पन्ना। कलेक्ट्रेट सभागार एवं पन्ना टाइगर रिजर्व में बैठक गुरुवार को हुई. पन्ना टाइगर रिजर्व कार्यालय में भोपाल से पन्ना प्रवास पर आए अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (भू प्रबंधन) एचएस मोहंता की अध्यक्षता में केन बेतवा लिंक परियोजना के डूब क्षेत्र में प्रभावित 6017 हेक्टेयर भूमि के बदले प्राप्त होने वाली भूमि की अधिसूचना जारी करने के संबंध में प्रगति की समीक्षा बैठक ली गई. बैठक में क्षेत्रीय संचालक पन्ना टाइगर रिजर्व सुचिता तिर्की, गर्पित गंगवार वन मंडलाधिकारी उत्तर वन मंडल, पुनीत सोनकर मंडलाधिकारी दक्षिण वन मंडल एवं उपसंचालक पन्ना टाइगर रिजर्व मौजूद रहे.
कलेक्ट्रेट में हुई बैठक में कई विभागों के अफसर
इसके बाद शुक्रवार को कमिश्नर सागर की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट कार्यालय के सभागार में बैठक हुई. केन बेतवा लिंक परियोजना के संबंध में जल संसाधन विभाग, राजस्व एवं वन विभाग के समन्वयक एवं डूब क्षेत्र की प्रभावित भूमि के बदले प्राप्त होने वाली भूमि की अधिसूचना जारी करने के संबंध में लंबी चर्चा हुई. इस बैठक में क्षेत्र संचालक पन्ना टाइगर रिजर्व के अतिरिक्त कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, उपसंचालक पन्ना टाइगर रिजर्व, कार्यपालन यंत्री जल संसाधन, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व पन्ना एवं अन्य अधिकारी उपस्थित रहे.
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क्या है केन बेतवा लिंक परियोजना
केन-बेतवा लिंक परियोजना का 2005 में शुभारम्भ हुआ. जिसमें 231.45 लम्बी नदी को नहरों से जोड़ा जाएगा. इस परियोजना से लाभान्वित जिले टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना और झांसी हैं. इसी परियोजना के तहत पन्ना टाइगर रिजर्व प्रभावित हो रहा है. अटलजी के कार्यकाल में जब देश की 37 नदियों को आपस में जोड़ने का फैसला लिया गया, उनमें से एक यह भी थी. देश की इन 37 नदियों को आपस में जोड़ने पर 5 लाख 60 हजार करोड़ रुपये व्यय होने का अनुमान लगाया गया था.