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हरियाणा की बेटी राजस्थान में बनी जज, पिता के निधन के बाद चाचा ने पढ़ाया, कड़ी मेहनत से पाई सफलता

हरियाणा की छोरी ने राजस्थान की जज बनकर कमाल कर दिया है. वर्षा ने राजस्थान कैडर में 65वीं रैंक हासिल की है.

Varsha becomes judge of Rajasthan
Varsha becomes judge of Rajasthan (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : 3 hours ago

Updated : 2 hours ago

करनाल: हरियाणा के करनाल में कलसोरा गांव में किसान परिवार की बेटी ने जज बनकर मिसाल पेश की और गांव का नाम रोशन किया है. वर्षा के न्यायपालिका परीक्षा पास होने की खबर को सुनते ही पूरे गांव में जश्न का माहौल देखने को मिला. पूरा गांव वर्षा के घर उन्हें बधाई देने पहुंच रहा है. परिवार और ग्रामीणों ने ढोल की थाप पर डांस करके जशन मनाया है.

65वीं रैंक की हासिल: बता दें कि लाडवा के पास बबेन के कॉलेज में वर्षा ने पहले एलएलबी की पढ़ाई की. उसके बाद राजस्थान न्यायिक सेवा की परीक्षा की तैयारी की. देर शाम उन्हें न्यायिक सेवा की परीक्षा पास करने की सूचना मिली. राजस्थान कैडर में जज के पद पर वर्षा की नियुक्ति होगी. पूरे गांव और मां-बाप का सपना पूरा किया है. करनाल की बेटी ने राजस्थान कैडर में 65वीं रैंक हासिल की है.

Varsha becomes judge of Rajasthan (Etv Bharat)

जुनून से की कड़ी मेहनत: वर्षा ने बताया कि आज जो भी उनकी खुशी में शामिल होने पहुंचे हैं, उन लोगों का बहुत शुक्रिया. वर्षा ने कहा कि गांव से ही अपनी पढ़ाई की शुरुआत की थी. उसके बाद उसने बाबेन कॉलेज ऑफ लॉ एलएलबी की पढ़ाई की. उसके बाद उन्होंने करनाल के केवीके कॉलेज से बीएससी करने के बाद भारत कॉलेज से एलएलबी कर न्यायपालिका की तैयारी की. आज उन्होंने एग्जाम को क्लियर किया. घर से ही ऑनलाइन कोचिंग लेकर वे जज बनी हैं. उन्होंने कहा कि माता-पिता के संस्कारों की वजह से आज उन्होंने सफलता का मुकाम हासिल किया है. रातभर पढ़ाई की और खूब मेहनत करनी पड़ी, जिसके बाद वे आज यहां तक पहुंच पाई हैं.

पिता की मौत के बाद चाचा ने दिया सहारा: वहीं, वर्षा की बहन प्राची ने बताया कि उसकी बहन बहुत ज्यादा मेहनत करती थी. कई बार रात को ही उठ जाती थी और पढ़ाई करती थी. इसमें पढ़ाई करने का जुनून था. जिसकी बदौलत उसने अभी यह मुकाम हासिल किया है. परिवार में खुशी का माहौल है. वहीं, वर्षा के पिता का भी कई सालों पहले निधन हो चुका है. इसके बाद वर्षा काफी टूट गई थी. लेकिन वर्षा के चाचा दीपक ने उसको सहारा दिया. चाचा के सहारे आज बेटी ने जज बनकर परिवार और गांव का नाम रोशन किया है. वर्षा के पिता का सपना था कि उनकी बेटी जज बने.

ये भी पढ़ें: Success story: हरियाणा ज्यूडिशियरी एग्जाम में ओबीसी वर्ग में टॉपर बने अभिषेक, जानिए संघर्ष से लेकर सक्सेस तक की स्टोरी

ये भी पढ़ें: Success Story: आदमपुर में बेटी रेणु और बहू दृष्टि ने किया कमाल, न्यायिक सेवा परीक्षा परिणाम में हासिल की सफलता

करनाल: हरियाणा के करनाल में कलसोरा गांव में किसान परिवार की बेटी ने जज बनकर मिसाल पेश की और गांव का नाम रोशन किया है. वर्षा के न्यायपालिका परीक्षा पास होने की खबर को सुनते ही पूरे गांव में जश्न का माहौल देखने को मिला. पूरा गांव वर्षा के घर उन्हें बधाई देने पहुंच रहा है. परिवार और ग्रामीणों ने ढोल की थाप पर डांस करके जशन मनाया है.

65वीं रैंक की हासिल: बता दें कि लाडवा के पास बबेन के कॉलेज में वर्षा ने पहले एलएलबी की पढ़ाई की. उसके बाद राजस्थान न्यायिक सेवा की परीक्षा की तैयारी की. देर शाम उन्हें न्यायिक सेवा की परीक्षा पास करने की सूचना मिली. राजस्थान कैडर में जज के पद पर वर्षा की नियुक्ति होगी. पूरे गांव और मां-बाप का सपना पूरा किया है. करनाल की बेटी ने राजस्थान कैडर में 65वीं रैंक हासिल की है.

Varsha becomes judge of Rajasthan (Etv Bharat)

जुनून से की कड़ी मेहनत: वर्षा ने बताया कि आज जो भी उनकी खुशी में शामिल होने पहुंचे हैं, उन लोगों का बहुत शुक्रिया. वर्षा ने कहा कि गांव से ही अपनी पढ़ाई की शुरुआत की थी. उसके बाद उसने बाबेन कॉलेज ऑफ लॉ एलएलबी की पढ़ाई की. उसके बाद उन्होंने करनाल के केवीके कॉलेज से बीएससी करने के बाद भारत कॉलेज से एलएलबी कर न्यायपालिका की तैयारी की. आज उन्होंने एग्जाम को क्लियर किया. घर से ही ऑनलाइन कोचिंग लेकर वे जज बनी हैं. उन्होंने कहा कि माता-पिता के संस्कारों की वजह से आज उन्होंने सफलता का मुकाम हासिल किया है. रातभर पढ़ाई की और खूब मेहनत करनी पड़ी, जिसके बाद वे आज यहां तक पहुंच पाई हैं.

पिता की मौत के बाद चाचा ने दिया सहारा: वहीं, वर्षा की बहन प्राची ने बताया कि उसकी बहन बहुत ज्यादा मेहनत करती थी. कई बार रात को ही उठ जाती थी और पढ़ाई करती थी. इसमें पढ़ाई करने का जुनून था. जिसकी बदौलत उसने अभी यह मुकाम हासिल किया है. परिवार में खुशी का माहौल है. वहीं, वर्षा के पिता का भी कई सालों पहले निधन हो चुका है. इसके बाद वर्षा काफी टूट गई थी. लेकिन वर्षा के चाचा दीपक ने उसको सहारा दिया. चाचा के सहारे आज बेटी ने जज बनकर परिवार और गांव का नाम रोशन किया है. वर्षा के पिता का सपना था कि उनकी बेटी जज बने.

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Last Updated : 2 hours ago
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