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Kedarnath ByElection: तारीख तय, नाक और साख का सवाल बना ये उपचुनाव, घोषणाएं बता रही कितना जरूरी

केदारनाथ विधानसभा सीट पर उपचुनाव को लेकर तारीख का ऐलान हो चुका है. 20 नवंबर को वोटिंग होगी. 23 नवंबर को रिजल्ट आएगा.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 3 hours ago

Updated : 35 minutes ago

KEDARNATH BY ELECTION DATE
केदारनाथ विधानसभा सीट उपचुनाव (फोटो- ETV Bharat GFX)

देहरादून: उत्तराखंड के केदारनाथ विधानसभा सीट पर उपचुनाव का ऐलान हो गया है. जिसके बाद आचार संहिता लागू हो गई है. यह सीट केदारनाथ विधायक शैलारानी रावत के निधन के बाद खाली हो गई थी. अब इस सीट उपचुनाव होना है. वहीं, केदारनाथ सीट को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियों ने कमर कस ली है.

केदारनाथ विधानसभा सीट पर 20 नवंबर को होगी वोटिंग: केदारनाथ उपचुनाव के लिए तारीख की घोषणा हो गई है. इसके तहत 20 नवंबर को मतदान होगा तो 23 नवंबर को मतगणना होगी. उधर, केदारनाथ उपचुनाव को लेकर कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही मैदान में उतरकर माहौल बनाने की कोशिश कर रही हैं. कांग्रेस ने जहां हरिद्वार से लेकर केदारनाथ तक 'केदारनाथ बचाओ यात्रा' निकाली तो वहीं बीजेपी संगठन भले ही अभी कुछ खास न कर पाया हो, लेकिन सरकार के स्तर पर जिस तरह से घोषणाएं हो रही हैं, वो बताती हैं कि सरकार केदारनाथ में होने वाले चुनाव को अपनी नाक का सवाल बना रही है. एक के बाद एक सरकार की तरफ से घोषणाएं की गई हैं.

बीजेपी की साख और नाक दोनों का सवाल बना केदारनाथ उपचुनाव: बीजेपी के लिए यह चुनाव साख और नाक का सवाल बना हुआ है. क्योंकि, हाल ही में हुए दो उपचुनाव बीजेपी के लिए बेहद निराशाजनक रहे थे. बीजेपी को मंगलौर और बदरीनाथ विधानसभा सीट हारनी पड़ी. जिसके बाद बीजेपी ने अब केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव को अपने अहम की लड़ाई मान लिया है. बीजेपी संगठन ने केदारनाथ विधानसभा सीट उपचुनाव के लिए बीजेपी प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी के साथ पांच मंत्रियों की ड्यूटी लगाई है.

RUDRAPRAYAG KEDARNATH ASSEMBLY SEAT
केदारनाथ विधानसभा सीट पर उपचुनाव कार्यक्रम (फोटो- ETV Bharat GFX)

इतना ही नहीं संगठन की एक बड़ी फौज भी केदारनाथ में आम जनता तक पहुंचेगी. बीजेपी संगठन ये चाहता है कि जो परिणाम बदरीनाथ उपचुनाव में आए हैं, उसकी पुनरावृत्ति केदारनाथ में ना हो. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट का कहना है कि बीजेपी ने केदारनाथ के पुनर्निर्माण के साथ ही पूरे क्षेत्र के लिए काफी काम किया है. कांग्रेस का जो हाल हरियाणा में हुआ है, वही हाल केदारनाथ विधानसभा सीट उपचुनाव में भी होगा. केदारनाथ विधानसभा सीट उपचुनाव से पहले सरकार ने कई घोषणाएं की. हर हफ्ते कोई न कोई सौगात सरकार की तरफ से केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र के लिए दी गई.

केदारनाथ विधायक शैलारानी रावत के निधन के बाद घोषणाओं की झड़ी: केदारनाथ विधायक शैलारानी रावत के निधन के बाद खाली हुई यह सीट कितनी जरूरी है? ये मुख्यमंत्री की ओर से की गई करीब 39 घोषणाएं बता देती हैं. जिससे ये भी पता चलता है कि सरकार इस चुनाव पर पूरी तरह से फोकस करना चाहती है. अब तक की घोषणाओं की बात करें तो 7 अक्टूबर को भी 14 नई घोषणाएं केदारनाथ क्षेत्र के लिए की गई थी. इसके बाद 15 अक्टूबर को ही 25 घोषणाएं और की गई थी. इस तरह से लगातार कई घोषणाएं कर सरकार केदारनाथ क्षेत्र के मतदाताओं को साधने की पूरी कोशिश कर रही है.

हाल ही में हुई घोषणाएं-

  • मणिगुहा में नंदाबाड़ी से सरकारी अस्पताल को जोड़ते हुए धौनिक तक दो किमी सड़क निर्माण
  • मचकंडी से सौर भूतनार्थ (अगस्त्यमुनि) मंदिर तक तीन किमी मोटर मार्ग का निर्माण
  • बांसवाडा-जलई-किरधू-गौर-कंडार द्वितीय चरण मोटर मार्ग निर्माण
  • अंधेरगढ़ी से धार तोलियों मोटर मार्ग का सुधारीकरण एवं डामरीकरण का काम
  • ऊखीमठ आंतरिक मोटर मार्ग से किमाडा तक मोटर मार्ग का सुधारीकरण एवं डामरीकरण का काम
  • त्यूंग बैंड से नहरा-कुण्डलिया मोटर मार्ग का सुधारीकरण एवं डामरीकरण का काम
  • उनियाणा से किरमोडी पौल्दीद्वणी होते हुए कालीशिला मोटर मार्ग का निर्माण
  • गोंडार-बंडतोती-मोरखंडा नदी पर पुल निर्माण
  • चौमासी से खाम रेकाधार से केदारनाथ पैदल ट्रेकिंग मार्ग के अवशेष का काम
  • बांसवाड़ा-मोहनखाल मोटर मार्ग का चौड़ीकरण और डामरीकरण का काम
  • आपदाग्रस्त ग्राम सभा किणझाणी के विस्थापन का काम
  • सारणेश्वर मंदिर सिल्ला बमड़ गांव (अगस्त्यमुनि) का सौंदर्यीकरण का काम
  • पठारी धार (अगस्त्यमुनि) में खेल मैदान का निर्माण
  • राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय अगस्त्यमुनि में ऑडिटोरियम निर्माण

किसी भी कीमत पर कांग्रेस को मौका नहीं देना चाहती बीजेपी: ये घोषणाएं तो मात्र उस क्षेत्र के लिए हैं, जहां वोटर निवास करते हैं. इसी बीच सरकार की तरफ से केदारनाथ मंदिर मार्ग को लेकर भी कई घोषणा की हैं. जिसमें हाल ही में 31 जुलाई को घाटी में हुई अतिवृष्टि में क्षतिग्रस्त मार्गों के निर्माण एवं पुनर्स्थापना कार्यों के लिए सीएम धामी ने बकायदा एक पैकेज दिया. जिसमें 4,836.63 लाख रुपए की धनराशि जारी की गई. लोक निर्माण विभाग की 29 और सिंचाई विभाग की 12 कार्य योजनाएं भी स्वीकृत की गई. ये तमाम घोषणाएं बताती हैं कि सरकार केदारनाथ में किस तरह के काम करना चाहती है और इन घोषणाओं के जरिए कैसे वो वोटरों को लुभाना चाहती है.

बीजेपी के पास कई चेहरे: वहीं, दोनों ही पार्टियां अपने-अपने प्रत्याशियों को तलाशने में भी जुटी हुई हैं. केदारनाथ में अब तक बीजेपी की विधायक शैलारानी रावत थी, लेकिन उनके निधन के बाद बीजेपी को नया चेहरा तलाशना है. बीजेपी के पास कई ऐसे चेहरे हैं, जो पहले भी यहां पर चुनाव में अपनी मौजूदगी दर्ज करवा चुके हैं. जिसमें पूर्व विधायक आशा नौटियाल, विधायक शैलारानी रावत की बेटी ऐश्वर्या रावत के साथ कुलदीप रावत और चंडी प्रसाद भट्ट जैसे दिग्गजों के नाम शामिल हैं. बीजेपी बीते 15 दिनों से इस पूरे क्षेत्र में अलग-अलग सर्वे करवाकर ये जानने की कोशिश कर रही है कि माहौल और जनता किसके पक्ष में है.

कांग्रेस किस पर लगाएगी दांव? वहीं, बात अगर कांग्रेस की करें तो उत्तराखंड में दो विधानसभा सीटें जीतकर उत्साहित नजर आ रही है. हालांकि, हरियाणा के परिणाम से काफी हद तक निराशा मिली है, लेकिन उत्तराखंड के मौजूदा हालातों को देखकर कांग्रेस को यही लगता है कि केदारनाथ में जनता उनका साथ देगी. कांग्रेस के पास पूर्व विधायक मनोज रावत, हरक सिंह रावत जैसे नाम शामिल थे, लेकिन हरक सिंह रावत के चुनाव न लड़ने की घोषणा के बाद कई स्थानीय नए चेहरे भी शामिल हैं. हालांकि, अभी दोनों ही पार्टियों ने ये साफ नहीं किया है कि पार्टी किसको अपना उम्मीदवार बनाएगी.

दिलचस्प होगा चुनाव: बता दें कि केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में है. इसी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ मंदिर भी आता है. साल 1951 में उत्तर प्रदेश में (उत्तराखंड यूपी का हिस्सा था) तब यहां पर पहला आम चुनाव हुआ था. अमूमन अब तक का इतिहास यही बताता है कि सबसे ज्यादा बार यहां पर बीजेपी ही चुनाव जीती है. ऐसे में इस सीट पर चुनाव कौन जीतेगा, ये देखना दिलचस्प होगा.

केदारनाथ विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव की तिथियां का ऐलान होने के बाद ही रुद्रप्रयाग जिले में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है. 15 अक्टूबर से 23 नवंबर तक रुद्रप्रयाग जिले में आदर्श आचार संहिता लागू रहेगी. चुनाव के लिए एक आरओ और तीन एआरओ तैनात किए जाएंगे. चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी गई है. सभी दिव्यांग मतदाता और 85 से अधिक उम्र के सभी मतदाताओं के लिए होम वोटिंग की सुविधा दी जाएगी. इसके लिए इच्छुक मतदाता अपने क्षेत्र के बीएलओ को आवेदन कर सकते हैं. इसके बाद होम वोटिंग के लिए आवेदनकर्ताओं को होम वोटिंग की सुविधा दी जाएगी. - विजय कुमार जोगदंडे, अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी, उत्तराखंड

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केदारनाथ विधानसभा सीट पर 20 नवंबर को होगी वोटिंग: केदारनाथ उपचुनाव के लिए तारीख की घोषणा हो गई है. इसके तहत 20 नवंबर को मतदान होगा तो 23 नवंबर को मतगणना होगी. उधर, केदारनाथ उपचुनाव को लेकर कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही मैदान में उतरकर माहौल बनाने की कोशिश कर रही हैं. कांग्रेस ने जहां हरिद्वार से लेकर केदारनाथ तक 'केदारनाथ बचाओ यात्रा' निकाली तो वहीं बीजेपी संगठन भले ही अभी कुछ खास न कर पाया हो, लेकिन सरकार के स्तर पर जिस तरह से घोषणाएं हो रही हैं, वो बताती हैं कि सरकार केदारनाथ में होने वाले चुनाव को अपनी नाक का सवाल बना रही है. एक के बाद एक सरकार की तरफ से घोषणाएं की गई हैं.

बीजेपी की साख और नाक दोनों का सवाल बना केदारनाथ उपचुनाव: बीजेपी के लिए यह चुनाव साख और नाक का सवाल बना हुआ है. क्योंकि, हाल ही में हुए दो उपचुनाव बीजेपी के लिए बेहद निराशाजनक रहे थे. बीजेपी को मंगलौर और बदरीनाथ विधानसभा सीट हारनी पड़ी. जिसके बाद बीजेपी ने अब केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव को अपने अहम की लड़ाई मान लिया है. बीजेपी संगठन ने केदारनाथ विधानसभा सीट उपचुनाव के लिए बीजेपी प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी के साथ पांच मंत्रियों की ड्यूटी लगाई है.

RUDRAPRAYAG KEDARNATH ASSEMBLY SEAT
केदारनाथ विधानसभा सीट पर उपचुनाव कार्यक्रम (फोटो- ETV Bharat GFX)

इतना ही नहीं संगठन की एक बड़ी फौज भी केदारनाथ में आम जनता तक पहुंचेगी. बीजेपी संगठन ये चाहता है कि जो परिणाम बदरीनाथ उपचुनाव में आए हैं, उसकी पुनरावृत्ति केदारनाथ में ना हो. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट का कहना है कि बीजेपी ने केदारनाथ के पुनर्निर्माण के साथ ही पूरे क्षेत्र के लिए काफी काम किया है. कांग्रेस का जो हाल हरियाणा में हुआ है, वही हाल केदारनाथ विधानसभा सीट उपचुनाव में भी होगा. केदारनाथ विधानसभा सीट उपचुनाव से पहले सरकार ने कई घोषणाएं की. हर हफ्ते कोई न कोई सौगात सरकार की तरफ से केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र के लिए दी गई.

केदारनाथ विधायक शैलारानी रावत के निधन के बाद घोषणाओं की झड़ी: केदारनाथ विधायक शैलारानी रावत के निधन के बाद खाली हुई यह सीट कितनी जरूरी है? ये मुख्यमंत्री की ओर से की गई करीब 39 घोषणाएं बता देती हैं. जिससे ये भी पता चलता है कि सरकार इस चुनाव पर पूरी तरह से फोकस करना चाहती है. अब तक की घोषणाओं की बात करें तो 7 अक्टूबर को भी 14 नई घोषणाएं केदारनाथ क्षेत्र के लिए की गई थी. इसके बाद 15 अक्टूबर को ही 25 घोषणाएं और की गई थी. इस तरह से लगातार कई घोषणाएं कर सरकार केदारनाथ क्षेत्र के मतदाताओं को साधने की पूरी कोशिश कर रही है.

हाल ही में हुई घोषणाएं-

  • मणिगुहा में नंदाबाड़ी से सरकारी अस्पताल को जोड़ते हुए धौनिक तक दो किमी सड़क निर्माण
  • मचकंडी से सौर भूतनार्थ (अगस्त्यमुनि) मंदिर तक तीन किमी मोटर मार्ग का निर्माण
  • बांसवाडा-जलई-किरधू-गौर-कंडार द्वितीय चरण मोटर मार्ग निर्माण
  • अंधेरगढ़ी से धार तोलियों मोटर मार्ग का सुधारीकरण एवं डामरीकरण का काम
  • ऊखीमठ आंतरिक मोटर मार्ग से किमाडा तक मोटर मार्ग का सुधारीकरण एवं डामरीकरण का काम
  • त्यूंग बैंड से नहरा-कुण्डलिया मोटर मार्ग का सुधारीकरण एवं डामरीकरण का काम
  • उनियाणा से किरमोडी पौल्दीद्वणी होते हुए कालीशिला मोटर मार्ग का निर्माण
  • गोंडार-बंडतोती-मोरखंडा नदी पर पुल निर्माण
  • चौमासी से खाम रेकाधार से केदारनाथ पैदल ट्रेकिंग मार्ग के अवशेष का काम
  • बांसवाड़ा-मोहनखाल मोटर मार्ग का चौड़ीकरण और डामरीकरण का काम
  • आपदाग्रस्त ग्राम सभा किणझाणी के विस्थापन का काम
  • सारणेश्वर मंदिर सिल्ला बमड़ गांव (अगस्त्यमुनि) का सौंदर्यीकरण का काम
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  • राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय अगस्त्यमुनि में ऑडिटोरियम निर्माण

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बीजेपी के पास कई चेहरे: वहीं, दोनों ही पार्टियां अपने-अपने प्रत्याशियों को तलाशने में भी जुटी हुई हैं. केदारनाथ में अब तक बीजेपी की विधायक शैलारानी रावत थी, लेकिन उनके निधन के बाद बीजेपी को नया चेहरा तलाशना है. बीजेपी के पास कई ऐसे चेहरे हैं, जो पहले भी यहां पर चुनाव में अपनी मौजूदगी दर्ज करवा चुके हैं. जिसमें पूर्व विधायक आशा नौटियाल, विधायक शैलारानी रावत की बेटी ऐश्वर्या रावत के साथ कुलदीप रावत और चंडी प्रसाद भट्ट जैसे दिग्गजों के नाम शामिल हैं. बीजेपी बीते 15 दिनों से इस पूरे क्षेत्र में अलग-अलग सर्वे करवाकर ये जानने की कोशिश कर रही है कि माहौल और जनता किसके पक्ष में है.

कांग्रेस किस पर लगाएगी दांव? वहीं, बात अगर कांग्रेस की करें तो उत्तराखंड में दो विधानसभा सीटें जीतकर उत्साहित नजर आ रही है. हालांकि, हरियाणा के परिणाम से काफी हद तक निराशा मिली है, लेकिन उत्तराखंड के मौजूदा हालातों को देखकर कांग्रेस को यही लगता है कि केदारनाथ में जनता उनका साथ देगी. कांग्रेस के पास पूर्व विधायक मनोज रावत, हरक सिंह रावत जैसे नाम शामिल थे, लेकिन हरक सिंह रावत के चुनाव न लड़ने की घोषणा के बाद कई स्थानीय नए चेहरे भी शामिल हैं. हालांकि, अभी दोनों ही पार्टियों ने ये साफ नहीं किया है कि पार्टी किसको अपना उम्मीदवार बनाएगी.

दिलचस्प होगा चुनाव: बता दें कि केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में है. इसी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ मंदिर भी आता है. साल 1951 में उत्तर प्रदेश में (उत्तराखंड यूपी का हिस्सा था) तब यहां पर पहला आम चुनाव हुआ था. अमूमन अब तक का इतिहास यही बताता है कि सबसे ज्यादा बार यहां पर बीजेपी ही चुनाव जीती है. ऐसे में इस सीट पर चुनाव कौन जीतेगा, ये देखना दिलचस्प होगा.

केदारनाथ विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव की तिथियां का ऐलान होने के बाद ही रुद्रप्रयाग जिले में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है. 15 अक्टूबर से 23 नवंबर तक रुद्रप्रयाग जिले में आदर्श आचार संहिता लागू रहेगी. चुनाव के लिए एक आरओ और तीन एआरओ तैनात किए जाएंगे. चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी गई है. सभी दिव्यांग मतदाता और 85 से अधिक उम्र के सभी मतदाताओं के लिए होम वोटिंग की सुविधा दी जाएगी. इसके लिए इच्छुक मतदाता अपने क्षेत्र के बीएलओ को आवेदन कर सकते हैं. इसके बाद होम वोटिंग के लिए आवेदनकर्ताओं को होम वोटिंग की सुविधा दी जाएगी. - विजय कुमार जोगदंडे, अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी, उत्तराखंड

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