कवर्धा : छत्तीसगढ़ के कवर्धा में सड़क हादसे में 19 लोगों की मौत हुई थी. जिनका अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव में किया गया. 16 महिलाओं और 1 पुरुष का अंतिम संस्कार एक ही चिता पर आदिवासी रीति रिवाजों से किया गया.वहीं दो महिलाओं का अंतिम संस्कार उनके ससुराल में हुआ.छत्तीसगढ़ के कवर्धा में दर्दनाक सड़क हादसे में मृत 19 लोगों का अंतिम संस्कार किया गया. सेमहारा गांव में 17 लोगों का सामूहिक अंतिम संस्कार किया गया. आपको बता दें इस हादसे के बाद से पूरे गांव में मातम पसरा है.
कब हुआ था हादसा: आपको बता दें कि सेमहरा गांव के 36 ग्रामीण तेंदूपत्ता तोड़ने के लिए रुखमीदादर जंगल गए थे. तेंदूपत्ता तोड़ने के बाद दोपहर दो बजे सभी लगभग 2 बजे वापस लौट रहे थे.तभी बहापानी गांव के पास घाट में गाड़ी का ब्रेक फेल हो गया.ब्रेक फेल होने के बाद गाड़ी का ड्राइवर इसे कंट्रोल करने के बजाए ड्राइविंग सीट से कूद गया.ड्राइवर के कूदने के बाद गाड़ी में सवार करीब 15 लोग भी गाड़ी से कूदे. वहीं ग्रामीणों से भरी पिकअप 30 फीट गहरी खाई में गिर गई. पिकअप के नीचे दबने से 13 महिलाओं की मौके पर ही मौत हो गई.जबकि 8 गंभीर महिलाओं को कुकदुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया.जहां इलाज के दौरान 5 महिलाओं की मौत हुई. 3 गंभीर घायलों को जिला अस्पताल रेफर किया गया.
डिप्टी सीएम भी रहे मौजूद : वहीं सामूहिक अंतिम संस्कार के दौरान डिप्टी सीएम विजय शर्मा और स्थानीय विधायक भावना बोहरा मौजूद थे.दोनों ही जनप्रतिनिधियों ने शोकाकुल परिवार के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की है. इस तरह की घटना जिले में पहली बार हुई. इस घटना को लेकर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति से लेकर तमाम राजनीतिक दलों के बड़े नेताओं ने दुख जताया है. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने मृतक परिवार को 5 लाख और घायल को 50 हजार रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है.
इनका हुआ अंतिम संस्कार
- मिला बाई 48 साल
- टीकू बाई 40 साल
- परसादिया बाई
- जनिया बाई 35 साल
- मुंगिया बाई 60 साल
- झंगलो बाई 62 साल
- सिया बाई 50 साल
- किरण कुमारी 15 साल
- पंटोरिन बाई 35 साल
- धनईया बाई 48 साल
- शांति बाई 35 साल
- प्यारी बाई 40 साल
- सोनम बाई 16 साल
- बिसमत बाई 45 साल
- लीला बाई 35 साल
- भारती कुमारी 18 साल
- सुंती बाई 45 साल
- धान बाई 52 साल
- सिरदारी गोड़ 45 साल
अस्पताल में भर्ती
- मुन्नी बाई 45 साल
- ममता मेरावी 22 साल
- गुलाब सिंह धुर्वे 50 साल