नई दिल्ली: करवा चौथ व्रत की चारों तरफ धूम है. दिल्ली के बाजारों में रौनक दिख रही है. राजधानी दिल्ली सहित देशभर में महिलाएं अपने सुहाग की लंबी आयु की कामना के लिए इस व्रत को करती हैं. इस साल यह व्रत अक्टूबर महीने की 20 तारीख को है. करवा चौथ व्रत कब होगी और क्या है शुभ मुहूर्त, बता रहे हैं कालकाजी मंदिर के पीठाधीश्वर महंत सुरेंद्रनाथ अवधूत...
कालकाजी मंदिर के पीठाधीश्वर महंत सुरेंद्रनाथ अवधूत ने बताया कि कार्तिक कृष्ण चतुर्थी के दिन सुहागिन महिलाएं अपने सुहाग की लंबी आयु और स्वास्थ्य की कामना के लिए करवा चौथ का व्रत करती हैं. यह सनातन परंपरा का बहुत ही विशेष पर्व है. इस दिन सुहागन स्त्री पूरे दिन उपवास रखकर शाम को पूजा विधिवत करने के बाद भगवान चंद्रमा को अर्घ देती हैं और अपने पति का मुख देखकर व्रत को खोलती है.
पूजा की विधि: करवा चौथ के दिन स्नान करने के बाद महिलाएं एक चौकी पर लाल वस्त्र रखकर माता करवा की आकृति स्थापित करें. उसमें गणेश जी की भी आकृति बनाएं. फिर कलश की स्थापना करें. कलश में गंगाजल डालें. उसमें पल्लव रख कर दीप प्रज्वलित कर पूजा अर्चना करें. सर्वप्रथम भगवान गणेश की पूजा करें. फिर करवा माता की पूजा करें. रविवार को संध्या के समय 7:40 के बाद चंद्रोदय का समय है.
बता दें कि करवा चौथ में भगवान शिव, माता पार्वती, गणेश के साथ-साथ चंद्र भगवान की पूजा की जाती है. इस दौरान महिलाएं नये वस्त्र या साफ सुथरा वस्त्र पहनती हैं. सोलह श्रृंगार कर तैयार होती हैं. दीपक जला कर करवा चौथ व्रत सुनती हैं या स्वयं पढ़ती हैं. करवा चौथ का दिन करक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है.
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