करनाल: हरियाणा की करनाल विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए वोटिंग हुई. शाम 7 बजे तक के जारी आंकड़े के मुताबिक यहां पर अब तक कुल 57 प्रतिशत मतदान हो चुका है. हरियाणा के मुख्यमंत्री और करनाल विधानसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार नायब सैनी ने सुबह परिवार के साथ नारायणगढ़ में मतदान किया. इसके बाद वो अपने निर्वाचन क्षेत्र करनाल में पहुंचे. उन्होंने कहा कि राष्ट्र मजबूत हो, देश मजबूत हो, लोकतंत्र मजबूत हो, इसके लिए मतदान किया है.
करनाल में सीएम नायब सैनी ने गुरुद्वारे में शीश झुकाया और गुरुओं का आशीर्वाद लिया. उन्होंने हरियाणावासियों से अपील करते हुए कहा कि "मैं सभी लोगों से अपील करना चाहता हूं कि इस पर्व में बढ़ चढ़कर हिस्सा लें और मतदान करें. लोकतंत्र की मजबूती ही राष्ट्र की मजबूती है. जितना ज्यादा मतदान होगा. उतना ही लोकतंत्र मजबूत होगा. नायब सैनी ने कहा कि किसी से मेरा मुकाबला नहीं है. कांग्रेस का ढांचा खत्म हो चुका है.
करनाल विधानसभा सीट से उम्मीदवार: करनाल विधानसभा उपचुनाव के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों के 9 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं. यहां मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच देखा जा रहा है. इस विधानसभा सीट पर बीजेपी की तरफ से हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी चुनावी मैदान में हैं, तो दूसरी तरफ कांग्रेस ने तरलोचन सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है. इसके अलावा जन नायक जनता पार्टी ने राजेंद्र को टिकट दिया है.
करनाल उपचुनाव के लिए 9 उम्मीदवार मैदान में: करनाल विधानसभा क्षेत्र के रिटर्निंग अधिकारी एवं एसडीएम अनुभव मेहता ने बताया कि मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय व राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों में भारतीय जनता पार्टी से नायब सिंह, कांग्रेस से तरलोचन सिंह, जन नायक जनता पार्टी से राजेंद्र, राष्ट्रीय गरीब दल से तिलक राज सिंगला, राष्ट्रीय मजदूर एकता पार्टी से रोहताश, पीपल्स पार्टी ऑफ इंडिया (डेमोक्रेटिक) से सुरेश कुमार चुनावी मैदान में हैं.
इसी प्रकार से निर्दलीय उम्मीदवारों में राजेन्द्र आर्य दादुपुर, शमशेर सिंह नैन तथा सुरेश कुमार का नाम शामिल है. इन सभी निर्दलीय प्रत्याशियों को चुनाव चिन्ह आवंटित कर दिया गया है. करनाल विधानसभा उपचुनाव में इंडियन नेशनल लोकदल ने कोई भी प्रत्याशी नहीं उतारा गया है.
बीजेपी-कांग्रेस में कांटे की टक्कर: करनाल विधानसभा में पंजाबी वर्ग की सबसे ज्यादा वोट है. लेकिन इस बार भारतीय जनता पार्टी के द्वारा नायब सैनी को प्रत्याशी बनाया गया है जबकि नायब सैनी की बिरादरी की यहां पर करीब 5800 वोट है. ऐसे में इस बार करनाल विधानसभा उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच में कांटे की टक्कर दिखाई दे रही है.
अगर मनोहर लाल सीएम नायब सैनी को पंजाबी समुदाय की वोट दिलाने में कामयाब रहते हैं, तो यहां से वह जीत सकते हैं. ऐसे समीकरण नहीं बनते तो हालात बिगड़ते हुए दिखाई देते हैं. जिसके चलते भाजपा को हार का मुंह देखना पड़ सकता है. वहीं, अगर बात करें त्रिलोचन सिंह करनाल के स्थानीय निवासी है. जिनका जनता के बीच में काफी मेलजोल है. जबकि मुख्यमंत्री करनाल के स्थानीय निवासी नहीं है, ऐसे में अब देखना होगा कि करनाल विधानसभा चुनाव में कौन जीत हासिल करता है.
साल 2019 करनाल विधानसभा चुनाव के नतीजे: करनाल विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के दो बार विधायक रह चुके मनोहर लाल यहां दोनों बार ही काफी मतों से विधायक बने थे. 2014 चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के द्वारा मनोहर लाल को अपना प्रत्याशी बनाया गया था. जिन्होंने 2014 चुनाव में 82485 वोट प्राप्त किए थे. ये जीत उन्होंने 63773 वोट के मार्जिन से हासिल की थी. उन को 58.75% वोट प्राप्त हुए थे.
2019 विधानसभा चुनाव में मनोहर लाल को भारतीय जनता पार्टी के द्वारा एक बार फिर से अपना प्रत्याशी बनाया गया था. जिसमें उन्होंने 79906 वोट प्राप्त हुए थे. जिसमें उन्होंने 45188 वोट के मार्जिन से जीत हासिल की थी. उनको कुल 63.72% वोट प्राप्त हुए थे. दूसरे नंबर पर कांग्रेस पार्टी के द्वारा प्रत्याशी बनाए गए सरदार त्रिलोचन सिंह रहे थे.
करनाल विधासनभा जातिगत समीकरण: आंकड़ों के अनुसार करनाल विधानसभा सीट 258361 मतदाता है. जिसमें सबसे ज्यादा वोट पंजाबी, खत्री और अरोड़ा जाति की करीब 62 हजार वोट है. वहीं, अग्रवाल समाज की अगर बात करें तो उनकी करीब 21000 वोट है. जबकि रविदासिया समाज की करनाल विधानसभा में करीब 19000 वोट है. ब्राह्मण समाज की करीब 18000 वोट है, रोड समाज की करीब 25000 वोट है. जाट समाज की करीब 11000 वोट हैं. जाट सिख समाज की करीब 10000 वोट है.
इसके अलावा वाल्मीकि कश्यप और राजपूत समाज के करीब 9-9 हजार वोट है, तो वही सैनी समाज की करीब 5800 वोट है. गडरिया समाज की करीब 6500 वोट है. गुर्जर और कंबोज की करीब 5-5 हजार वोट है. बाकी अन्य जाति है. यह करनाल विधानसभा की मुख्य जातियां हैं, जिसमें सबसे ज्यादा पंजाबी जाति का वोट बैंक है. तो इनमें सबसे कम करीब 5800 सैनी समाज का वोट बैंक है. बाकी अन्य बिरादरियों की वोट है.