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केजीएमयू में सेहत पर चर्चा ; डिब्बाबंद भोजन तेल मसाला पहुंचा रहा स्वास्थ्य को नुकसान - Discussion on health in KGMU

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 5, 2024, 12:02 PM IST

किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के सर्जिकल आंकोलॉजी विभाग के स्थापना दिवस समारोह के दौरान चिकित्सा विशेषज्ञों (Discussion on health in KGMU) ने स्वास्थ्य और खानपान के विषय पर विस्तृत चर्चा की. इसे दौरान विभिन्न चिकित्सा विशेषज्ञों ने अपने अनुभव साझा किए और खान-पान में संतुलन बनाने पर जोर दिया.

केजीएमयू के सर्जिकल आंकोलॉजी विभाग के स्थापना दिवस समारोह में मौजूद अतिथि.
केजीएमयू के सर्जिकल आंकोलॉजी विभाग के स्थापना दिवस समारोह में मौजूद अतिथि. (Photo Credit: ETV Bharat)

लखनऊ : किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) सर्जिकल आंकोलॉजी विभाग के 26 वें स्थापना दिवस समारोह बुधवार को मनाया गया. शताब्दी भवन के प्रेक्षागृह में आोयोजित कार्यक्रम में स्वास्थ्य समस्याओं पर विशेषज्ञों ने चर्चा की और जरूरी टिप्स दिए.

चैन्नई के डॉ. रामकृष्णन ने कहा कि खान-पान की आदतों में तेजी से बदलाव हो रहे हैं. लोग फास्ट-फूड का सेवन कर रहे हैं. धूम्रपान का चलन भी तेजी से बढ़ रहा है. डिब्बाबंद भोजन, तेल, मसाला भी सेहत को नुकसान पहुंचा रहा है. हानिकारक रसायन से लोगों को तमाम तरह के कैंसर हो रहे हैं. केजीएमयू सर्जिकल आंकोलॉजी विभाग के डॉ. समीर गुप्ता ने कहा कि समय पर इलाज कर कैंसर पर काबू पा सकते हैं. ऑपरेशन, दवा और रेडियोथेरेपी से मरीज का इलाज किया जा रहा है. इम्यूनोथेरेपी भी आशा की किरण की तरह है.


डॉ. नसीम अख्तर ने कहा कि अचानक वजन में कमी, लगातार बुखार या शरीर में गांठ भी कैंसर की आशंका को बढ़ाता है. लिहाजा शरीर में गांठ नजर आने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए. 80 प्रतिशत गांठ कैंसर नहीं होती हैं, लेकिन गांठ को किसी भी दशा में नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. जीवनशैली में सुधार कर कैंसर को काफी हद तक रोक सकते हैं. हरी पत्तेदार सब्जियां, मौसमी फल, पौष्टिक भोजन आदि का सेवन करना चाहिए. मुंबई टाटा अनिल डिक्रूज ने कहा कि मुंह, जीभ या गाल के कैंसर का ऑपरेशन के वक्त डॉक्टरों को खास सावधानी बरतनी चाहिए. ऑपरेशन के वक्त गले में लिम्फ नोड को भी हटा देना चाहिए. इससे ऑपरेशन की सफलतादर में इजाफा किया जा सकता है. बीमारी के दोबारा पनपने की आशंका कम हो जाती है.

केजीएमयू सर्जिकल आंकोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. विजय कुमार ने कहा कि प्रदेश भर से कैंसर मरीजों को इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है. एक साल के दौरान कैंसर पीड़ित करीब 1530 मरीजों की बड़ी सर्जरी की गई. 3500 मरीजों के छोटे ऑपरेशन किए गए. कुल 5000 मरीजों की छोटी-बड़ी सर्जरी की गई. विभाग में 74 बेड हैं. ज्यादातर बेड हमेशा भरे रहते हैं. 33 हजार 204 मरीजों को ओपीडी में इलाज उपलब्ध कराया गया. कार्यक्रम में कुलपति डॉ. सोनिया नित्यानंद, अटल बिहारी वाजपेई मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. संजीव मिश्र समेत कई डॉक्टर मौजूद रहे.


यह भी पढ़ें : किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में सप्लाई की गईं घटिया सिरिंज, जांच शुरू - Negligence in KGMU

यह भी पढ़ें : KGMU ट्रॉमा सेंटर में मरीजों के बेहतर इलाज के लिए नई कमेटी गठित, पुरानी टीम की छुट्टी - KGM Trauma Center

लखनऊ : किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) सर्जिकल आंकोलॉजी विभाग के 26 वें स्थापना दिवस समारोह बुधवार को मनाया गया. शताब्दी भवन के प्रेक्षागृह में आोयोजित कार्यक्रम में स्वास्थ्य समस्याओं पर विशेषज्ञों ने चर्चा की और जरूरी टिप्स दिए.

चैन्नई के डॉ. रामकृष्णन ने कहा कि खान-पान की आदतों में तेजी से बदलाव हो रहे हैं. लोग फास्ट-फूड का सेवन कर रहे हैं. धूम्रपान का चलन भी तेजी से बढ़ रहा है. डिब्बाबंद भोजन, तेल, मसाला भी सेहत को नुकसान पहुंचा रहा है. हानिकारक रसायन से लोगों को तमाम तरह के कैंसर हो रहे हैं. केजीएमयू सर्जिकल आंकोलॉजी विभाग के डॉ. समीर गुप्ता ने कहा कि समय पर इलाज कर कैंसर पर काबू पा सकते हैं. ऑपरेशन, दवा और रेडियोथेरेपी से मरीज का इलाज किया जा रहा है. इम्यूनोथेरेपी भी आशा की किरण की तरह है.


डॉ. नसीम अख्तर ने कहा कि अचानक वजन में कमी, लगातार बुखार या शरीर में गांठ भी कैंसर की आशंका को बढ़ाता है. लिहाजा शरीर में गांठ नजर आने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए. 80 प्रतिशत गांठ कैंसर नहीं होती हैं, लेकिन गांठ को किसी भी दशा में नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. जीवनशैली में सुधार कर कैंसर को काफी हद तक रोक सकते हैं. हरी पत्तेदार सब्जियां, मौसमी फल, पौष्टिक भोजन आदि का सेवन करना चाहिए. मुंबई टाटा अनिल डिक्रूज ने कहा कि मुंह, जीभ या गाल के कैंसर का ऑपरेशन के वक्त डॉक्टरों को खास सावधानी बरतनी चाहिए. ऑपरेशन के वक्त गले में लिम्फ नोड को भी हटा देना चाहिए. इससे ऑपरेशन की सफलतादर में इजाफा किया जा सकता है. बीमारी के दोबारा पनपने की आशंका कम हो जाती है.

केजीएमयू सर्जिकल आंकोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. विजय कुमार ने कहा कि प्रदेश भर से कैंसर मरीजों को इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है. एक साल के दौरान कैंसर पीड़ित करीब 1530 मरीजों की बड़ी सर्जरी की गई. 3500 मरीजों के छोटे ऑपरेशन किए गए. कुल 5000 मरीजों की छोटी-बड़ी सर्जरी की गई. विभाग में 74 बेड हैं. ज्यादातर बेड हमेशा भरे रहते हैं. 33 हजार 204 मरीजों को ओपीडी में इलाज उपलब्ध कराया गया. कार्यक्रम में कुलपति डॉ. सोनिया नित्यानंद, अटल बिहारी वाजपेई मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. संजीव मिश्र समेत कई डॉक्टर मौजूद रहे.


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