कानपुर: कई अहम चुनाव के दौरान भाजपा के लिए केंद्र बिंदु बनने वाले औद्योगिक नगर कानपुर में आए दिन ही भाजपा के विधायक, कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों से अफसरों की नोकझोंक होना सामान्य बात हो चुकी है. भले ही पीएम मोदी व सीएम योगी लगातार इस बात का संदेश दे रहे हों कि पार्टी के कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों को अनुशासित होकर काम करना है. मगर, जो हो रहा है वह इसके विपरीत है.
शहर में अक्सर ही ऐसे मामले सामने आते हैं, जिनमें पार्टी के कार्यकर्ताओं और पुलिस व प्रशासनिक अफसर आमने-सामने दिखते रहे हैं. कानपुर में वोटिंग के दौरान भाजपा जिलाध्यक्ष दीपू पांडेय से भी एक दारोगा की कहासुनी मतदान केंद्र के अंदर ही हुई थी.
यही नहीं, महिला मोर्चा की कार्यकर्ताओं को एसीपी सीसामऊ का विरोध सहना पड़ा था, तो उस मामले में भी भाजपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी व मौजूदा समय में एमएलसी ने आगे आकर स्थिति को संभाला था. अब, लोगों का यही कहना है कि सत्ता होना तो ठीक है लेकिन, सत्ता का जादू अगर सिर चढ़कर बोलने लगे तो भिड़ंत होना लाजिमी है.
केस एक: दो दिनों पहले शहर की किदवई नगर सीट से भाजपा विधायक महेश त्रिवेदी ने शहर के जूही पुल के नीचे जलभराव के मामले में पंपिंग स्टेशन की देखरेख करने वाली कंपनी के अफसरों को जमकर फटकारा था. विधायक ने कहा था कि 'हम कुछ करेंगे नहीं...केवल जहां पानी भरा है वहां सामने मैदान में तुम्हें मुर्गा बनाऊंगा और फिर जूतों की माला पहनाऊंगा.' विधायक यहीं चुप नहीं हुए, फटकारते हुए बोले 'आप कंपनी के सीईओ हैं तो क्या मौत के सौदागर हैं? आपको लज्जा नहीं आती है?' इसी तरह विधायक लगातार जिम्मेदारों को अपने अंदाज में फटकारते रहे. विधायक का यह वीडियो सोशल मीडिया वायरल हो रहा है.
केस दो: कुछ दिन पहले ही कानपुर के गुजैनी के पास एक बस्ती में सिंचाई विभाग के अफसरों की ओर से अवैध कब्जों का नोटिस मकानों पर चस्पा किया गया था. इन नोटिसों की जानकारी मिलने के बाद यहां गोविंदनगर सीट से भाजपा विधायक सुरेंद्र मैथानी मौके पर पहुंचते हैं और फिल्मी अंदाज में सिंचाई विभाग के अफसर को फोन पर धमकी देते हैं- विधायक कहते हैं 'सुरेंद्र मैथानी बोल रहा हूं... अगर यहां किसी मकान पर तुम्हारा बुलडोजर चला तो मैं तुम्हें तुम्हारे बुलडोजर के साथ इसी नहर में घुसेड़ दूंगा'. विधायक ने अफसरों को जमकर फटकारा था.
केस तीन: हमेशा ही अपनी गतिविधियों से चर्चा में रहने वाली कानपुर की मेयर प्रमिला पांडेय ने करीब एक माह पहले नगर निगम में अफसरों की बैठक ली थी. मामला शहर में जलभराव से जुड़ा था. मेयर ने अफसरों की बैठक के दौरान ही एक अधिशाषी अभियंता को फटकारा था और कहा था कि 'अगर मैं उस दिन शहर (जिस दिन जलभराव हुआ था, तो मेयर अमरनाथ गई हुईं थीं) में होती तो तुमको उसी पानी में डूबो देती'. मेयर का यह वीडियो भी वायरल हुआ था.
केस चार: तीन जुलाई को शहर की बिठूर विधानसभा सीट से भाजपा विधायक अभिजीत सिंह सांगा ने देर शाम अपने समर्थकों के साथ ग्वालटोली थाना पहुंचकर एक 25 हजार के इनामी अपराधी की पैरवी में थाने का घेराव कर दिया था. विधायक का इस मामले में वीडियो वायरल हुआ था. थाने के अंदर ही विधायक की एक चौकी इंचार्ज से जमकर तू-तू मैं-मैं हुई थी और इस मामले की गूंज सीएम योगी की चौखट तक पहुंची थी.
विकास कार्यों को लेकर लगातार आला अफसरों की होती बैठक, फिर भी स्थितियां बदहाल: शहर में विकास कार्यों को लेकर मंडलायुक्त, डीएम, नगर आयुक्त समेत अन्य जिम्मेदारों की लगातार बैठकें होती हैं. बावजूद इसके शहर में स्थितियां बदहाल हैं. जूही पुल के नीचे जलभराव की समस्या हमेशा होती है. नाला सफाई के नाम पर कागजी आंकड़े तैयार किए जाते हैं. इसी वजह से बारिश में शहर में टापू जैसा नजारा दिखता है. इन मामलों के अलावा कई ऐसे मामले हैं, जहां अफसरों के ढुलमुल रवैए के चलते जनप्रतिनिधि उन पर अपनी स्टाइल से बरसने को मजबूर हैं.
भाजपा जिलाध्यक्ष उत्तर दीपू पांडेय का कहना है कि अगर अफसर नहीं सुन रहे हैं और जनता गुस्से में है परेशान हैं तो हम पहले जनता की आवाज सुनेंगें. कभी-कभार परिस्थितियां होती हैं, जिनमें जनप्रतिधि को आवेश आ जाता है. पर उनकी मंंशा किसी का अहित करना नहीं है. वह भी केवल समस्या का समय से समाधान चाहते हैं.