रायपुर: अगर आप भी छत्तीसगढ़ में रहते हैं और कटहल की खेती से मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो आपको कई खास बातों का ध्यान रखना पड़ेगा. कटहल की खेती करने वाले किसानों को किस तरह की सावधानी बरतनी चाहिए? कटहल की ऐसी कौन कौन सी किस्में है, जिसको लगाकर प्रदेश के किसान अच्छा उत्पादन कर आर्थिक लाभ कमा सकते हैं. इस बारे में ईटीवी भारत ने इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ घनश्याम दास साहू से बातचीत की.
जानिए क्या कहते हैं कृषि वैज्ञानिक: ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि, "वर्तमान में कटहल के पेड़ में अभी फल आने शुरू हुए हैं. कटहल में शुरुआती दिनों में फफूंद जनित कवक जनित और बैक्टीरियल बीमारी देखने को मिलती है. कई बार कटहल के पेड़ को अच्छे से धूप नहीं मिलने के कारण हरा-भरा फल सूखने के साथ ही खराब हो जाता है. कटहल लगाने वाले किसान सप्ताह में दो बार कटहल के पौधे को पानी दें. कटहल को लगाकर प्रदेश के किसान तीसरे साल में कटहल का फल ले सकते हैं. कटहल में लगने वाली कवक जनित बीमारी से बचाव के लिए कीटनाशक का प्रयोग करें. कटहल की शाखाओं में कीटनाशकों का प्रयोग करके कटहल के फल को आसानी से बचाया जा सकता है."
छत्तीसगढ़ के किसान कटहल का पौधा बाड़ियों में खेत के मेड़ो पर लगा सकते हैं, जो विंड ब्रेक में सहायक होता है. किसान के लिए अतिरिक्त आय का साधन होता है. किसान समय-समय पर कटहल के पौधे को पानी देते रहेंगे तो फल और फूल दोनों सुरक्षित रहेंगे.-डॉ घनश्याम दास साहू, वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक
इन बातों का रखें ध्यान: इसके साथ ही कृषि वैज्ञानिक ने जानकारी दी कि गर्मी के दिनों में खासतौर पर किसानों को यह ध्यान रखना होगा कि गर्मी में लू का प्रकोप भी रहता है. ऐसे में कटहल के पौधे को शाम के समय किसानों को पानी देना चाहिए. कटहल की अच्छी किस्म में रसदार और रुदाक्षी जैसी किस्म को लगाकर छत्तीसगढ़ के किसान अच्छा उत्पादन और लाभ कमा सकते हैं. कटहल की पत्तियों से खाद भी तैयार किया जा सकता है. कटहल का उपयोग फल सब्जी अचार और पाउडर के रूप में भी किया जा सकता है.