करनाल: हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए 5 अक्टूबर को मतदान होगा. हरियाणा की ज्यादातर विधानसभा सीटों पर सीधा मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच है, लेकिन कुछ सीटें ऐसी हैं. जहां मुकाबला त्रिकोणीय बन रहा है. कुछ सीटें ऐसी भी हैं. जहां अभी तक स्थिति साफ नहीं हो रही. इसमें करनाल जिले के विधानसभा क्षेत्र भी शामिल हैं. करनाल जिले में पांच विधानसभा सीटें आती हैं. इनमें करनाल, नीलोखेड़ी, इंद्री, घरौंडा और असंध विधानसभा सीट शामिल हैं.
करनाल की पांचों विधानसभा सीटों पर मतदाताओं की संख्या: जिला निर्वाचन अधिकारी एवं डीसी उत्तम सिंह ने बताया कि लोकसभा चुनाव के बाद करनाल की 5 विधानसभा सीटों पर कुल 2490 मतदाता बढ़े हैं. 27 अगस्त को प्रकाशित मतदाता सूची के अनुसार इस बार जिले में कुल 11 लाख 98 हजार 936 मतदाता हैं. लोकसभा चुनाव की बात करें, तो 6 मई 2024 को प्रकाशित मतदाता सूची के अनुसार जिले में 11 लाख 96 हजार 446 मतदाता थे.
डीसी उत्तम सिंह ने बताया कि विधानसभा चुनाव के लिए जारी ताजा मतदाता सूची के मुताबिक जिले में पुरुष मतदाता 6 लाख 23 हजार 894, महिला मतदाता 5 लाख 75 हजार 015, थर्ड जेंडर 27 और सर्विस मतदाता 3077 हैं. सर्विस वोटर को भी जोड़ें, तो करनाल जिले में कुल 12 लाख 2 हजार 13 मतदाता बनते हैं.
करनाल की किस विधानसभा सीट पर कितने मतदाता? नीलोखेड़ी विधानसभा सीट पर कुल 2,32,935 मतदाता है. इंद्री विधानसभा सीट पर 2,18,125 हैं. करनाल विधानसभा पर 2,65,168 मतदाता हैं. घरौंडा विधानसभा सीट पर 2,40,937 मतदाता हैं. असंध विधानसभा सीट पर 2,41,771 मतदाता हैं.
करनाल विधानसभा सीट का हाल: करनाल विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी ने जगमोहन आनंद को उम्मीदवार बनाया है. वहीं कांग्रेस पार्टी ने सुमिता सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है. यहां पर दोनों में कांटे की टक्कर दिखाई दे रही है. पिछले 10 सालों से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार यहां पर विधायक बनने के बाद मुख्यमंत्री बने हैं. पहले 9 साल तक मनोहर लाल खट्टर यहां से विधायक बनने के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे.
अब नायब सैनी इस सीट से विधायक बनकर हरियाणा के सीएम बने हैं. मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को भारतीय जनता पार्टी ने करनाल लोकसभा से प्रत्याशी बनाया था. जिसके बाद हरियाणा का मुख्यमंत्री नायब सैनी को बनाया गया और उनको उप चुनाव करनाल विधानसभा से लड़वाया गया. वो जीत हासिल करके विधायक बने और मुख्यमंत्री रहे.
नीलोखेड़ी विधानसभा सीट का हाल: 2019 के विधानसभा चुनाव में यहां से आजाद उम्मीदवार धर्मपाल विधायक बने थे. जो कुछ समय पहले ही कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए थे. हालांकि उन्होंने लोकसभा चुनाव से पहले तक भारतीय जनता पार्टी को समर्थन दिया था. लोकसभा चुनाव से बिल्कुल पहले उन्होंने भारतीय जनता पार्टी से अपना समर्थन वापस लेकर कांग्रेस पार्टी का दामन थाम लिया. जिसके बाद कांग्रेस ने उनको नीलोखेड़ी से टिकट दिया है. उनके सामने भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार भगवान दास कबीरपंथी हैं. 2014 में कबीरपंथी नीलोखेड़ी विधानसभा से भारतीय जनता पार्टी के चुनाव चिन्ह पर विधायक बने थे.
बीजेपी ने 2019 में भी भगवान दास कबीरपंथी को प्रत्याशी बनाया था, लेकिन उनको हार मिली थी. इस बार फिर से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी कबीरपंथी और कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी धर्मपाल चुनावी मैदान में हैं. स्थानीय लोग कांग्रेस उम्मीदवार धर्मपाल को लेकर नाराज हैं. लोगों का कहना है कि धर्मपाल ने अपने 5 साल में क्षेत्र में विकास कार्य नहीं करवाए. 5 साल उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के साथ सत्ता की मलाई खाई. जब उनकी टिकट कटती हुई दिखाई दी, तो कांग्रेस पार्टी का दामन थाम लिया.
इंद्री विधानसभा सीट का समीकरण: इंद्री विधानसभा क्षेत्र में 2,18,125 कुल मतदाता हैं. साल 2019 में बीजेपी उम्मीदवार रामकुमार कश्यप ने जीत दर्ज की थी. भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर से इस सीट पर रामकुमार कश्यप को उम्मीदवार बनाया है. उनके सामने कांग्रेस उम्मीदवार राकेश कंबोज चुनावी मैदान में हैं. यहां से पूर्व मंत्री कर्ण देव कंबोज भारतीय जनता पार्टी से टिकट मांग रहे थे, लेकिन पार्टी ने उनका टिकट काट दिया. जिसके चलते वो बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए. ऐसे में यहां कांग्रेस पार्टी काफी मजबूत दिखाई दे रही है.
घरौंडा विधानसभा क्षेत्र: घरौंडा विधानसभा क्षेत्र में 2,40,937 मतदाता हैं. यहां पिछले 10 सालों से भारतीय जनता पार्टी के हरविंदर कल्याण विधायक रहे हैं. इस बार फिर से भारतीय जनता पार्टी ने उनको इस सीट से टिकट दिया है. उनके सामने कांग्रेस उम्मीदवार वीरेंद्र राठौड़ चुनावी मैदान में हैं. कांग्रेस उम्मीदवार वीरेंद्र राठौर का अच्छा जनाधार है, क्योंकि वो पूर्व में मंत्री रह चुके हैं. मौजूदा समीकरणों को देखा जाए तो बीजेपी और कांग्रेस उम्मीदवारों के बीच कांटे की टक्कर दिखाई दे रही है.
असंध विधानसभा सीट: असंध विधानसभा क्षेत्र में 2,41,771 वोट हैं. यहां पर 2014 में भारतीय जनता पार्टी का कमल का फूल खिला था, लेकिन 2019 विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी को हार का मुंह देखना पड़ा. कांग्रेस उम्मीदवार शमशेर सिंह गोगी यहां से विधायक बने थे. एक बार फिर से भारतीय जनता पार्टी ने शमशेर सिंह को यहां से उम्मीदवार बनाया है. उनके सामने चुनावी मैदान में भारतीय जनता पार्टी ने योगेंद्र राणा को उतारा है.
कांग्रेस उम्मीदवार शमशेर सिंह सिख समाज से आते हैं, तो बीजेपी उम्मीदवार योगेंद्र राणा राजपूत समाज से आते हैं. पूर्व विधायक सरदार बक्शीश सिंह बीजेपी से टिकट की मांग कर रहे थे. टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर वो कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए. ऐसे में यहां पर कांग्रेस पार्टी भारतीय जनता पार्टी से मजबूत दिखाई देती है.