. वहीं उन्होंने कहा कि अब एसएनसीयू के रिकॉर्ड में माता पिता के सरनेम को भी लिखा जाएगा ताकि भविष्य में कोई गड़बड़ी नहीं हो."

खंडवा के मेडिकल कॉलेज में बदल गए नवजात बच्चे

खंडवा। नंदकुमार सिंह चौहान शासकीय मेडिकल कॉलेज में बड़ी लापरवाही सामने आई है. यहां के नवजात गहन चिकित्सा इकाई यानि SNCU में बच्चा बदलने से हंगामा हो गया. एक ही नाम के माता पिता और दोनों ही बच्चे लड़के होने की वजह से गफलत हुई. नर्स की लापरवाही से दोनों परिवार के माता-पिता परेशान हो गए.

माता-पिता के एक नाम होने से गफलत

नंदकुमार सिंह चौहान शासकीय मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में 14 फरवरी को खंडवा के शास्त्रीनगर के मनीषा विजय वर्मा और 14 फरवरी को ही ग्राम सालई के मनीषा विजय चौहान के यहां डिलीवरी हुई. दोनों ने ही लड़कों को जन्म दिया. बच्चों के वजन और उनकी सेहत के मद्देनजर उन्हें अस्पताल के एसएनसीयू में ले जाया गया. यहीं से गफलत का दौर शुरू हुआ. एसएनसीयू में भर्ती बच्चों को फीडिंग के लिए मां को दिया जाता है, जब यहां से मनीषा विजय की आवाज लगाई गई तो वर्मा की जगह चौहान पहुंच गई.

अस्पताल में बनी हंगामे की स्थिति

मनीषा वर्मा ने 14 फरवरी को सुबह 11.15 बजे 2.96 किलो वजनी बेटे को जन्म दिया, जबकि मनीषा चौहान ने 14 फरवरी को ही रात 10.30 बजे बेटे को जन्म दिया. जिसका वजन 1.28 किलो था. 17 फरवरी शनिवार शाम करीब 5 बजे मनीषा चौहान को डिस्चार्ज कर दिया गया. इसके बाद मनीषा वर्मा और परिवार को कहा गया कि उनके बच्चे की मौत हो गई है. जब वजह पूछी तो वजन कम होना बताया. यहीं से संदेह हुआ और फिर अस्पताल में हंगामे की स्थिति बन गई. पुलिस भी मौके पर पहुंची.

रिकॉर्ड से मिलान करने पर हुआ खुलासा

मेडिकल कॉलेज में हंगामे के बाद दोनों परिवारों का रिकॉर्ड से मिलान किया गया.दरअसल एसएनसीयू के रिकॉर्ड में बच्चों के माता पिता के नाम के आगे सरनेम नहीं लिखा जाता लेकिन उनके गांव या शहर का नाम लिखा जाता है. एक ही नाम होने से नर्स से गड़बड़ी हो गई. जांच के बाद मनीषा चौहान के घर से बच्चे को बुलाकर मनीषा वर्मा को सौंपा गया. मनीषा वर्मा के पति विजय वर्मा ने कहा कि 14 फरवरी को डिलीवरी के बाद अब बच्चा हमें मिल गया है.

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मामले की होगी जांच

एसएनसीयू के प्रभारी डॉ. कृष्णा वास्केल का कहना है कि "मामले की जांच की जाएगी. वहीं उन्होंने कहा कि अब एसएनसीयू के रिकॉर्ड में माता पिता के सरनेम को भी लिखा जाएगा ताकि भविष्य में कोई गड़बड़ी नहीं हो."

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