कांकेर: वन मंडल में अफसर और रेंजर के बीच चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. बीते दिनों रेंजरों के संगठन ने अफसर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. रेंजरों के संगठन का कहना था कि अगर बाबू पर कार्रवाई नहीं की गई तो वो विरोध में हड़ताल पर चले जाएंगे. इस बीच छत्तीसगढ़ वन कर्मचारी संघ ने रेंजरों के आंदोलन को अपना समर्थन दिया है. बीते दस दिनों में कांकेर वन मंडल के भीतर चार रेंजों के रेंज अधिकारी छुट्टी लेकर बैठे गए हैं. अफसरों के छुट्टी लेने से वन विभाग का काम पूरी तरह से ठप पड़ गया है.
हमको जानकारी मिली है कि रेंजरों के संगठन ने वन विभाग का कार्यकारी विंग है उनके द्वारा हमारे एक लिपिक साथी पर दबाव डालकर निरर्थक आरोप लगाकर 3 दिन का अल्टीमेटम दिया गया. हमने मुख्य वन संरक्षक अधिकारी से अपनी मांगों को लेकर चर्चा की है. हमने अपनी मांग भी उनके समक्ष रखी है. आप जो भी कार्रवाई करें एकपक्षीय नहीं करें अपनी जांच को निष्पक्ष रखें. - तरूण देवांगन, प्रांतीय सचिव, छत्तीसगढ़ वन लिपिक कर्मचारी संगठन
कांकेर वन मंडल के लेखा प्रभारी बिरेंद्र नाग के द्वारा कांकेर वन मंडल के रेंजरों को जानबूझकर परेशान किया जा रहा है, रेंजरो के वाउचर चेक बिना कारण आपत्ति लगाकर वापस भेज दिए जाते हैं. परेशानी खड़ी किए जाने के चलते रेंजर काम नही कर पा रहे हैं,यही नहीं लेखा प्रभारी के द्वारा डीएफओ आलोक वाजपेयी को गलत जानकारी देकर गुमराह भी किया जा रहा है. इसी वजह से 8 फरवरी से कांकेर वन मंडल के सभी रेंजर मेडिकल लेकर अवकाश पर चले गए हैं - प्रकाश ठाकुर, प्रदेश अध्यक्ष, रेंजर संघ
विवाद पर बोलने से बच रहे मुख्य वन संरक्षक: कांकेर वन मंडल अधिकारी आलोक वाजपेयी से जब विवाद के संबंध में ईटीवी भारत ने बात करने की कोशिश की तो उन्होने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया. पूरे विवाद के चलते वन विभाग में पूरा काम ठप पड़ा है. रेंजर और वन मंडल के बीच चल रहे विवाद से विभाग की बदनामी अलग हो रही है.