जींद: चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर हिमाचल प्रदेश में मंडी लोकसभा क्षेत्र से नव निर्वाचित सांसद कंगना रनौत को CISF महिला जवान द्वारा मारे गए थप्पड़ मामले में सियासी गलियारों में भी राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है तो वहीं, किसान भी महिला जवान के पक्ष में बैठक कर रहे हैं. महिला जवान को कई किसान संगठनों का साथ मिल रहा है. किसान नेता राकेश टिकैत ने भी महिला जवान का समर्थन किया है. वहीं, जींद के उचाना में किसानों ने सीआईएसएफ कांस्टेबल कुलविंद्र कौर को सम्मानित करने की घोषणा की है.
'कंगना की जुबान पर नहीं कंट्रोल': शुक्रवार को उचाना उपमंडल कार्यालय में चल रहे धरने पर किसानों ने बैठक की. बैठक में सर्वसम्मति से फैसला लिया गया कि कंगना रनौत को थप्पड़ मारने वाली कुलविंद्र कौर की रिहाई के बाद उसे उचाना धरने पर बुलाकर सम्मानित किया जाएगा. बैठक धरना संयोजक आजाद पालवां की अध्यक्षता में ये बैठक हुई. उन्होंने कहा कि जो कुलविंद्र कौर ने कंगना को थप्पड़ जड़ा है उसकी गूंज पूरी दुनिया के अंदर गई है. इस थप्पड़ की चर्चा पूरे देश, दुनिया में हुई. कंगना रनौत अब भी जो बयान दे रही कि उग्रवाद, आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए ये लोग कार्यवाई कर रहे हैं. जबकि देश के अंदर पूरी शांति है.
'अपनी जुबान पर कंट्रोल करें राजनेता': पालवां ने कहा कि आज भी कंगना की जुबान पर कंट्रोल नहीं है. कुलविंद्र कौर की भावनाओं को ठेस पहुंची थी. किसी की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करना, किसी के माता-पिता को कुछ गलत कहना सही नहीं है. इसलिए वे कुलविंद्र कौर के पक्ष में खड़े हैं. उन्होंने कहा कि राजनेताओं ने अपनी जुबान पर अगर कंट्रोल नहीं किया तो देश में गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे. एक क्रांति का आगाज हो चुका है. राजनेताओं को अपनी जुबान पर कंट्रोल रखना चाहिए.
'कंगना ने किसानों पर दिया था विवादित बयान': इस दौरान उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि जेल से बाहर आने पर कुलविंद्र कौर के खिलाफ कोई कार्रवाई सहन नहीं होगी. किसान नेत्री सिक्किम खफा खेड़ी ने कहा कि कंगना रनौत ने किसान आंदोलन के दौरान कहा था कि जो धरने पर किसान, मजदूरों की महिलाएं बैठी हैं, वो 100-100 रुपये लेकर आई है. ऐसे बयान देकर हिंदुस्तान की मां-बहन का अपमान करने का काम किया था. सरकार से मांग करते हैं कि बकायदा जो कुलविंद्र कौर की नौकरी थी उसको वापस दी जाए. बता दें कि इस घटना के बाद महिला कॉन्स्टेबल को सस्पेंड कर दिया गया है. किसानों को लेकर जो बयान दिए गए वो सांसद बनने के लिए दिए गए थे. ताकि कंगना पीएम मोदी की नजर में आए और उसे कोई पद दिया जाए.