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साइबर ठग निकले दंपत्ति, लैप्स पॉलिसी की डिटेल निकाल 41 लाख रुपये हड़पे, नोएडा से गिरफ्तार

कानपुर के अलावा अहमदाबाद और राजस्थान में भी कई लोगों से की ठगी.

साइबर ठगी करने वाले दंपति गिरफ्तार.
साइबर ठगी करने वाले दंपति गिरफ्तार. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 4 hours ago

कानपुर: साइट से ब्रेक और लैप्स पॉलिसी की डिटेल निकालकर लोगों के साथ ठगी करने वाले नोएडा के दंपति को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. दोनों एक निजी बैंक में नौकरी कर चुके हैं. कुछ दिनों पहले ही उन्होंने कानपुर के एक व्यक्ति के साथ ठगी की थी. जिसकी जांच के दौरान पुलिस ठग दंपति तक पहुंची. इसी के ठगी के नए तरीके का भी खुलासा हुआ.

साइबर ठगी करने वाले दंपति गिरफ्तार. (Video Credit; ETV Bharat)

41 लाख की ठगी जांच में खुलासा: साइबर सेल थाना में 15 नवंबर को लाल बंगला निवासी मो. इस्माइल ने मुकदमा दर्ज कराया. साइबर सेल टीम को बताया कि उनके साथ उनकी पॉलिसी चालू कराने के नाम पर 41 लाख रुपये की ठगी हो गई है. मो.इस्माइल के दस्तावेजों को देखने के बाद साइबर सेल थाना पुलिस टीम ने फौरन ही मुकदमा दर्ज कर लिया और फिर खुद एसीपी साइबर सेल मो. मोहसिन खान व अन्य पुलिसकर्मियों ने ठगों की तलाश शुरू कर दी. पीड़ित मो.इस्माइल के पास जिन नंबरों से कॉल आई थी और जिन खातों में रुपये मंगवाए थे, उनकी छानबीन शुरू हुई. साइबर सेल टीम ने देखा कि नंबर्स नोएडा के थे.

नोएडा से गिरफ्तार हुए ठग दंपति: बुधवार को देर रात टीम के सदस्यों ने नोएडा से मुख्य अभियुक्त पवन व उसकी पत्नी रेनू को गिरफ्तार कर लिया. अभियुक्त दंपत्ति ने जब साइबर सेल टीम के कर्मियों को बताया कि वह जस्ट डायल साइट से ब्रेक व लैप्स पॉलिसी धारकों की डिटेल निकालकर उनसे ठगी करते थे तो सभी भी हैरान रह गए. फिलहाल पुलिस ने अभियुक्त दंपत्ति को जेल भेज दिया है. वहीं, इस पूरे मामले की जानकारी डीसीपी क्राइम आशीष श्रीवास्तव व मो. मोहसिन खान ने गुरुवार को प्रेस वार्ता कर दी.

पवन लोगों से ठगी करता था, रेनू रुपयों का प्रबंध करती थी: डीसीपी क्राइम आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि अभियुक्त पवन जहां लोगों से ठगी करता था, वहीं, रेनू जो रुपये खातों में पहुंचते थे, उनका प्रबंधन देखती थी. दोनों ही निजी बैंकों में नौकरी कर चुके थे. कानपुर के अलावा अभियुक्तों ने अहमदाबाद और राजस्थान में भी कई लोगों से ठगी की है. जिसके लिए पुलिस टीमें अब सक्रिय हो गई हैं. अभियुक्त पवन बहुत अधिक शातिर है. पवन एक ऐसे कॉल सेंटर में भी काम कर चुका है, जहां पॉलिसी से जुड़ा फ्रॉड होता था. पवन ग्रेटर नोएडा का रहने वाला है, वहीं उसकी पत्नी रेनू मऊ की रहने वाली है.

11.5 लाख रुपये किए फ्रीज, एक लाख रुपये नगद मिले : साइबर सेल टीम को जहां अभियुक्तों के पास से एक लाख रुपये नगद मिल गए हैं, वहीं, कुल 11.5 लाख रुपये फ्रीज किए गए हैं. इसी तरह साढ़े पांच लाख रुपये के जेवर और एक क्रेटा कार भी साइबर सेल टीम के सदस्यों को मिली है.

यह भी पढ़ें : IIT कानपुर ने बनाई मिट्टी की सेहत बताने वाली डिवाइस, किसानों को पल भर में देगी रिपोर्ट, जानिए खासियत

कानपुर: साइट से ब्रेक और लैप्स पॉलिसी की डिटेल निकालकर लोगों के साथ ठगी करने वाले नोएडा के दंपति को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. दोनों एक निजी बैंक में नौकरी कर चुके हैं. कुछ दिनों पहले ही उन्होंने कानपुर के एक व्यक्ति के साथ ठगी की थी. जिसकी जांच के दौरान पुलिस ठग दंपति तक पहुंची. इसी के ठगी के नए तरीके का भी खुलासा हुआ.

साइबर ठगी करने वाले दंपति गिरफ्तार. (Video Credit; ETV Bharat)

41 लाख की ठगी जांच में खुलासा: साइबर सेल थाना में 15 नवंबर को लाल बंगला निवासी मो. इस्माइल ने मुकदमा दर्ज कराया. साइबर सेल टीम को बताया कि उनके साथ उनकी पॉलिसी चालू कराने के नाम पर 41 लाख रुपये की ठगी हो गई है. मो.इस्माइल के दस्तावेजों को देखने के बाद साइबर सेल थाना पुलिस टीम ने फौरन ही मुकदमा दर्ज कर लिया और फिर खुद एसीपी साइबर सेल मो. मोहसिन खान व अन्य पुलिसकर्मियों ने ठगों की तलाश शुरू कर दी. पीड़ित मो.इस्माइल के पास जिन नंबरों से कॉल आई थी और जिन खातों में रुपये मंगवाए थे, उनकी छानबीन शुरू हुई. साइबर सेल टीम ने देखा कि नंबर्स नोएडा के थे.

नोएडा से गिरफ्तार हुए ठग दंपति: बुधवार को देर रात टीम के सदस्यों ने नोएडा से मुख्य अभियुक्त पवन व उसकी पत्नी रेनू को गिरफ्तार कर लिया. अभियुक्त दंपत्ति ने जब साइबर सेल टीम के कर्मियों को बताया कि वह जस्ट डायल साइट से ब्रेक व लैप्स पॉलिसी धारकों की डिटेल निकालकर उनसे ठगी करते थे तो सभी भी हैरान रह गए. फिलहाल पुलिस ने अभियुक्त दंपत्ति को जेल भेज दिया है. वहीं, इस पूरे मामले की जानकारी डीसीपी क्राइम आशीष श्रीवास्तव व मो. मोहसिन खान ने गुरुवार को प्रेस वार्ता कर दी.

पवन लोगों से ठगी करता था, रेनू रुपयों का प्रबंध करती थी: डीसीपी क्राइम आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि अभियुक्त पवन जहां लोगों से ठगी करता था, वहीं, रेनू जो रुपये खातों में पहुंचते थे, उनका प्रबंधन देखती थी. दोनों ही निजी बैंकों में नौकरी कर चुके थे. कानपुर के अलावा अभियुक्तों ने अहमदाबाद और राजस्थान में भी कई लोगों से ठगी की है. जिसके लिए पुलिस टीमें अब सक्रिय हो गई हैं. अभियुक्त पवन बहुत अधिक शातिर है. पवन एक ऐसे कॉल सेंटर में भी काम कर चुका है, जहां पॉलिसी से जुड़ा फ्रॉड होता था. पवन ग्रेटर नोएडा का रहने वाला है, वहीं उसकी पत्नी रेनू मऊ की रहने वाली है.

11.5 लाख रुपये किए फ्रीज, एक लाख रुपये नगद मिले : साइबर सेल टीम को जहां अभियुक्तों के पास से एक लाख रुपये नगद मिल गए हैं, वहीं, कुल 11.5 लाख रुपये फ्रीज किए गए हैं. इसी तरह साढ़े पांच लाख रुपये के जेवर और एक क्रेटा कार भी साइबर सेल टीम के सदस्यों को मिली है.

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