करौली. हिंडौन उपखंड मुख्यालय पर 9 मई को बिजली करंट की चपेट में आने से झूलसी 10 वर्षीय मूक बधिर बालिका की जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में 11 दिन बाद उपचार के दौरान सोमवार को मौत हो गई. बालिका का मंगलवार को परिजनों ने अंतिम संस्कार भी कर दिया है, लेकिन लोग अलग-अलग ढंग से सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहे हैं. जिसके बाद करौली पुलिस भी सख्त नजर आ रही है. पुलिस ने बुधवार को एडवाइजरी जारी करते हुए कहा है कि घटना की संवेदनशीलता को देखते हुए कोई भी अप्रामाणिक बात किसी के द्वारा सार्वजनिक मंच पर कहना उचित नहीं होगा. पुलिस वैज्ञानिक प्रणाली से निष्पक्ष अनुसंधान कर रही है और अतिशीघ्र ही घटनाक्रम की सच्चाई सामने आ जाएगी.
यह है पूरा मामला : दरअसल, 9 मई को हिंडौन के राजकीय चिकित्सालय में 10 वर्षीय मूक बधिर बालिका झुलसी हुई अवस्था में उपचार के लिए लाई गई. बालिका के झुलसने की जानकारी मिलते ही हिंडौन पुलिस मौके पर पहुंची और घटना की जानकारी ली तो बालिका 60 प्रतिशत झुलसी हुई अवस्था में मिली. जिसके बाद पुलिस द्वारा घटना को गंभीरता से लेते हुए किसी अनहोनी को लेकर जांच कराई गई तो चिकित्सकों ने ऐसी किसी घटना से इंकार किया और बच्ची को गंभीर हालत में जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल के लिए रेफर कर दिया.
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बालिका के परिजनों ने पुलिस को बताया कि बच्ची घर से बिना बताए खेलने निकल गई. बच्ची की मां तलाश करने गई तो घर से करीब 200 मीटर की दूरी पर बच्ची अज्ञात कारणों से जली हुई अवस्था में मिली, जिसको उपचार के लिए हिंडौन के राजकीय अस्पताल में लेकर गए. मेडीकल ज्यूरिष्ट ने बच्ची के बयान देने की स्थिति में नहीं होना बताकर उसको एसएमएस अस्पताल जयपुर के लिए रवाना कर दिया. वहीं, दूसरी ओर पुलिस अधीक्षक बृजेश ज्योति उपाध्याय ने घटना की जांच के लिए अनुभवी अधीनस्थ अनुसंधान अधिकारियों ने घटनास्थल पर भेजा. वहीं, घटनास्थल के आसपास निरीक्षण करके एवं एफएसएल एक्सपर्ट से घटनास्थल का मुआयना कराने के साथ ही मेडिकल जूरिस्ट डॉ. रामनरेश कुम्भकार एवं एसएमएस थाना प्रभारी सुधीर उपाध्याय से एसएमएस जयपुर में पीड़िता का इलाज कर रहे डॉक्टर रवि से बच्ची के जलने का कारण पूछा. जिस पर उन्होंने किसी रासायनिक, ज्वलनशील पदार्थ से जलना नहीं बताया.
इसके अतिरिक्त पुलिस ने बालिका के आस-पड़ोस के लोगों और पीड़ता की मां एवं बहन से जानकारी ली तो बच्ची के झुलसने का कारण प्रथम दृष्टया विद्युत करंट लगना बताया गया. उसके बाद भी घटना के क्रम में तथ्यों, परिस्थितियों एवं घटना के कारणों की जांच जारी है. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि बालिका के संबंध में जांच के लिए नई मंडी थाने के ASI बनै सिंह को जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल भी भेजा गया.
पुलिस ने की एडवाइजरी जारी : 10 वर्षीय मूक बधिर बालिका की मौत हो जाने के बाद परिजनों ने भले ही मंगलवार को अंतिम संस्कार कर दिया हो, लेकिन लोग तरह-तरह के भ्रामक पोस्ट डालकर पीड़िता को न्याय दिलाने की मांग कर रहे हैं. जिस पर करौली पुलिस ने सोशल मीडिया पर एडवाइजरी जारी करते हुए लिखा है कि बिगैर तथ्य और बिना सबूत के, कोई भी भ्रामक पोस्ट नहीं डालें, नहीं तो पुलिस द्वारा सख्त कार्रवाई की जाएगी.
करौली पुलिस ने सोशल मीडिया पर एडवाइजरी जारी करते हुए लिखा है कि हिंडौन की घटनाक्रम की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तत्परता से बालिका को अस्पताल पहुंचा कर चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध करवाई. बालिका के स्किन सैंपल एवं कपड़ों के सैंपल FSL परीक्षण के लिए भेजे गए हैं. साइंटिफिक एक्सपर्ट्स की राय के अनुसार प्रकरण में अग्रिम अनुसंधान किया जाएगा. बालिका के मूक बधिर होने की वजह से साइन लैंग्वेज एक्सपर्ट की सहायता से उसके बयान दर्ज किए गए. प्रकरण में साक्ष्य-आधारित अनुसंधान किया जा रहा है. राजस्थान पुलिस इस प्रकरण की गुत्थी सुलझाने के लिए कटिबद्ध है और इसके लिए हर संभव प्रयास कर रही है.