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भ्रष्टाचार के नये मामले में दर्ज FIR को निरस्त करने के लिए कार्ति चिदंबरम हाईकोर्ट पहुंचे - KARTI CHIDAMBARAM BRIBE CASE

पी चिदंबरम के पुत्र और सांसद कार्ति चिदंबरम के खिलाफ संदिग्ध रूप से फंड ट्रांसफर करने का आरोप है.

पी चिदंबरम के पुत्र और सांसद कार्ति चिदंबरम
पी चिदंबरम के पुत्र और सांसद कार्ति चिदंबरम (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jan 28, 2025, 5:21 PM IST

नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम के पुत्र और सांसद कार्ति चिदंबरम को भ्रष्टाचार के एक नए मामले में दर्ज एफआईआर को निरस्त करने की मांग करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. कार्ति चिदंबरम के खिलाफ दर्ज एफआईआर के मुताबिक शराब निर्माता कंपनी डियेगो स्कॉटलैंड एंड सिक्वोइया कैपिटल्स ने एडवांटेज स्ट्रेटेजिक कंसल्टिंग प्राईवेट लिमिटेड को संदिग्ध रूप से फंड का ट्रांसफर करने का आरोप है.

इस मामले में राऊज एवेन्यू कोर्ट ने कार्ति चिदंबरम को राहत देते हुए सीबीआई को निर्देश दिया था कि वो कार्ति चिदंबरम को गिरफ्तार करने से तीन दिन पहले नोटिस देगी. कार्ति चिदंबरम के खिलाफ दर्ज एफआईआर के मुताबिक शराब निर्माता कंपनी डियेगो स्कॉटलैंड एंड सिक्वोइया कैपिटल्स ने एडवांटेज स्ट्रेटेजिक कंसल्टिंग प्राईवेट लिमिटेड को संदिग्ध रुप से फंड का ट्रांसफर किया.

फंड का ट्रांसफर करने का आरोप: एडवांटेज स्ट्रेटेजिक कंसल्टिंग प्राईवेट लिमिटेड का नियंत्रण कार्ति चिदंबरम और उनके सहयोगी एस भास्कर रमण करते हैं. एफआईआर के मुताबिक भारत में आयात शुल्क मुक्त शराब पर पूरा नियंत्रण इंडिया टूरिज्म डेवलपमेंट कारपोरेशन (आईटीडीसी) का है. आईटीडीसी ने डिएगो समूह के भारत में आयात शुल्क शराब पर रोक लगा रखी है. डिएगो समूह ने शराब पर रोक हटाने के लिए कार्ति चिदंबरम से संपर्क किया और 15 हजार अमेरिकी डॉलर एडवांटेज स्ट्रेटेजिक कंसल्टिंग को ट्रांसफर किया. पैसे ट्रांसफर करने के लिए डिएगो स्कॉटलैंड ने कार्तिक की कंपनी से एक फर्जी करार किया.

विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज: एफआईआर में कहा गया है कि कार्ति चिदंबरम को ये पैसे डिएगो स्कॉटलैंड के शराब पर लगी रोक को हटाने के लिए इसलिए दिया गया था, क्योंकि वो प्रभावशाली लोकसेवक हैं. ये रकम किसी कंसल्टेंसी कार्य के लिए नहीं दिए गए थे. एफआईआर भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 420, 471 और भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 8,9 और 13(1)(डी) के तहत दर्ज किया गया है.

नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम के पुत्र और सांसद कार्ति चिदंबरम को भ्रष्टाचार के एक नए मामले में दर्ज एफआईआर को निरस्त करने की मांग करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. कार्ति चिदंबरम के खिलाफ दर्ज एफआईआर के मुताबिक शराब निर्माता कंपनी डियेगो स्कॉटलैंड एंड सिक्वोइया कैपिटल्स ने एडवांटेज स्ट्रेटेजिक कंसल्टिंग प्राईवेट लिमिटेड को संदिग्ध रूप से फंड का ट्रांसफर करने का आरोप है.

इस मामले में राऊज एवेन्यू कोर्ट ने कार्ति चिदंबरम को राहत देते हुए सीबीआई को निर्देश दिया था कि वो कार्ति चिदंबरम को गिरफ्तार करने से तीन दिन पहले नोटिस देगी. कार्ति चिदंबरम के खिलाफ दर्ज एफआईआर के मुताबिक शराब निर्माता कंपनी डियेगो स्कॉटलैंड एंड सिक्वोइया कैपिटल्स ने एडवांटेज स्ट्रेटेजिक कंसल्टिंग प्राईवेट लिमिटेड को संदिग्ध रुप से फंड का ट्रांसफर किया.

फंड का ट्रांसफर करने का आरोप: एडवांटेज स्ट्रेटेजिक कंसल्टिंग प्राईवेट लिमिटेड का नियंत्रण कार्ति चिदंबरम और उनके सहयोगी एस भास्कर रमण करते हैं. एफआईआर के मुताबिक भारत में आयात शुल्क मुक्त शराब पर पूरा नियंत्रण इंडिया टूरिज्म डेवलपमेंट कारपोरेशन (आईटीडीसी) का है. आईटीडीसी ने डिएगो समूह के भारत में आयात शुल्क शराब पर रोक लगा रखी है. डिएगो समूह ने शराब पर रोक हटाने के लिए कार्ति चिदंबरम से संपर्क किया और 15 हजार अमेरिकी डॉलर एडवांटेज स्ट्रेटेजिक कंसल्टिंग को ट्रांसफर किया. पैसे ट्रांसफर करने के लिए डिएगो स्कॉटलैंड ने कार्तिक की कंपनी से एक फर्जी करार किया.

विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज: एफआईआर में कहा गया है कि कार्ति चिदंबरम को ये पैसे डिएगो स्कॉटलैंड के शराब पर लगी रोक को हटाने के लिए इसलिए दिया गया था, क्योंकि वो प्रभावशाली लोकसेवक हैं. ये रकम किसी कंसल्टेंसी कार्य के लिए नहीं दिए गए थे. एफआईआर भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 420, 471 और भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 8,9 और 13(1)(डी) के तहत दर्ज किया गया है.

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