कानपुर : काकादेव इलाके में दीपावली की रात मंदिर में रखे एक दीये से घर में आग लग गई. इससे बिस्कुट कारोबारी, उनकी पत्नी और नौकरानी की मौत हो गई. मौके पर लोगों की भीड़ जुट गई. जानकारी मिलने पर पुलिस भी पहुंच गई. पुलिस के अनुसार दम घुटने से दंपत्ति समेत नौकरानी की मौत होने की आशंका है. पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है.
काकादेव थाना क्षेत्र के पांडव नगर निवासी संजय श्याम दसानी परिवार समेत रहते थे. वह बिस्कुट कारोबारी थे. गुरुवार की देर रात दीपावली पूजन के बाद वह पत्नी कनिका दसानी समेत घर में सो रहे थे. लकड़ी के मंदिर में पति-पत्नी ने दीया जलाकर रखा था. परिजनों के मुताबिक इस दिए को रातभर जलना था.
रात के 2.30 बजे दीये से मंदिर में आग लग गई. इसके बाद पूरे घर में आग भड़क उठी. पता चलने पर संजय श्याम और कनिका दसानी आग बुझाने में जुट गए. इसमें दोनों गंभीर रूप से झुलस गए. धुएं से उनका दम भी घुटने लगा. कुछ ही देर में दोनों बेहोश हो गए. दंपत्ति को बचाने में नौकरानी छवि चौहान भी झुलस गई. वह भी अचेत हो गई.
परिवार के लोग दूसरे कमरों में सो रहे थे. उन्हें सुबह तक घटना की जानकारी नहीं हो पाई. सुबह परिवार के अन्य सदस्यों की नींद खुली तो उन्होंने कमरे से धुआं निकलते देखा. परिजनों ने पहले फायर ब्रिगेड को सूचना दी. पुलिस की मदद से कारोबारी, उनकी पत्नी और नौकरानी को निकट के रीजेंसी अस्पताल में भर्ती कराया गया. यहां तीनों ने दम तोड़ दिया.
काकादेव थाना प्रभारी मनोज सिंह फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे. फायर ब्रिगेड की गाड़ी ने पूरी तरह आग बुझाई. घटना के बाद से परिवार के लोगों का रो-रोकर बुरा हाल है. डीसीपी सेंट्रल दिनेश त्रिपाठी, एसीपी स्वरूप नगर आईपी सिंह भी मौके पर पहुंचे. कमिश्नरेट पुलिस के आला अफसरों ने इस मामले में अपने स्तर से भी जांच शुरू कर दी है. अफसरों का कहना है कि फिलहाल यही लग रहा है कि दम घुटने से ही कारोबारी की मौत हुई है. वहीं दूसरी ओर आसपास के सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले जा रहे हैं.
कारोबारी के भाइयों का कहना है कि गुरुवार शाम को सभी दीपावली की खुशियों में शामिल थे. पूरे घर को रंग-बिरंगी झालरों से सजाया गया था. रंगोली भी बनाई गई थी. दीपावली पूजन के बाद सभी ने दूसरे को बधाई दी थी. कोई यह नहीं जानता था कि जो यह मुस्कान है वह कल सुबह होते ही अनहोनी में तब्दील हो जाएगी. कारोबारी की मौत के बाद सुबह घर के बाहर काफी कारोबारियों का जमावड़ा लग गया.
संजय श्याम दसानी विभिन्न सामाजिक संगठनों से भी जुड़े थे. द ओल्ड सक्खर पंचायत के उपाध्यक्ष अमित खत्री ने बताया कि सिंधी समाज से लेकर कई अन्य सामाजिक संगठनों के कार्यक्रमों में वह हमेशा प्रतिभाग करते थे. संगठन विस्तार को लेकर चर्चा करने के साथ ही वह वह समय-समय पर होने वाली बैठकों में भी हिस्सा लेते थे. वह दूसरों की मदद करने में भी सबसे आगे रहते थे. उनका दिनभर का अधिकतम समय अपनी फैक्ट्री में ही बीतता था.
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