कानपुर : शहर में विकास और सौंदर्यीकरण के काम में नित नए आयाम स्थापित करने वाला जेसीआई कानपुर इंडस्ट्रियल अब नगर निगम के साथ विकास पथ पर आगे बढ़ने जा रहा है. बुधवार को नगर निगम और जेसीआई कानपुर इंडस्ट्रियल के बीच सामुदायिक भवन/बारात शाला निर्माण के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर हुए. केआईजेसी मंगल भवन के नाम से होने वाले इस निर्माण के लिए टेंडर नगर निगम निकालेगा और मानीटरिंग का काम जेसीआई के द्वारा किया जाएगा.
बुधवार को होटल लैंडमार्क में आयोजित कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि महापौर प्रमिला पाण्डेय ने कहा कि जेसीआई कानपुर इंडस्ट्रियल मेंबर व शहर के व्यापारियों कोरोना जैसी महात्रासदी में शहर के जरूरतमंद लोगों की बहुत मदद की. जेसीआई ने शहर के विकास कार्य को नई ऊंचाईयां दी हैं. जैसे शहर के उत्तर भाग में विकास की बयार बही है वैसे ही अब दक्षिण शहर में विकास कार्य करना है. इसके लिए नगर आयुक्त से प्लानिंग पर वार्ता चल रही है. इस दौरान महापौर प्रमिला पाण्डेय ने केआईजेसी मंगल भवन के थ्री डी मॉडल का अनावरण किया.
वार्ड 15 बेनाझाबर में बीएनएसडी शिक्षा निकेतन के बगल में बनने वाले सामुदायिक भवन/बारात शाला का निर्माण 2500 वर्ग मीटर एरिया में होगा. इस जगह में 4500 वर्ग फिट में निर्माण कराया जाएगा. जनवरी 2025 से शुरू होकर सामुदायिक भवन/बारात शाला का काम नवंबर 2025 तक पूरा किया जाएगा. सीएसआर फंड के तहत इस कार्य में जेसीआई दो करोड़ रुपये का फंड खर्च करेगा. एमओयू पर कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि नगर आयुक्त सुधीर कुमार और जेसीआई 2025 के प्री इलेक्टेड प्रेसीडेंट प्रणीत अग्रवाल ने साइन किए. यह प्रदेश में पहली बार हो रहा है जब नगर निगम और जेसीआई के मध्य कोई एमओयू साइन किया गया है. कार्यक्रम में अंजली गर्ग, श्रुति जैन, राहुल अग्रवाल, विकास जायसवाल, निहारिका गुप्ता, आकाश गोयनका, सिद्धार्थ गुप्ता, प्रणीत अग्रवाल, नेहा गर्ग, प्रज्ञा अग्रवाल आदि शामिल रहे.
मेयर ने की सराहना : महापौर प्रमिला पांडेय ने जेसीआई 2025 के प्री इलेक्टेड प्रेसीडेंट प्रणीत अग्रवाल को मंगल भवन जैसे सामुदायिक भवन/बारात शाला के निर्माण की सोच को सराहा. उन्होंने कहा कि जेसीआई पहले से ही शहर में एक से बढ़कर एक शानदार विकास, सौंदर्यीकरण और जनउपयोगी कार्य कर रहा है. विशिष्ट अतिथि नगर आयुक्त सुधीर कुमार ने कहा कि अगर शहर में कुछ अच्छा और बड़ा काम करना है तो उसमें जनसहभागिता जरूरी है. नगर निगम के पास जगह बहुत है. बस जरूरत है जेसीआई और प्रणीत अग्रवाल जैसी सोच रखने वालों की.