भोपाल. बीजेपी से जुड़े सूत्र भी कमलनाथ और सांसद नकुलनाथ (Kamalnath & Nakulnath) का बीजेपी में शामिल होना निश्चित मान रहे हैं. हालांकि, उनका कहना है कि जल्द ही उनकी पीएम मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात होगी और देर शाम तक उनके पार्टी में शामिल होने का औपचारिक ऐलान किया जा सकता है. कमलनाथ के साथ कई विधायकों और पूर्व विधायकों के पार्टी बदलने की संभावना है, जिससे कांग्रेस में सियासी भूचाल आना तय माना जा रहा है.
कमलनाथ के साथ आ सकते हैं इतने विधायक
वैसे ही पिछले विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस के बेहद बुरे हालात हैं. वहीं अब कहा जा रहा है कि कमलनाथ के साथ डेढ़ दर्जन कांग्रेस विधायक और करीब तीन महापौर भी बीजेपी में जा सकते हैं. अगर ऐसा हुआ तो मध्यप्रदेश में कांग्रेस के लिए बेहद बड़ा झटका होगा. जनता पार्टी सरकार के पतन के बाद हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने पहली बार कमलनाथ को छिंदवाड़ा से चुनावी मैदान में उतारा था इसके बाद से ही छिंदवाड़ा को कमलनाथ का गढ़ माना जाता है. बीजेपी की लहर में भी यह सीट कांग्रेस के पास से दूर नहीं जा सकी.
43 सालों से 9 बार सांसद रहे हैं कमलनाथ
कमलनाथ यहां 43 सालों से 9 बार सांसद रहे हैं. इंदिरा गांधी ने इस सीट से कमलनाथ को टिकट देते हुए उन्हें अपना तीसरा बेटा बताया था. कांग्रेस में जब भी कोई संकट का समय आया उस वक्त कमलनाथ हमेशा गांधी परिवार और कांग्रेस के साथ अग्रिम पंक्ति में खड़े रहे हैं पर वे लंबे समय से राहुल व सोनिया गांधी से नाराज भी चल रहे थे. ऐसे में कमलनाथ के पार्टी छोड़ने से कांग्रेस बुरी तरह टूट सकती है और यह उसके लिए सबसे बड़ा सियासी संकट भी हो सकता है.
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कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष विधायकों से कर रहे संपर्क
इसी बीच टूट की कगार पर खड़ी कांग्रेस को बचाने के लिए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार एक-एक विधायक से संपर्क करने की कोशिश में जुटे हुए हैं. कांग्रेस संगठन ने जिला स्तर पर विधायकों से चर्चा करने के निर्देश दिए हैं. दरअसल, इसके पहले साल 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस पार्टी को अलविदा कहकर मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार को गिरा दिया था. वहीं अब कमलनाथ के खुद भाजपा में शामिल होने से कांग्रेस के लिए अपनी सियासी जमीन बचा पाना भी मुश्किल होगा.